लखनऊ
उत्तर प्रदेश सभी विधानसभा चुनाव जिलेवार तिथियां हुई घोषित

पूर्वांचल भारत न्यूज़ लखनऊ
पहला चरणः 10 फरवरी 2022
उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 15 जिलों की 73 सीटों पर चुनाव होंगे.
जिले शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज.
दूसरा चरणः 14 फरवरी 2022
दूसरे चरण में 11 जिलों के 67 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे.
जिले सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खेरी, शाहजहांपुर और बदायूं.
तीसरा चरणः 20 फरवरी 2022
12 जिलों के 69 विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण के दौरान चुनाव होंगे.
जिले फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर.
चौथा चरणः 23 फरवरी 2022
12 जिलों के 53 विधानसभा क्षेत्रों में चौथे चरण के दौरान चुनाव होंगे.
जिले प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली और चित्रकूट.
पांचवां चरणः 27 फरवरी 2022
52 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान 11 जिलों में चुनाव होंगे.
जिले बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद,अंबेडकरनगर, बहराइच,श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, अमेठी और सुल्तानपुर.
छठा चरणः 03 मार्च 2022
सात जिलों की 49 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान मतदान संपन्न होंगे | जिले महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया,आजमगढ़,मऊ और बलिया.
सातवां चरणः 07 मार्च 2022
7 जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण में चुनाव होंगे | जिले गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर,भदोही, सोनभद्रा और जौनपुर.।
टॉप न्यूज़
सरकार का बड़ा फैसला: रोजमर्रा के सामान पर घटा जीएसटी, आम जनता को मिलेगी राहत

📢 नई दिल्ली से बड़ी खबर
महंगाई की मार झेल रही आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है। रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े कई सामानों पर जीएसटी घटा दिया गया है, जिससे सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की जेब हल्की होगी।
🥛 किन सामानों पर घटा जीएसटी?
- दूध, पनीर और भारतीय रोटियों पर अब शून्य जीएसटी लगेगा।
- हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट और साइकिल पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- नमकीन, नूडल्स, चॉकलेट और कॉफी पर भी अब केवल 5% जीएसटी ही लगेगा।
📉 आम जनता को मिलेगी राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का यह कदम मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग परिवारों को सीधी राहत देगा। इससे घरेलू बजट पर बोझ घटेगा और लोगों की जेब पर दबाव कम होगा।
📈 खपत और बाजार पर असर
यह फैसला न केवल आम लोगों को राहत देगा बल्कि बाजार में खपत को भी बढ़ावा देगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि टैक्स कटौती से उपभोक्ता खर्च में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
👉 यह कदम केंद्र सरकार की ओर से महंगाई कम करने और आम लोगों की जेब को राहत देने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है।
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उत्तर प्रदेश
उरुवा तालाब के जलभराव से डूब रही किसानों की फसलें, सभासद ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

नगर पंचायत उरुवा बाज़ार, गोरखपुर, 24 अगस्त 2025
🌧️ गोरखपुर में जलभराव से हर साल डूबती फसलें
गोरखपुर जिले के नगर पंचायत उरुवा बाजार क्षेत्र के किसान हर साल बरसात में भारी संकट झेलते हैं। यहां स्थित विशाल उरुवा तालाब में दूर-दराज गांवों का पानी जमा होकर खेतों में फैल जाता है। नतीजा यह होता है कि कई एकड़ धान, गेहूं और अन्य फसलें बर्बाद हो जाती हैं। उरुवा ताल की यह समस्या दशकों से बनी हुई है | इस प्रकरण में तमाम क्षेत्र के किसान, क्षेत्रीय नेताओं, विधायक, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी इत्यादि के हस्तक्षेप के बावजूद भी आज तक कोई उचित और सही समाधान नहीं हो सका।
🌾 खरीफ और रबी दोनों सीजन प्रभावित
किसानों का कहना है कि इस तालाब का पानी फरवरी तक धीरे-धीरे सूखता है, जिससे खरीफ और रबी दोनों फसलें चौपट हो जाती हैं। अगली बुवाई भी प्रभावित होती है और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। उरुवा बाज़ार के ताल से प्रभावित गाँव परसा खुर्द, टाड़ी, अमोढ़ा, मंझरिया, मठश्रीराम, कोटिया, भुइधरा, बस्तिया महमूद, बस्तिया रामचरन, लोहरा मीरा, कुशलदेईया, बेलासपुर, उरुवा बाज़ार डिहवा इत्यादि गाँव हैं।
🚜 किसान आर्थिक संकट में
लगातार नुकसान झेल रहे किसानों को साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह अब जलत्रासदी का रूप ले चुका है और यदि इसका समाधान जल्द नहीं निकला तो क्षेत्र की कृषि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।
📜 कई बार शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों और किसानों ने कई बार इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को अवगत कराया। कई प्रार्थना पत्र भी दिए गए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। किसानों और क्षेत्रीय नेताओं / प्रतिनिधिओं का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते उनकी मेहनत हर साल पानी में बह रही है।
💧 किसानों का समाधान: नाला निर्माण
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि समस्या का स्थायी हल यही है कि उरुवा तालाब से दक्षिण दिशा में बहने वाली कुआनो नदी तक एक चौड़ा और पक्का नाला बनाया जाए । इससे तालाब और आसपास के खेतों का अतिरिक्त जल सीधे नदी में चला जाएगा और खेत सुरक्षित रहेंगे।
🙏 सभासद ने उठाई आवाज
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि नाला बन गया तो हजारों किसानों की फसलें सुरक्षित हो सकेंगी और क्षेत्र की दशा बदल जाएगी। साथ ही नगर पंचायत उरुवा बाजार की विभिन्न जनसमस्याओं से अवगत कराया। नगर पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में अनियमितता, नाली जल निकासी की समस्या, सड़कों की जर्जर स्थिति और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता रखने जैसे मुद्दों को गंभीरता से रखा। मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात में सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह के साथ सभासद संदीप सिंह, भीम सिंह सहित व अन्य सभासद मौजूद रहे ।

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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर: बाइक पर खुलेआम रोमांस करता दिखा कपल, वीडियो वायरल होते ही पुलिस हुई अलर्ट

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक कपल बाइक पर खुलेआम रोमांस करता नजर आ रहा है। मामला रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के नौका विहार रोड का है।
राहगीरों ने बताया कि युवक बाइक चला रहा था और लड़की उसकी तरफ मुंह करके बैठी हुई थी। दोनों एक-दूसरे से लिपटे हुए थे और हंसते-खिलखिलाते जा रहे थे। उनकी इस हरकत को देख आसपास गुजरने वाले लोग हैरान रह गए, वहीं कई महिलाएं शर्म से नजरें झुका लीं।
इस नजारे का वीडियो कुछ राहगीरों ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो X (Twitter) पर वायरल होते ही यूपी पुलिस ने संज्ञान लिया और गोरखपुर पुलिस को दोनों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
👉 नौका विहार बन रहा अड्डा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नौका विहार एरिया अब धीरे-धीरे अराजक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। कभी कपल्स के बीच झगड़े, तो कभी युवाओं की मारपीट, तेज रफ्तार कारें और बाइक स्टंट आम होते जा रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि पास ही अस्थाई पुलिस चौकी होने के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार क्यों हो रही हैं।
👉 लोगों की प्रतिक्रियाएँ
- एक महिला ने कहा – “बेहूदा और बेशर्म हरकत है। ऐसे लोगों को परिवार और समाज की कोई परवाह नहीं। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
- एक यूजर ने लिखा – “कभी यह नजारे मुंबई और दिल्ली में देखने को मिलते थे, अब गोरखपुर भी पीछे नहीं।”
👉 पुलिस की कार्रवाई
रामगढ़ ताल पुलिस ने बताया कि वीडियो की जांच की जा रही है और कपल की तलाश शुरू हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में अवैध अस्पतालों पर सख्ती, केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पताल ही होंगे संचालित: डीएम का निर्देश

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
जिले में अब केवल वही अस्पताल संचालित होंगे जिन्हें सरकार से लाइसेंस प्राप्त है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ डॉ. राजेश झा) को निर्देशित किया कि जिले में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों को ही संचालन की अनुमति दी जाए।
डीएम ने साफ कहा कि जल्द ही लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि आम जनता को पारदर्शिता के साथ सही जानकारी मिले और अवैध अस्पतालों की पहचान हो सके। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि अवैध अस्पताल न केवल मरीजों की जान को खतरे में डालते हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हैं। इसलिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, जिला वन अधिकारी विकास यादव, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, सीएमओ डॉ. राजेश झा समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और अधिकारियों को योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
डीएम के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई होगी।
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उत्तर प्रदेश
अब ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा चार्ज, जानें नया लगेज नियम 2025

नई दिल्ली
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब ट्रेन में यात्रा के दौरान तय सीमा से ज्यादा सामान ले जाने पर हवाई यात्रा की तरह अतिरिक्त चार्ज देना होगा। रेलवे ने इसे “नया लगेज नियम 2025″ नाम दिया है।
नई व्यवस्था के तहत प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, अलीगढ़ और टुंडला समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें लगाई गई हैं। यहां यात्रियों के बैग का वजन चेक किया जाएगा और तय सीमा से अधिक होने पर तुरंत शुल्क वसूला जाएगा।
रेलवे ने कोच के हिसाब से मुफ्त सामान की सीमा तय की है:
- AC-1 क्लास यात्री: 70 किलो तक मुफ्त
- AC-2 क्लास यात्री: 50 किलो तक मुफ्त
- AC-3 और स्लीपर क्लास यात्री: 40 किलो तक मुफ्त
- जनरल डिब्बे के यात्री: केवल 35 किलो तक मुफ्त
इससे अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। रेलवे का कहना है कि इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि कोचों में अत्यधिक सामान की समस्या से भी राहत मिलेगी।
यात्रियों को अब ट्रेन में चढ़ने से पहले अपने बैग का वजन कराने की सलाह दी जा रही है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
👉 यह नया नियम जल्द ही देशभर के सभी प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर में जलभराव से 10 साल की बच्ची की मौत, सपा ने ठेकेदार-जेई पर कार्रवाई की उठाई मांग

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर इलाके में जलभराव के कारण हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। यहां 10 वर्षीय मासूम आफरीन की नाले में डूबकर मौत हो गई। इस हादसे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है।
घटना के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिम्मेदार ठेकेदार और जूनियर इंजीनियर (जेई) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।
सपा का हंगामा और ज्ञापन
मंगलवार को सपा महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरेशी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नगर निगम पहुंचे और आक्रोश जताते हुए ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई।
सपा नेताओं का कहना था कि नालों की नियमित सफाई न होना और जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण आए दिन शहर में जलभराव की समस्या बनी रहती है। यही लापरवाही मासूम आफरीन की जान ले गई।
शब्बीर कुरेशी का बयान
सपा अध्यक्ष ने कहा, “यदि समय पर नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था की गई होती, तो आफरीन की जान बचाई जा सकती थी। केवल आर्थिक सहायता देना समाधान नहीं है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
प्रशासन की कार्रवाई और लोगों का गुस्सा
जिला प्रशासन की ओर से मृतक बच्ची के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब तक नगर निगम अपनी लापरवाही नहीं सुधारेगा और जल निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं करेगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
जनता का सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और नगर निगम के दावों की हकीकत सामने ला दी है। शहरवासी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक मासूमों की जान लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी?
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अपराध
गोरखपुर में मुस्ताक की मौत पर सियासत गरमाई, सपा नेता जफर अमीन डक्कू पहुंचे एसएसपी कार्यालय

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के ठिठौली गांव में 15 अगस्त 2025 को सड़क किनारे 48 वर्षीय मुस्ताक का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब 16 अगस्त को सोशल मीडिया पर मुस्ताक की बेरहमी से पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ। हालांकि इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन वायरल होते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी।
मृतक की बेटी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पांच आरोपियों को हिरासत में लिया। इसके बावजूद इस घटना ने स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
सपा नेता ने परिवार संग एसएसपी कार्यालय पहुंचकर जताई नाराज़गी
19 अगस्त को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जफर अमीन डक्कू पीड़ित परिवार के साथ सिविल लाइन स्थित एसएसपी कार्यालय पहुंचे। हालांकि एसएसपी उस समय मौजूद नहीं थे, लेकिन परिवार की मुलाकात एसपी सिटी से हुई। इस दौरान परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गगहा थानाध्यक्ष की भूमिका की जांच की मांग की।
परिवार का आरोप है कि मुस्ताक की मौत में पुलिस की लापरवाही साफ झलकती है। उनका कहना है कि घटना से तीन-चार दिन पहले से ही मुस्ताक किसी मामले को लेकर गगहा थाने के चक्कर काट रहा था। उसकी गाड़ी भी थाने में खड़ी थी, बावजूद इसके पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सक्रिय हो जाती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। वहीं, वायरल वीडियो ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर संदेह और बढ़ा दिया है।
राजनीति और दबाव दोनों बढ़े
समाजवादी पार्टी के हस्तक्षेप ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। प्रशासन पर निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का दबाव बढ़ गया है। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है और जांच जारी है।
निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार दोनों ही इस मामले में पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच घटते विश्वास को भी उजागर करती है।
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