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SDRF UP का राहत अभियान जारी: प्रयागराज में 573 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हाल ही में आई बाढ़ के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस संकट की घड़ी में राज्य आपदा मोचन बल (SDRF UP) ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाली है। SDRF UP के कमांडेंट डॉ. सतीश कुमार के निर्देशन में प्रशिक्षित टीमें अत्याधुनिक उपकरणों और सुरक्षा साधनों के साथ लगातार सक्रिय हैं।
बचाव कार्यों का दायरा
अब तक SDRF की टीमों ने प्रयागराज जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों – कैंट के राजापुर व गंगापुर, दारागंज के छोटा बघाड़ा सलोरी और मौलवीगंज में सघन राहत अभियान चलाया है। इन प्रयासों के माध्यम से 573 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों तक पहुँचाया गया है।

जनसेवा के बहुआयामी पहलू
SDRF की टीमों ने न सिर्फ लोगों की जान बचाई, बल्कि उन्हें राहत सामग्री भी मुहैया कराई। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से राशन किट, पीने का साफ पानी, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री और अन्य जरूरी सामान प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किया गया।

मुख्य कार्य जो SDRF ने संपन्न किए:
- बाढ़ में फंसे वृद्ध, महिलाएं और बच्चों की सुरक्षित निकासी।
- मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में प्राथमिक उपचार और गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुँचाना।
- नावों के जरिए गांवों और टापुओं तक राहत सामग्री पहुँचाना।
- स्थानीय लोगों को आपदा के प्रति जागरूक करना और सुरक्षा उपायों की जानकारी देना।
24 घंटे का नियंत्रण कक्ष सक्रिय
SDRF UP के कमांडेंट डॉ. सतीश कुमार की निगरानी में राहत कार्यों की 24×7 मॉनिटरिंग की जा रही है। नियंत्रण कक्ष के माध्यम से सभी टीमें आपस में समन्वय बनाकर कार्य कर रही हैं ताकि किसी भी नागरिक को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

SDRF UP का उद्देश्य
राज्य आपदा मोचन बल का मुख्य लक्ष्य आपदा के समय तेज प्रतिक्रिया देना, जनसामान्य को राहत पहुँचाना और सुरक्षा का भरोसा कायम रखना है। SDRF की यह सक्रियता लोगों में सुरक्षा का संबल बनी हुई है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
अर्पित गुप्ता
उप निरीक्षक (मीडिया सेल प्रभारी)
राज्य आपदा मोचन बल, उत्तर प्रदेश
मोबाइल: 8505879695
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आजमगढ़
112 पुलिस गश्त में मिला लापता व्यक्ति, परिवार ने की पहचान, लेकिन अब फिर खोज जारी

आजमगढ़/बाराबंकी
कभी-कभी ज़िंदगी इतनी अजीब मोड़ पर ला खड़ी करती है… जहां अपनों की तलाश एक इंतज़ार में बदल जाती है… और इंतज़ार… एक उम्र में।
“25 साल… पूरे 25 साल तक एक परिवार अपने चाचा, अपने भाई, अपने बेटे की राह देखता रहा।
और अब… जब एक उम्मीद की किरण मिली, तो किस्मत ने एक बार फिर वही क्रूर खेल खेला।”
“एक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से….
जहां एक परिवार ने 25 साल पहले खोया हुआ अपना सदस्य हाल ही में बाराबंकी जिले के कोठी थाना क्षेत्र में देखा गया।”
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के ग्राम बगहवा, थाना रौनापार निवासी अमित यादव ने एक मार्मिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनके चाचा शुभकरन यादव, जो पिछले 25 वर्षों से घर से लापता थे, हाल ही में बाराबंकी जिले के कोठी थाना क्षेत्र में देखे गए। 25 साल बाद मिला चाचा का सुराग, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण बाराबंकी से फिर लापता हो गए।
जानकारी के अनुसार, 23 और 24 जुलाई 2025 की रात, कोठी थाना क्षेत्र में 112 डायल पुलिस की गश्त टीम अपनी नियमित ड्यूटी कर रही थी। उसी दौरान उन्होंने एक व्यक्ति का वीडियो रिकॉर्ड किया, जो मानसिक रूप से अस्थिर प्रतीत हो रहा था। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, तब अमित यादव के चाचा के भाई गंगा यादव ने उनकी पहचान की और पुष्टि की कि वह व्यक्ति शुभकरन यादव पुत्र राम अवध यादव ही हैं।
परिवार तुरंत बाराबंकी पहुंचा, लेकिन तब तक वह व्यक्ति वहां से फिर से लापता हो चुका था। बताया जा रहा है कि उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, और ऐसे में उनका कहीं भटक जाना बेहद खतरनाक हो सकता है।
अब परिवार ने जनता से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को यह लापता व्यक्ति कहीं दिखाई दें, तो वे तत्काल नीचे दिए गए किसी भी नंबर पर संपर्क करें।
📞 संपर्क नंबर:
- 7521815841, 8765905200, 8737999088, 9125723956, 6394289078
परिवार की भावनात्मक अपील:
“आपका एक फ़ोन हमारे लिए 25 साल के इंतज़ार का अंत हो सकता है। कृपया इस सूचना को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि हमारे चाचा को वापस घर लाया जा सके।”
वीडियो स्रोत:
वायरल वीडियो 112 पुलिस टीम द्वारा गश्त के दौरान रिकॉर्ड किया गया था और इसके आधार पर पहचान की गई।

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उत्तर प्रदेश
अलीगढ़ को ₹958 करोड़ की सौगात, सीएम योगी ने रक्षाबंधन से पहले स्वदेशी अपनाने की अपील की

अलीगढ़, 05 अगस्त 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलीगढ़ के नुमाइश मैदान में एक भव्य समारोह के दौरान ₹958 करोड़ की 186 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने इसे रक्षाबंधन से पहले अलीगढ़ को विकास का उपहार बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और अपने स्वजनों को इन्हें गिफ्ट करें।
📌 विकास की बड़ी सौगातें:
इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से 900 किलोलीटर जलाशय, डिग्री कॉलेज, पेयजल पुनर्गठन योजना, रेलवे मार्ग का चौड़ीकरण, और विधि विज्ञान प्रयोगशाला जैसी योजनाएं शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह सभी योजनाएं अलीगढ़ की स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति और नवीन पहचान देंगी।
🛡️ डिफेंस कॉरिडोर और आत्मनिर्भर भारत:
सीएम योगी ने कहा कि अलीगढ़ अब केवल ताला और हार्डवेयर के लिए ही नहीं, बल्कि ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोन निर्माण जैसे डिफेंस उत्पादों के लिए भी जाना जा रहा है। उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर को उत्तर प्रदेश की आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम बताया।
🗝️ अलीगढ़ की पहचान – ODOP और ताला उद्योग:
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अलीगढ़ का ODOP (One District One Product) – ताला और हार्डवेयर उद्योग – आज वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। इससे हजारों कारीगरों को रोजगार मिल रहा है और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
🇮🇳 स्वदेशी अपनाने की अपील:
सीएम ने ज़ोर देकर कहा कि “अगर हमारा पैसा हमारे कारीगरों और हस्तशिल्पियों के पास जाएगा, तो यह विकास का आधार बनेगा। लेकिन यही पैसा अगर विदेशी कंपनियों को जाएगा, तो उसका उपयोग आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों के लिए हो सकता है।” उन्होंने रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और अन्य त्योहारों पर स्वदेशी उत्पादों को गिफ्ट देने की अपील की।
🏡 जनकल्याण योजनाओं का वितरण:
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, पीएम आवास योजना, आयुष्मान भारत, पोषण किट, और टैबलेट वितरण जैसी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, सहायता राशि और सामग्री प्रदान की।
🌿 स्वच्छता और हर घर तिरंगा अभियान:
सीएम योगी ने लोगों से स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाने और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की अपील की। साथ ही 13 से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा फहराने और शहीद स्मारकों की सफाई का आह्वान किया।
🔥 अराजकता से विकास की ओर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश दंगों और अराजकता से जूझ रहा था, लेकिन आज राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। निवेश और रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। हाल ही में हुई 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती में अलीगढ़ से 1,344 युवाओं का चयन हुआ, जो गर्व की बात है।
📚 शिक्षा और विरासत:
सीएम योगी ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का भी उल्लेख किया, जो जल्द ही अलीगढ़ को उच्च शिक्षा का नया केंद्र बनाएगा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
📦 निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अलीगढ़ दौरा केवल परियोजनाओं का लोकार्पण भर नहीं था, बल्कि यह स्वदेशी, आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक विरासत और जनकल्याण का समागम भी था। रक्षाबंधन से पहले यह सौगात अलीगढ़ के लिए उम्मीदों और संभावनाओं का प्रतीक है।
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अपराध
प्रेमी संग नई ज़िंदगी की चाहत में पत्नी ने करवाई पति की हत्या, 50 हजार में दी सुपारी

दिल्ली
राजधानी दिल्ली के अलीपुर इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां 34 वर्षीय सोनिया नाम की महिला ने अपने प्रेमी के लिए अपने पति की हत्या करवा दी। हत्या की इस खौफनाक साजिश को सोनिया ने बेहद शातिर अंदाज़ में अंजाम दिया, लेकिन एक छोटी सी चूक ने पूरे मामले की पोल खोल दी।
सोनिया ने 16 साल की उम्र में प्रीतम नाम के युवक से लव मैरिज की थी, जो आपराधिक प्रवृत्ति का था और नशे की लत का शिकार था। शादी के बाद सोनिया का जीवन बेहद कठिन हो गया था। प्रीतम आए दिन मारपीट और अत्याचार करता था।
इसी दौरान सोनिया की सोशल मीडिया पर एक कैब ड्राइवर रोहित से दोस्ती हो गई, जो जल्द ही प्रेम संबंध में बदल गई। दोनों एक साथ नई ज़िंदगी शुरू करना चाहते थे। इसके लिए सोनिया ने अपने पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
सोनिया ने अपने ही बहन के देवर विजय को 50 हजार रुपये की सुपारी देकर सोनीपत में पति प्रीतम की हत्या करवा दी और उसकी लाश एक नाले में फिंकवा दी। इसके बाद सोनिया ने खुद ही पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, ताकि किसी को शक न हो।
लेकिन हत्या के बाद सोनिया ने एक बड़ी गलती कर दी—उसने प्रीतम का मोबाइल अपने पास रख लिया। पुलिस ने जब मोबाइल ट्रैक किया, तो उसकी लोकेशन सोनीपत में मिली, जहां से लाश बरामद हुई थी।
इसके बाद पुलिस ने रोहित पर नज़र रखनी शुरू की और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में रोहित टूट गया और पूरी कहानी सामने आ गई। जब पुलिस ने सोनिया से पूछताछ की, तो उसने भी पति की हत्या के लिए विजय को पैसे देने की बात कबूल कर ली।
पुलिस ने रोहित, सोनिया और विजय को हिरासत में ले लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर की बेटी अंशिका यादव ने हॉन्गकॉन्ग में रचा इतिहास, कुश्ती में जीता गोल्ड मेडल

यस.एन. मिश्रा, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के खजनी क्षेत्र के छोटे से गांव जमौली बुजुर्ग की 17 वर्षीय अंशिका यादव ने दुनिया को दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
अंशिका ने हॉन्गकॉन्ग चाइना इंटरनेशनल रेसलिंग प्रतियोगिता 2025 में 73 किलो ग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर भारत और गोरखपुर का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया।
🎯 मेहनत और लगन से मिली जीत
अंशिका की यह सफलता अचानक नहीं आई, इसके पीछे है उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और नियमित अभ्यास।
उन्होंने स्वर्गीय श्री ज्ञान सिंह व्यायामशाला में अपने कोच श्याम पाल के मार्गदर्शन में कुश्ती सीखी।
गोरखपुर कुश्ती संघ के अध्यक्ष दिनेश सिंह का भी उन्हें हमेशा सहयोग मिला।
इस प्रतियोगिता में JWS बेंगलुरु की तरफ से भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंशिका ने कई अनुभवी अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को हराया।
उनके सटीक दांव और आत्मविश्वास के सामने बड़े-बड़े खिलाड़ी टिक नहीं पाए।
🏡 गांव से ग्लोबल मंच तक
गांव की मिट्टी से निकलकर हॉन्गकॉन्ग जैसे वैश्विक मंच तक पहुंचना अंशिका की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
आज गोरखपुर से लेकर दिल्ली तक हर जगह लोग उन्हें “गोरखपुर की शेरनी” कहकर सम्मान दे रहे हैं।
गांव में जश्न का माहौल है और हर कोई इस बेटी की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।
🔮 अगला लक्ष्य: एशियन गेम्स और ओलंपिक
अंशिका यहीं नहीं रुकना चाहतीं। उनका अगला लक्ष्य है एशियन गेम्स और ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना।
उनके कोच श्याम पाल का कहना है,
“अंशिका में जुनून और ताकत दोनों हैं। वह आने वाले वर्षों में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।”
💡 प्रेरणा बनी अंशिका
अंशिका की यह कहानी उन हर लड़की के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों या गांवों में रहकर भी बड़े सपने देखती हैं।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि
“अगर मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।”
📌 निष्कर्ष: गोरखपुर की बेटी अंशिका यादव ने यह दिखा दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं। उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि हर देशवासी के लिए गर्व की बात है।
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उत्तर प्रदेश
वाराणसी में दिल दहला देने वाली घटना: पारिवारिक कलह में पिता ने दो मासूमों के साथ गंगा में लगाई छलांग, बच्चे लापता

वाराणसी, उत्तर प्रदेश | सोमवार, 4 अगस्त 2025
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। पारिवारिक विवाद के चलते चिरईगांव थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव निवासी दुर्गा सोनकर (30) ने अपने दो मासूम बेटों के साथ गंगा नदी में छलांग लगा दी।
🔴 घटना का पूरा विवरण :
घटना सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे की है। चिरईगांव थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव निवासी दुर्गा सोनकर (30) सोमवार को अपने दो बेटों संदीप (7) और आशीष (5) को लेकर रिंग रोड स्थित भवनपुरा पुल पर पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर करीब 12 बजे उसने अचानक दोनों बेटों को साथ लेकर गंगा नदी में छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद कुछ राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। दुर्भाग्यवश, मौके पर पहुंचने में एनडीआरएफ की टीम को करीब दो घंटे लग गए।
करीब दो घंटे तक एनडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची, लेकिन इसी बीच दोपहर करीब 1:50 बजे दुर्गा सोनकर को मुस्तफाबाद रेता के पास गंगा में बहते हुए देखा गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें बाहर निकाला और तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल दुर्गा की हालत स्थिर बताई जा रही है।
हालांकि, दुर्गा सोनकर के दोनों बच्चे अब भी लापता हैं। उनकी तलाश के लिए स्थानीय गोताखोरों की मदद ली जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी राहत कार्य जारी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
ग्रामीणों की तत्परता से बची एक जान:
करीब 1:50 बजे दुर्गा सोनकर को मुस्तफाबाद रेता के पास गंगा की धार में बहते देखा गया। गांववालों ने जान की बाजी लगाकर उसे नदी से बाहर निकाला और नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
लेकिन उसके दोनों बच्चे अब भी लापता हैं। प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक असफल रहा है। गोताखोरों की टीम के साथ-साथ एनडीआरएफ और पुलिस बल मौके पर लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।
⚠️ प्रशासन पर उठे सवाल:
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने एनडीआरएफ की देरी और पुल की सुरक्षा में भारी खामी को लेकर नाराजगी जताई है। भवनपुरा पुल पर न तो कोई रेलगार्ड, न सुरक्षा कैमरे और न ही सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया:
घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व सांसद रामकिशुन यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और प्रशासन से गंगा घाटों व पुलों पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की।उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए प्रशासन से गंगा किनारे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
“इस तरह की घटनाएं बेहद दुखद हैं। प्रशासन को सुरक्षा के इंतजामों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में कोई और मासूम इस तरह गंगा में न समा जाए।”
— रामकिशुन यादव, पूर्व सांसद
स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ पर सवाल
इस घटना ने एनडीआरएफ की तत्परता और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो घंटे तक राहत टीम का न पहुंचना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय लोग बोले – ‘पुल पर नहीं है कोई सुरक्षा इंतजाम’
📍 स्थानीय निवासियों की मांगें:
- भवनपुरा पुल पर रेलिंग और बैरिकेडिंग लगाई जाए।
- सीसीटीवी कैमरे व निगरानी टीम की तैनाती हो।
- गंगा किनारे सुरक्षा चौकियां बनाई जाएं।
- आपदा के समय रेस्क्यू टीम को तेजी से सक्रिय किया जाए।
चांदपुर गांव के कई ग्रामीणों ने बताया कि भवनपुरा पुल पर किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। न तो रेलिंग है, न निगरानी कैमरे, जिससे हादसे को रोका जा सके।

निष्कर्ष:
यह घटना सिर्फ एक परिवार का नहीं, समाज की जिम्मेदारी का भी आईना है। प्रशासन, समाज और परिवार — सभी को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि कैसे ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
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आस्था
धुरियापार का धवलेश्वरनाथ मंदिर: रामायण काल से जुड़ी आस्था, इतिहास और रहस्यों का संगम

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 04 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित एक छोटा सा गांव – धुरियापार – अपने भीतर इतिहास, धर्म और रहस्य की ऐसी गाथाएं समेटे हुए है, जिसे जानकर कोई भी चौंक जाएगा। यह केवल एक गांव नहीं, बल्कि साढ़े तीन हजार वर्षों की विरासत को संभाले खड़ा एक जीवित इतिहास है।
सन् 1980-81 में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यह सामने आया कि यह क्षेत्र 3,500 साल से भी अधिक पुराना है। इतिहासकारों के अनुसार यह नगर छह बार उजड़ा और सातवीं बार फिर से बसाया गया। राजा धुर्य चंद द्वारा बसाए गए इस गांव का नाम भी उन्हीं के नाम पर पड़ा – धुरियापार।
🕉️ धवलेश्वरनाथ मंदिर और श्रीराम की कथा
धुरियापार का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है बाबा धवलेश्वरनाथ महादेव का मंदिर।
यह मान्यता है कि भगवान श्रीराम जब जनकपुर से अयोध्या लौट रहे थे, तो उन्होंने यहीं शिवलिंग की स्थापना की थी। आज यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि इससे जुड़ी घटनाएं इसे रहस्यमय और चमत्कारी स्थल भी बनाती हैं।
इस मंदिर की एक अनोखी बात यह भी है कि जब भी भक्त जल चढ़ाते हैं, तो जल की धार हमेशा सूर्य की दिशा में गिरती है, चाहे सूर्य उत्तरायण में हों या दक्षिणायन में। यह अद्भुत दृश्य हर श्रद्धालु के मन में आस्था के साथ कौतूहल भी भर देता है।
🧭 जब अंग्रेज भूगर्भशास्त्री को मिला खजाने का सुराग
ब्रिटिश काल के दौरान मंदिर के पास नील की कोठी नामक स्थान पर एक अंग्रेज उच्चाधिकारी का आवास था। उसका मित्र, एक भूगर्भशास्त्री, मंदिर की वास्तुकला और ऊर्जा से इतना प्रभावित हुआ कि उसने मंदिर के नीचे खजाना छिपा होने का दावा किया।
उसने मंदिर के नीचे की खुदाई करवाई और खजाने को पाने के लालच में मंदिर को विस्फोट से उड़ाने की कोशिश की।
लेकिन कहते हैं —
शिवलिंग टस से मस नहीं हुआ।
बल्कि इस कृत्य में लगे मजदूर मारे गए, और पास बहती नदी खून से लाल हो गई।
उसी दिन वह भूगर्भशास्त्री पागल हो गया, और अंततः नदी में कूदकर अपनी जान दे दी।
🔮 अन्य मान्यताएं और मंदिर की मर्यादा–
यह भी माना जाता है कि इस शिवलिंग पर छत्र नहीं लगाया जा सकता।
मंदिर की परंपरा के अनुसार, यहां केवल वही पुजारी सेवा कर सकता है, जो धन संग्रह ना करे।
यह मंदिर भक्ति का प्रतीक है, लालच से मुक्त पवित्र स्थान।
🏰 राजा धुर्य चंद के वंशज कहां गए?
एक बड़ा सवाल यह भी उठता है —
राजा धुर्य चंद और नूर चंद के वंशज आज कहां हैं?
किस परिस्थिति में उनका अस्तित्व समाप्त हो गया, इसका कोई प्रमाण नहीं है।
यह प्रश्न आज भी धुरियापार के इतिहास में एक रहस्य बना हुआ है।
🚩 अब तीर्थस्थल बनने की उम्मीद
आज जब राम जानकी मार्ग बन रहा है, जो अयोध्या से जनकपुर तक जाएगा,
तो क्षेत्रीय जनता को उम्मीद है कि बाबा धवलेश्वरनाथ मंदिर भी इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनेगा।
स्थानीय लोग चाहते हैं कि इस मंदिर को राष्ट्रीय तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाए,
जहां श्रद्धा के साथ-साथ इतिहास, परंपरा और चमत्कार की कहानी दुनिया के सामने आए।
महंत श्री रामदास दुर्वासा 50 वर्षों से अपना जीवन इस मंदिर के लिए दिए हैं साथ में अपनी पुश्तैनी जमीन को बेच कर इस मंदिर के लिए जमीन भी खरीदी है इस मंदिर पर यहां के लोगों का बहुत ही योगदान भी रहा है।
🛕 धुरियापार का बाबा धवलेश्वरनाथ मंदिर ना सिर्फ एक धार्मिक स्थल है,
बल्कि यह भारत की उस विरासत का हिस्सा है,
जहां आस्था, इतिहास और चमत्कार – तीनों एक साथ जीते हैं।
जय धवलेश्वरनाथ!
जय सियाराम!
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा: खाटू श्याम के दर्शन कर लौट रही कार ट्रक से टकराई, एक की मौत, पांच लोग घायल

गोरखपुर, 3 अगस्त 2025 (रविवार)
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर रविवार की सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। खाटू श्याम के दर्शन करके लौट रही एक कार की टक्कर सामने से आ रहे ट्रक से हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए।
इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दो बच्चों को हल्की चोटें आई हैं।
🙏 मरने वाले की पहचान
हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति का नाम रमाशंकर शर्मा है। वे पटहेरवा गांव (थाना कुशीनगर) के रहने वाले थे। रमाशंकर अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ खाटू श्याम के दर्शन करके घर लौट रहे थे।
🚨 कैसे हुआ हादसा
कार गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार में जा रही थी, तभी एक ट्रक सामने से आ गया और दोनों वाहनों की सीधी टक्कर हो गई। टक्कर के बाद कार सड़क किनारे पलट गई और बुरी तरह टूट गई।
🏥 घायलों का इलाज
हादसे में घायल हुए पांच लोगों को गोरखपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि कुछ की हालत गंभीर है और इलाज चल रहा है। दो बच्चों को हल्की चोट लगी है और वे खतरे से बाहर हैं।

👮♀️ पुलिस की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। ट्रक का ड्राइवर मौके से भाग गया, पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है।
😢 गांव में मातम
जैसे ही रमाशंकर शर्मा की मौत की खबर उनके गांव पटहेरवा (कुशीनगर) पहुंची, पूरे गांव में शोक का माहौल फैल गया। परिजन और गांव वाले इस खबर से बेहद दुखी हैं।
📌 महत्वपूर्ण बातें एक नजर में:
- घटना का दिन: रविवार, 3 अगस्त 2025
- स्थान: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
- कार में सवार: खाटू श्याम दर्शन करके लौट रहे लोग
- मौत: रमाशंकर शर्मा (पटहेरवा, कुशीनगर)
- घायल: 5 लोग गंभीर, 2 बच्चे हल्के घायल
- इलाज: जिला अस्पताल, गोरखपुर
🟢 जरूरी अपील:
पुलिस और प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि तेज रफ्तार में वाहन न चलाएं और एक्सप्रेसवे पर सावधानी से ड्राइव करें।
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