पूर्वांचल भारत न्यूज़ गोरखपुर
श्रीराम रेखा सिंह इण्टर कालेज उरूवा का मामला
कभी बेहतर पढ़ाई के लिए जाना जाता था।शिक्षा के साथ बेहतर अनुशासन इसकी पहचान हुआ करती थी।लेकिन वर्तमान समय में यह विद्यालय गर्त में जाता हुआ दिख रहा है।इसका कारण यहां के प्रिंसपल का तानाशाही रवैया बताया जाता है।प्रिंसिपल की मनमानी के कारण शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया यह बात विद्यालय में आयोजित शिक्षक अभिभावकों संघ की बैठक में खुलकर सामने आयी।
बैठक की शुरुआत में ही विद्यालय के शिक्षकों ने प्रिंसिपल से नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए क्लास में 120 बच्चों को पढ़ाने की बात कहते हुए अधिक एडमिशन पर टीचर सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात रखी।
शिक्षकों ने छात्रों की अनुसाशन हीनता पर अपनी सुरक्षा की मांग किया।
विद्यालय के शिक्षक संतोष कुमार ने पश्चिमी गेट के नाली पर स्लैब डलवाने की बात कही।उन्होंने कहा कि यदि स्लैब नहीं पड़ा तो कभी भी कोई छात्र/छात्रा घायल हो सकते हैं।
बैठक के बीच प्रिंसिपल व विद्यालय के अध्यापकों के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई।अभिभावकों ने भी अपनी बात रखी।
अभिभावकों से हुई बात-चीत में पता चला कि कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को विद्यालय में कभी भी मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं मिलता।
इतना ही नहीं यहां मनमाने तरीके से यही से कक्षा 8 पास करके कक्षा 9 में गए विद्यार्थी को फेल कर दिया जाता है।एक अभिभावक ने करोना काल का हवाला देते हुए बताया कि उस समय सरकार ने हाईस्कूल के बच्चों को बगैर परीक्षा लिए विद्यालय के रिपोर्ट पर पास कर दिया था लेकिन यहीं मेरे बच्चे को नौंवी क्लास में फेल कर दिया गया।यह भी जानकारी मिली कि विद्यालय में एडमिशन के लिए जुगाड़ और सोर्स के दम पर यहां एडमिशन लिया जाता है।दलाल व चापलूस टाइप के लोगों का प्रिंसिपल द्वारा कोटा निर्धारित किया गया है।कि वह कितने एडमिशन करा सकता है।वहीं आम मेधावी लड़के का बिना सोर्स एडमिशन नहीं होता।
इस मामले में हमने आरआर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य अनिल मिश्रा से उनका पक्ष जानने का काफी प्रयास किया लेकिन स्विच ऑफ होने के कारण बात नहीं हो सकी।जबकि उनका पक्ष मिलेगा प्रकाशित किया जाएगा।