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उoप्रo के मुख्यमंत्री फेल हो चुके हैं कितने भी दिल्ली वाले आएं, उनको बचा नहीं पाएंगे: अखिलेश यादव सपा सुप्रीमो

गोरखपुर ग्रामीण
ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में ही गुल हुई बिजली, पांच घंटे बाद लौटी आपूर्ति, बढ़ा जन आक्रोश

पूर्वांचल भारत न्यूज़, गोरखपुर।
उरुवा बाजार क्षेत्र में बिजली संकट लगातार गंभीर होता जा रहा है। यहां प्रतिदिन लगभग पांच से छह घंटे बिजली की कटौती अब सामान्य बात बन चुकी है। हालात तब और हैरान करने वाले हो गए जब गुरुवार को नगर पंचायत कार्यालय भवन का लोकार्पण करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री एके शर्मा की उपस्थिति में ही बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। कार्यक्रम स्थल पर जनरेटर की व्यवस्था पहले से थी, इसलिए मंच पर इसका असर नहीं दिखा, लेकिन मंत्री के प्रस्थान के बाद क्षेत्र में करीब पांच-छह घंटे तक बिजली नहीं आई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली कटौती की यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति धुरियापार विद्युत उपकेंद्र से की जाती है, जहां अक्सर तकनीकी खराबी के चलते आपूर्ति बाधित हो जाती है। कभी 33 केवी लाइन में फॉल्ट, तो कभी 11 केवी लाइन में खराबी के कारण कई घंटों तक आपूर्ति ठप रहती है।
जनता में नाराज़गी, उपभोक्ता कर रहे विरोध की तैयारी
लगातार और अनियमित कटौती से उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है। व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, और घरों में पानी का संकट खड़ा हो गया है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली विभाग के अभियंता जानबूझकर आपूर्ति रोकते हैं ताकि फॉल्ट कम हों और उन्हें मरम्मत के झंझट से बचना पड़े। उपभोक्ता इसे खुली विभागीय लापरवाही मान रहे हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं भी बाधित
क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की सेवाएं भी बिजली संकट से प्रभावित हो रही हैं। गर्म और उमस भरे मौसम में जहां मरीजों की देखभाल कठिन हो रही है, वहीं डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी परेशान हैं।
रतनपुर और विधनापार जैसे गांवों में स्थिति और भी खराब
इन क्षेत्रों में बिजली कटौती न केवल आम है, बल्कि जब बिजली आती भी है तो वोल्टेज इतना कम रहता है कि पंखे, कूलर या अन्य उपकरण चलाना जोखिम भरा हो जाता है। लोग उपकरणों को बंद रखना ही बेहतर समझते हैं, जिससे सामान खराब होने से बच सके।
धुरियापार उपकेंद्र का जेई निकला गैरजिम्मेदार
गुरुवार रात जब बिजली आपूर्ति बाधित हुई, तब धुरियापार उपकेंद्र के कनिष्ठ अभियंता (JE) त्रिलोकी मद्धेशिया समस्या का समाधान करने के बजाय कुशीनगर अपने कपड़े लेने चले गए। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली बहाली का जिम्मा ठेके पर कार्यरत कर्मियों पर छोड़ दिया गया, जिससे बहाली में देरी हुई। इस पर सिकरीगंज के अधिशासी अभियंता श्री संतोष कुमार ने कहा कि यदि जेई बिना अनुमति गए थे, तो यह स्पष्ट लापरवाही मानी जाएगी। वहीं एसडीओ श्री आशीष कुमार मिश्रा ने कहा कि जेई ने मौखिक अनुमति ली थी और शुक्रवार को ड्यूटी पर लौट आए।
24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावों पर उठ रहे सवाल
स्थानीय उपभोक्ताओं – अमित कुमार, साहब सिंह, धरम जायसवाल, कमलेश यादव, अमरनाथ सिंह , अखिलेश मिश्रा, बिरेंद्र मौर्य, पप्पू शेख, यशवन्त मौर्य, प्रदीप त्रिपाठी, श्रवण मौर्य, राकेश यादव, विजय आनन्द, अनिल मौर्य, गणेश गौड़, आदि का कहना है कि प्रदेश सरकार भले ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा कर रही हो, लेकिन उरुवा क्षेत्र में यह ज़मीनी सच्चाई से कोसों दूर है। यहां विभागीय लापरवाही और अभियंताओं की मनमानी से आम जनता परेशान है।
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गोरखपुर ग्रामीण
नगर पंचायत उरुवा को मिला नया कार्यालय भवन, मंत्री एके शर्मा ने किया लोकार्पण

गोरखपुर (उरुवा), www.purvanchalbharatnews.com:
नगर पंचायत उरुवा में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा जब नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री मा. एके शर्मा ने नवनिर्मित कार्यालय भवन का फीता काटकर विधिवत गृह प्रवेश किया। यह भवन 179.76 लाख रुपये की लागत से निर्मित हुआ है।

इस मौके पर मंत्री ने 26 पूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण और 121 नई परियोजनाओं का शिलान्यास कर उरुवा क्षेत्र को लगभग 26 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दी।

समारोह को संबोधित करते हुए विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि नगर पंचायत के सभी कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि शासन की नीतियों व नियमों के अनुरूप कार्य करें और किसी भी तरह के दबाव में आकर निर्णय न लें।

इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से विधायक राजेश त्रिपाठी, नगर पंचायत अध्यक्ष रामफेर कन्नौजिया, प्रतिनिधि नवीन कुमार उर्फ मुन्ना सिंह, अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा, एसडीएम गोला अमित कुमार जायसवाल, मो. आसिफ अखलाक, कृष्ण गोपाल त्रिपाठी, कृपाशंकर उर्फ जुगनू दुबे, गौरीशंकर मिश्रा, बेद प्रकाश सिंह, अभिमन्यु सिंह, इंद्रजीत पांडेय, सर्वेश मिश्रा, भीम सिंह और नगर पंचायत उरुवा के सभी सभासदगण उपस्थित रहे।

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आज विद्युत उपकेंद्र गोला, हरपुर, धुरियापार, विधनापार से तीन घंटे बाधित रहेगी विद्युत आपूर्ति

आज तीन घंटे बाधित रहेगी विद्युत आपूर्ति
निर्माणाधीन 132 केबीए खजनी- गोला लाइन भगवानपुर पर तार खिंचने के कारण 220KV PGCIL- गोला लाईन का शट डाउन दिनांक 29/06/2025 को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रस्तावित है. इस दौरान उपकेंद्र गोला, हरपुर, धुरियापार, विधनापार के 33 के०वी० सप्लाई सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक तीन घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी. उक्त जानकारी विद्युत विभाग के उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी ने दी है।

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प्राइवेट पैथोलॉजी संचालकों के कब्जे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरुवा

उरुवा बाजार, गोरखपुर
वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरुवा बाजार प्राइवेट पैथोलॉजी के साथ-साथ फर्जी पैथोलॉजी वालों का गढ़ बन चुका है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरुवा पर खून चुसवा गैंग के मकड़जाल के कब्जे में है। हालांकि, सरकार द्वारा बीमारी से संबंधित सभी जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था की गई है, लेकिन यहां काम करने वाले चिकित्सकों की आर्थिक भूख रुक नहीं रही है। चिकित्सक प्राइवेट पैथोलॉजी पर भारी कमीशन की लालच में अपने जमीर को बेचने को मजबूर हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरुवा पूरी तरह प्राइवेट पैथोलॉजी संचालकों के गिरफ्त में है, हालांकि यह राज्य के मुखिया योगी आदित्यनाथ का गृह नगर है। पैथालॉजी संचालकों और उनके दर्जनों लड़के हॉस्पिटल से हर दिन सुबह सात बजे से रात दस बजे तक बल्ड सैंपलिंग करते दिखेंगे।
जानकारी के अनुसार, उरुवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वार्ड से एक निजी पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट बहुत वायरल हो रही है।
जब मरीज के एक शिक्षित रिश्तेदार ने जांच रिपोर्ट देखा, तो पता चला कि इसमें न तो पैथोलॉजी का स्थान था, न ही रजिस्ट्रेशन नंबर था, और इसमें दिए गए एकमात्र मोबाइल नंबर से भी संपर्क नहीं हो रहा था. यह खबर सोशल मीडिया में वायरल होते ही चिकित्सकों और लैब संचालकों को पसीने छुटने लगे ।
जानकारी के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अरांव जगदीश के पीकू(PICU )सेंटर के चिकित्सक ने बुधवार की रात लगभग 8:30 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरुवा के इमरजेंसी वार्ड में रात का शिफ्ट कार्य किया था। उन्होंने मरीज की जांच के बाद उनके परिजनों को ब्लड टेस्ट कराने की बात कही। चिकित्सक ने फर्जी पैथोलॉजी के संचालक को बुलवाकर ब्लड का सैंपल लिया। क्षेत्र में फर्जी जांच रिपोर्ट के नाम पर लोगों से पैसे लेने की खूब चर्चा है।
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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2025 – पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी को आसान बनाना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा सामूहिक विवाहों का आयोजन कर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
सामूहिक विवाह योजना

- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” है।
- यह योजना राज्य के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत सरकार सामूहिक विवाह कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें कन्याओं की शादी धूमधाम से कराई जाती है और उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाती है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मदद करना है, ताकि वे अपनी बेटियों की शादी बिना किसी आर्थिक बोझ के कर सकें। इसके अलावा, यह योजना दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की दिशा में भी एक ठोस कदम है। सामूहिक विवाह के आयोजन से शादी का खर्च कम होता है और समानता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को ₹51,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती है। साथ ही विवाह समारोह का आयोजन सरकार द्वारा कराया जाता है, जिसमें भोजन, पंडाल, फोटोग्राफी और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं होती हैं।
योजना के लाभ–
- वित्तीय सहायता – इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 51,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
- निःशुल्क विवाह आयोजन – सामूहिक विवाह के तहत सरकार द्वारा विवाह समारोह का आयोजन किया जाता है।
- सामाजिक समानता – इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद मिलती है और समाज में समानता की भावना उत्पन्न होती है।
- दहेज प्रथा पर रोक – सरकार की ओर से सहायता मिलने से दहेज प्रथा को हतोत्साहित किया जाता है।
- विवाह के लिए आवश्यक सामग्री – नवविवाहित जोड़े को उपहार के रूप में गृहस्थी के लिए जरूरी सामान भी प्रदान किया जाता है।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक पात्रता और दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
पात्रता:
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक परिवार की सालाना आय ग्रामीण क्षेत्र में ₹2 लाख और शहरी क्षेत्र में ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- केवल बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के लोग ही योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- लड़की और लड़के का जन्म प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड या गरीबी रेखा प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक - पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का आवेदन करना बेहद आसान है। आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है:
ऑनलाइन आवेदन – इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (www.shadianudan.upsdc.gov.in) पर जाना होगा।
पंजीकरण फॉर्म भरें – आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
सत्यापन प्रक्रिया – आवेदन जमा करने के बाद संबंधित अधिकारी दस्तावेजों की जांच करेंगे।
स्वीकृति – पात्रता सुनिश्चित होने के बाद लाभार्थी को योजना का लाभ दिया जाएगा।
सामूहिक विवाह समारोह – स्वीकृत आवेदनों के आधार पर सरकार सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करेगी।
- पात्र पाए जाने पर आपका नाम सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा।
ये भी पढ़ें…पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी से ईडी ने की पूछताछ, 754 करोड़ के बैंक घोटाले में पूछे सवाल
योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना पूरे प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू की गई है।
अब तक हजारों गरीब कन्याओं की शादी इस योजना के माध्यम से करवाई जा चुकी है।
हर जिले में सामूहिक विवाह की तिथियां अलग-अलग होती हैं, इसलिए आवेदकों को समय-समय पर वेबसाइट पर जानकारी लेते रहनी चाहिए।

निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों के लिए एक उम्मीद की किरण है। यह योजना न केवल बेटियों के विवाह को आसान बनाती है, बल्कि सामाजिक कुरीतियों को भी खत्म करने में मदद करती है। इससे हजारों परिवारों को राहत मिली है और बेटियों की शादी एक उत्सव के रूप में संपन्न हो रही है।
यदि आप इस योजना की पात्रता रखते हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसे इस योजना का लाभ मिल सकता है, तो उन्हें जल्द से जल्द आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में ही गुल हुई बिजली, पांच घंटे बाद लौटी आपूर्ति, बढ़ा जन आक्रोश
- नगर पंचायत उरुवा को मिला नया कार्यालय भवन, मंत्री एके शर्मा ने किया लोकार्पण
- उरुवा बाजार में नव-निर्मित नगर पंचायत कार्यालय भवन का लोकार्पण आज, मंत्री ए. के. शर्मा करेंगे उद्घाटन
- बिजली बिल भुगतान के लिए यूपीपीसीएल ऐप का उपयोग करें – राम कवल शर्मा
- आज विद्युत उपकेंद्र गोला, हरपुर, धुरियापार, विधनापार से तीन घंटे बाधित रहेगी विद्युत आपूर्ति
- प्राइवेट पैथोलॉजी संचालकों के कब्जे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरुवा
उत्तर प्रदेश
खराब परफारमेन्स और लापरवाही के मामले में मुख्य अभियन्ता सहित कई अधिकारियों पर कार्रवाई

लखनऊ, 09 अप्रैल 2025
उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने आज प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा बैठक में गर्मियों में विद्युत आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए। मुख्य अभियन्ता सहित कई अधिकारियों पर खराब परफारमेन्स और लापरवाही पर भी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि अगर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होता है, तो संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति मिलनी चाहिए।
उन्होंने प्रदेश भर के वरिष्ठ विद्युत अधिकारियों को कहा कि प्रबन्ध निदेशक अपने स्तर से उन लोगों पर कार्रवाई करे जो विद्युत बिल वसूलने में पीछे हैं। खराब परफारमेन्स पर मुख्य अभियन्ता-|| गोरखपुर, अधीक्षण अभियन्ता EDC-| गोरखपुर और अधीक्षण अभियन्ता देवरिया को विपरीत प्रविष्टि के निर्देश दिए गए।

उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एवं अन्य वितरण निगमों के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने आज विद्युत वितरण निगमों के कार्य की समीक्षा बैठक में कहा कि 100 KV से ऊपर के ट्रासंफार्मर छतिग्रस्त होने पर अधिशाषी अभियन्ता, एसडीओ एवं अवर अभियन्ता को के खिलाफ कार्यवाही कर अवगत करायें।
उनका कहना था कि ट्रांसफार्मर छतिग्रस्तता प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में बाधा का सबसे बड़ा कारण है। अधिकांश गर्मियों में विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफार्मर की छति से विद्युत आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होती है। प्रदेश में जहां भी ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होगा, अधिशाषी अभियन्ता, एस0डी0ओ0 और अवर अभियन्ता को नियम 10 का नोटिस देकर सभी से ट्रांसफार्मर का पूरा खर्च वसूला UPPCL जाएगा।

UPPCL CHAIRMAN- Ashish Kumar Goyal
बैठक में सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में ट्रांसफार्मर की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए पर्याप्त धन दिया गया है। अब किसी की लापरवाही से ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने पर जिम्मेदारी निर्धारित होगी। उन्होने कहा कि ट्रांसफार्मर को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए निरंतर सजगता बरतनी चाहिए। शत-प्रतिशत ट्रांसफार्मर जॉच कर यह सुनिश्चित करिये कि वह डैमेज नहीं होगा।
अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं को जल्दी हल करते रहना चाहिए। अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील होना चाहिए। उपभोक्ता की समस्याओं को तुरंत हल करें।

अध्यक्ष ने कहा कि विद्युत संबंधी सभी कार्यों का थर्ड पार्टी अनुसंधान सुनिश्चित करना चाहिए। उपभोक्ताओं को सही समय पर बिल मिलने के सख्त निर्देश दिए गए।
डा० आशीष कुमार गोयल ने ई-आफिस में तेजी लाने के निर्देश दिए, जो विद्युत कार्यालयों की कार्यकुशलता और सुचिता को बढ़ाता है। उन्हें भी बायोमैट्रिक उपस्थिति को शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया।
अध्यक्ष ने स्मार्ट मीटरिंग के काम में भी तेजी लाने का आदेश दिया।
अध्यक्ष ने केस्को के व्यवहार से असंतोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि यहॉ की तुलना में ऐसे शहरों में परफार्मेंस बेहतर है। उन्होंने केस्को के प्रबन्ध निदेशक को व्यापक समीक्षा और उपायों की सिफारिश की एवं कार्यवाई के निर्देश दिये।।
कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार सहित सभी डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक, निदेशक, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता इस बैठक में गोमतीनगर के लोकल बॉडीज निदेशालय में उपस्थित थे।
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यूपी: पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ, मुंबई सहित दस ठिकानों पर छापे, ईडी ने की कार्रवाई

Vinay Shankar Tiwari, विधायक: ईडी ने सोमवार की सुबह यूपी के चिल्लूपार से पूर्व विधायक और सपा नेता विनय शंकर तिवारी के लखनऊ और मुंबई सहित दस स्थानों पर छापेमारी की।
ईडी ने गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई सहित देश भर में लगभग दस स्थानों पर सपा नेता और चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की जांच की है। इस कार्रवाई को सोमवार की सुबह एक साथ अंजाम दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि ED ने उनके खिलाफ चार्जशीट बनाई थी। उसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ED की जांच में पता चला कि बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम ने मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड को अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं दी थीं। बाद में उन्होंने बैंकों की रकम को वापस नहीं किया, बल्कि इस रकम को अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया। बैंकों के कंसोर्टियम को इससे लगभग 754.24 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

ईडी पहले भी जब्त कर चुका है संपत्तियां
नवंबर 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। ED ने विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम से लगभग 1129.44 करोड़ रुपये की चोरी के मामले में यह कार्रवाई की थी। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ED ने विनय तिवारी, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनमें कृषि योग्य भूमि, व्यवसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड आदि शामिल हैं।
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- नगर पंचायत उरुवा को मिला नया कार्यालय भवन, मंत्री एके शर्मा ने किया लोकार्पण
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