टॉप न्यूज़
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में गरमाई सियासत: प्रमोद तिवारी बोले– “पहलगाम हमला भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला”

नई दिल्ली
संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला था। हजारों श्रद्धालु रोज यात्रा कर रहे थे और गृह मंत्रालय सोता रहा। हम जानना चाहते हैं कि इस हमले के पीछे कौन है और क्या सुरक्षा चूक हुई है?”
तिवारी ने यह भी कहा कि देश को जवाब चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं संसद में आकर इस मुद्दे पर स्पष्ट और ठोस बयान देना चाहिए। विपक्ष ने सरकार की खामोशी पर भी नाराजगी जताई और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
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उत्तर प्रदेश
गृह मंत्री के बयान पर अखिलेश समर्थकों का पलटवार, गोरखपुर में पोस्टर वार शुरू

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 30 जुलाई 2025
देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दिए गए बयान के बाद, गोरखपुर में राजनीतिक पारा चढ़ गया है । जवाब में सपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार पोस्टर वार शुरू कर दिया है। सपा नेता और बांसगांव के पूर्व चेयरमैन अंशुमान सिंह द्वारा, गोरखपुर में पैडलेगंज तिराहा सहित तमाम जगहों पर पोस्टर लगाए गए । इस पोस्टर में एक तीखा संदेश दिया गया है, जो तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
पोस्टर में लिखा है –
“पाकिस्तान से तो बात नहीं होती, परंतु देश में गरीबी और बेरोजगारी के हाथों विवश और निराश होकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े इंसान से बात होती है माननीय गृहमंत्री जी।”
इसके साथ ही पोस्टर में एक और बड़ा संदेश दिया गया है:
“हमारी बात हिन्दू से नहीं होती, मुसलमान से नहीं होती, हम आदरणीय नेता जी के अनुयायी हैं, हमारी बात सम्पूर्ण हिन्दुस्तान से होती है।”

यह पोस्टर साफ तौर पर भाजपा के उस नैरेटिव को चुनौती देता दिख रहा है जिसमें धर्म और राष्ट्रवाद की राजनीति को बढ़ावा दिया जाता है।
पोस्टर में समाजवादी पार्टी के कई प्रतिष्ठित नेताओं की तस्वीरें भी हैं, जिनमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, और अन्य शामिल हैं।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पोस्टर न केवल बीजेपी के आलोचनात्मक रुख का प्रतिकार है, बल्कि यह एक नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। गोरखपुर जैसे क्षेत्र में, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और उनका गृह जनपद भी है, वहां इस प्रकार के पोस्टर का लगना सपा के आत्मविश्वास को दर्शाता है।
भाजपा की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस पोस्टर वार पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी और तेज़ हो सकती है।
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अपराध
युवक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, परिजन बोले– पुलिस कर रही थी मानसिक उत्पीड़न

झंगहा, गोरखपुर, 30 जुलाई 2025
गोरखपुर जिले के झंगहा थाना क्षेत्र में एक युवक ने कथित तौर पर पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 22 वर्षीय आकाश के रूप में हुई है, जो डीहघाट गांव का निवासी था।
परिवार वालों का आरोप है कि आकाश पर दहेज उत्पीड़न का झूठा मुकदमा दर्ज होने के बाद, बरही पुलिस चौकी के अधिकारियों ने परिवार से लगातार पैसे की मांग की। पुलिस ने जेल भेजने की धमकी देकर कई बार चौकी बुलाया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
आकाश की चाची रीता देवी ने मंगलवार को जनसुनवाई पोर्टल पर पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि उसी दिन आकाश के पिता को चौकी में बैठाकर शाम को घर भेजा गया और अगले दिन फिर बुलाया गया था। बुधवार की सुबह आकाश ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी।
दहेज उत्पीड़न का मामला था दर्ज
जानकारी के मुताबिक, आकाश की शादी 9 अप्रैल 2024 को कविता नाम की युवती से हुई थी। कविता ने 11 जुलाई को आकाश और उसके परिजनों के खिलाफ एक लाख रुपये नकद और बुलेट बाइक की मांग, गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने आरोपों से किया इनकार, जांच जारी
बरही चौकी प्रभारी दीपक गुप्ता ने कहा कि पैसे मांगने और प्रताड़ना के आरोप निराधार हैं। केस से जुड़े लोगों से सामान्य पूछताछ की गई थी। वहीं, एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि युवक की पत्नी द्वारा दर्ज मुकदमे की जांच की जा रही है और पुलिस पर लगे आरोपों की भी निष्पक्ष जांच होगी।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांव में घटना के बाद से मातम पसरा है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में नकली चायपत्ती का भंडाफोड़: बिहार से आई खेप पकड़ी, पिकअप मालिक पर केस दर्ज

गोरखपुर | 30 जुलाई 2025
गोरखपुर के तिवारीपुर इलाके में पुलिस ने नकली चायपत्ती से भरी एक पिकअप गाड़ी पकड़ी है। यह खेप बिहार से लाई जा रही थी और लालडिग्गी इलाके में उतारने की तैयारी थी। मामले में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच में सामने आया कि चायपत्ती पूरी तरह नकली है और इसमें खतरनाक केमिकल की मिलावट की गई थी।
कैसे सामने आया मामला?
शनिवार रात तिवारीपुर पुलिस ने संदेह के आधार पर एक पिकअप को रोका। गाड़ी में रखे गए बोरों के बारे में ड्राइवर कोई वैध कागज नहीं दिखा सका। जब पुलिस ने जांच की, तो उसमें चायपत्ती भरी पाई गई। ड्राइवर ने बताया कि गाड़ी देवरिया के अश्वनी यादव की है और वह बिहार से यह खेप लेकर गोरखपुर आया था।
जांच में निकला नकली माल
पुलिस ने जब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) को बुलाया, तो जांच में पुष्टि हुई कि चायपत्ती नकली है। इसमें मिलावट के लिए जूते की पालिश में इस्तेमाल होने वाला पाउडर मिलाया गया था। यह चायपत्ती सामान्य पानी में भी रंग छोड़ रही थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है।
साहबगंज मंडी से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार, नकली चायपत्ती को साहबगंज मंडी पहुंचाने की योजना थी। पहले भी मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों में इसी मंडी का नाम सामने आता रहा है। अब यह जांच की जा रही है कि इससे पहले कितनी नकली चायपत्ती बाजार में पहुंच चुकी है।
कैसे पहचानें नकली चायपत्ती
- चायपत्ती को ठंडे पानी में डालें, अगर तुरंत रंग छोड़ती है तो वह नकली हो सकती है।
- पैक पर बनने और एक्सपायरी डेट स्पष्ट होनी चाहिए, ओवरराइटिंग या धुंधली तारीख से सतर्क रहें।
- असली कंपनियों के रैपर की प्रिंटिंग और रंग साफ-सुथरे होते हैं, नकली में अक्सर हल्की छपाई होती है।
- छोटे दुकानदारों को अधिक मुनाफा देकर नकली माल दिया जाता है, सतर्क रहें।

छोटे पैकेट में बड़ा खेल
बाजार में चल रहे नकली सामान का सबसे ज्यादा इस्तेमाल छोटे पैकेटों में हो रहा है। बड़े ब्रांड्स जैसे ‘ताजा चाय’ के नाम पर नकली रैपर छपवाकर मिलावटी माल को असली बताकर बेचा जा रहा है। दिल्ली से छपे रैपर स्थानीय स्तर पर लाकर पैकिंग की जाती है और फिर छोटे दुकानों के जरिये बेचा जाता है।
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ एक चायपत्ती का नहीं, बल्कि आम जनता की सेहत से खिलवाड़ का है। पुलिस और खाद्य विभाग इस नेटवर्क की तह तक जाने में जुटे हैं। जरूरी है कि ग्राहक सतर्क रहें और खाने-पीने की चीजें खरीदते समय सावधानी बरतें।
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उत्तर प्रदेश
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष: यूपी में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, योगी सरकार की योजनाएं रंग ला रहीं

लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 29 जुलाई 2025
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर उत्तर प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र से एक बेहद उत्साहजनक खबर सामने आई है। प्रदेश में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में जहां राज्य में कुल 173 बाघ थे, वहीं 2022 तक यह संख्या बढ़कर 222 हो चुकी है।
यह बढ़ोतरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की वन्य संरक्षण नीति और निरंतर प्रयासों का परिणाम मानी जा रही है। दूधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ और हाल ही में घोषित रानीपुर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में साफ़ इजाफा देखा गया है।
बाघों के संरक्षण हेतु राज्य सरकार ने एम-स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग सिस्टम को सक्रिय रूप से लागू किया है, जिससे बाघों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। साथ ही, वन क्षेत्रों में हैबिटेट इम्प्रूवमेंट पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित किया जा सके।
बाघों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार ने 2019 में ‘बाघ मित्र‘ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम को और सशक्त बनाने के लिए वर्ष 2023 में एक समर्पित मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया, जो आम लोगों को वन्यजीवों की जानकारी और सतर्कता से जोड़ता है।
वन विभाग और स्थानीय समुदायों के सामूहिक प्रयासों से आज यूपी एक बार फिर बाघों की भूमि बनने की ओर अग्रसर है। बाघ संरक्षण उत्तर प्रदेश में पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल बन रही है।
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टॉप न्यूज़
जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में तीन दहशतगर्द ढेर, BJP सांसद संजय जायसवाल बोले – भारत के खिलाफ साजिश रचने वाला बचेगा नहीं

जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को हुए ऑपरेशन में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों के इस सटीक और साहसिक अभियान पर भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
डॉ. जायसवाल ने कहा, “देखिए, यह एक सतत प्रक्रिया है। जो कोई भी भारत के विरुद्ध साजिश रचेगा, वह हर हाल में ऊपर पहुंच जाएगा। यह निश्चित है कि जो भी आतंकी साजिश रचता है, उनमें से एक भी नहीं बचेगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और आतंक के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति पर सख्ती से अमल हो रहा है।
सांसद के इस बयान को आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति और मजबूत इरादों का परिचायक माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार की देशविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
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अपराध
लखनऊ: इंस्टाग्राम बना असलहा तस्करों का नेटवर्क, कृष्णानगर से दो आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश
राजधानी लखनऊ में असलहा तस्करी का चौंकाने वाला तरीका सामने आया है। पुलिस ने कृष्णानगर के गंगाखेड़ा अंडरपास से दो असलहा तस्करों — आयुष सिंह और निशांत पांडे को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी इंस्टाग्राम के जरिए आपस में और ग्राहकों से संपर्क करते थे।
पुलिस के अनुसार, तस्कर हुसड़िया चौराहे पर असलहों की डिलीवरी किया करते थे। सोशल मीडिया के माध्यम से अवैध हथियारों की बिक्री और नेटवर्किंग का यह नया तरीका पुलिस के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनके नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है।
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उत्तर प्रदेश
दीपक मीणा बने गोरखपुर के नए जिलाधिकारी, मेरठ-सिद्धार्थनगर में शानदार सेवाओं के बाद नई जिम्मेदारी

गोरखपुर | 29 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल के तहत आईएएस अधिकारी दीपक मीणा को गोरखपुर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है। 2011 बैच के इस अधिकारी की यह लगातार पांचवीं DM पोस्टिंग है। मेरठ, सिद्धार्थनगर और गाजियाबाद जैसे जिलों में सफल कार्यकाल के बाद अब उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद की कमान सौंपी गई है।
प्रमुख सचिव नियुक्ति एम. देवराज द्वारा जारी सूची के अनुसार, कुल 23 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इनमें गोरखपुर सहित 10 जिलों में नए जिलाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
🎓 IITian से IAS तक: दीपक मीणा का सफर
राजस्थान के मूल निवासी दीपक मीणा का जन्म 15 जुलाई 1986 को हुआ। उन्होंने IIT खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया और टाटा स्टील में काम करते हुए UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2011 में सफलता प्राप्त की। वे उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं और अब तक कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं।
🧑💼 प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता
दीपक मीणा का प्रशासनिक करियर 2012 में आजमगढ़ में जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद वह अलीगढ़, सहारनपुर में भी इसी पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने बुलंदशहर, मैनपुरी, अलीगढ़, आगरा और सहारनपुर में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के रूप में भी कार्य किया है।
📍 जिलाधिकारी के रूप में अनुभव
- श्रावस्ती (2017–2019): बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस
- सिद्धार्थनगर (2019–2022): प्रधानमंत्री से विकास कार्यों के लिए पुरस्कार
- मेरठ (2022–2025): मेरठ महोत्सव का सफल आयोजन, महायोजना 2031 की स्वीकृति
- गाजियाबाद (जनवरी–जुलाई 2025): जनसुनवाई और शिकायत निवारण में सराहनीय पहल
- गोरखपुर (जुलाई 2025–अब): अब नई जिम्मेदारी
🏆 उपलब्धियां जो चर्चा में रहीं
सिद्धार्थनगर में दीपक मीणा ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय कार्य करते हुए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त किया।
मेरठ में “मेरठ महोत्सव” जैसे आयोजनों, मेरठ महायोजना 2031 को मंजूरी और कलेक्ट्रेट परिसर के पुनर्विकास जैसे प्रयासों को लेकर वे चर्चित रहे।
गाजियाबाद में उन्होंने जनता दर्शन और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र को प्राथमिकता दी, जिससे आमजन में उनकी लोकप्रियता और विश्वसनीयता बढ़ी।
🏙 गोरखपुर में चुनौतियाँ और संभावनाएं
गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद है, जो प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील जिला माना जाता है। दीपक मीणा से जनसुनवाई को सशक्त करने, विकास कार्यों को गति देने और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में ठोस कदमों की उम्मीद की जा रही है। उनकी 24×7 जनता के लिए उपलब्धता और सुगठित प्रशासनिक शैली इस दिशा में सहायक साबित हो सकती है।
⚠️ एक विवाद, जो शांतिपूर्वक सुलझाया
2024 में मेरठ में एक प्रोटोकॉल विवाद को लेकर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी से उनका मामूली टकराव चर्चा में आया था, जिसे उन्होंने बिना किसी टकराव के कुशलता से संभाल लिया।
🔁 यूपी में बड़े प्रशासनिक फेरबदल
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात 23 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया, जिसमें 10 जिलों के डीएम बदले गए।
- गोरखपुर: दीपक मीणा
- गाजियाबाद: रवींद्र कुमार मंडर
- प्रयागराज: मनीष कुमार वर्मा
- गौतमबुद्धनगर: मेधा रूपम
- बहराइच: मोनिका रानी (नई जिम्मेदारी: बेसिक शिक्षा विभाग)
- गोंडा: नेहा शर्मा (नई जिम्मेदारी: महानिरीक्षक, निबंधन)
इस फेरबदल को योगी सरकार की प्रशासनिक कुशलता को और मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
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