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उत्तर प्रदेश

बिजली व्यवस्था में बड़ा सुधार: ऊर्जा विभाग ने दिए सख्त निर्देश, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

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लखनऊ, ऊर्जा संवाददाता

उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाने के लिए ऊर्जा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। ऊर्जा मंत्री के स्तर से जारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि “बिजली सेवाओं को सिर्फ तकनीकी नहीं, अब मानवीय नजरिए से भी देखा जाएगा।”

निर्बाध और निरंतर विद्युत आपूर्ति करने, विद्युत सेवाओं को बेहतर बनाने तथा उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने के लिए और ऊर्जा विभाग के कार्यों को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु UPPCL एवं DISCOM तथा क्षेत्रीय अधिकारियों सहित पूरे प्रबंधन को मैंने अनेक बार लिखित और मौखिक निर्देश दिए हैं।

यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL), सभी डिस्कॉम (DISCOM) और क्षेत्रीय अधिकारियों को 12 बिंदुओं पर तुरंत क्रियान्वयन के आदेश दिए गए हैं। इनमें बिना कारण बिजली कटौती, गलत बिलिंग, ट्रांसफार्मर की देरी, कॉल सेंटर की अनदेखी और संविदा कर्मियों की मनमानी छंटनी जैसे मुद्दों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

🔎 आदेशों की प्रमुख बातें विस्तार से:

✅ 1. छोटे बकाया पर बिजली काटना बंद हो

अब मामूली बकाया होने या उपभोक्ता द्वारा भुगतान की मंशा जाहिर करने के बावजूद बिजली काट देना गैरकानूनी माना जाएगा। ऐसे मामलों में कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई होगी।

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✅ 2. सामूहिक दंड की प्रथा समाप्त हो

अगर किसी उपभोक्ता का बिल बकाया है तो पूरे गांव या फीडर की बिजली नहीं काटी जाएगी। जिन उपभोक्ताओं ने बिल समय से चुकाया है, उनके साथ अन्याय नहीं होगा।

✅ 3. ट्रांसफार्मर बदलने में देरी न हो

बकाया वसूली और ट्रांसफार्मर मरम्मत/बदलाव को अलग-अलग प्रक्रिया माना जाएगा। ट्रांसफार्मर जलने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

✅ 4. ओवरलोड और लो-वोल्टेज पर सटीक समाधान हो

“ऑफिशियल लोड कम है” या “लाइन लॉस ज़्यादा है” जैसे बहाने नहीं चलेंगे। ओवरलोड फीडर और ट्रिपिंग की शिकायतों का वास्तविक हल किया जाए। बिजली चोरी रोकने के नाम पर आपूर्ति ठप करना अनुचित है।

✅ 5. ट्रांसफार्मर लगाने में लापरवाही नहीं चलेगी

रिपोर्टिंग से लेकर इंस्टॉलेशन तक अगर देरी हो रही है तो उसके लिए ज़िम्मेदार कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

✅ 6. गलत बिलिंग और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

कंप्यूटर जनित बिलिंग में आ रही गड़बड़ियों को तुरंत सुधारा जाए। उपभोक्ता को बार-बार गलत बिल भेजना एक गंभीर लापरवाही है और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तत्काल सख्ती बरती जाए।

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✅ 7. मेंटेनेंस के नाम पर बार-बार शटडाउन नहीं

एक ही फीडर पर दिन में कई बार बिजली काटना अब नहीं चलेगा। अगर मेंटेनेंस जरूरी हो, तो एक दिन में अधिकतम दो बार (सुबह और दोपहर) और वह भी पूर्व सूचना देकर ही बिजली काटी जाए।

✅ 8. संविदा कर्मियों की मनमानी छंटनी की जांच

कुशल व निष्ठावान संविदा कर्मियों को हाल ही में निकाले जाने की खबरों पर चिंता जताई गई है। उनकी जगह अकुशल या नए कर्मचारियों की भर्ती की जांच होगी। दोषियों पर कार्रवाई तय।

✅ 9. अधिकारी फोन नहीं उठाएँगे, यह नहीं चलेगा

1912 टोल फ्री नंबर पर कॉल उठाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। यह नंबर सिर्फ एक ऑप्शन नहीं, बल्कि उपभोक्ता संवाद का मुख्य माध्यम है।

✅ 10. शिकायत का अंतिम समाधान ही हो “क्लोज”

कोई भी शिकायत तब तक बंद नहीं मानी जाएगी, जब तक उसका स्थायी समाधान नहीं हो जाता। केवल जवाब देकर शिकायत को “निस्तारित” करना गलत माना जाएगा।

✅ 11. शिकायत समाधान के लिए तीन शिफ्टों में जिम्मेदारी

अब 24×7 शिकायत समाधान सुनिश्चित करने के लिए UPPCL और DISCOM में निदेशक स्तर के अधिकारी तीनों शिफ्टों में ड्यूटी पर रहेंगे।

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✅ 12. विजिलेंस टीम सिर्फ बड़ी चोरी पर ध्यान दे

छोटी चोरी की जगह अब विजिलेंस टीम संगठित और बड़े पैमाने पर हो रही बिजली चोरी पर केंद्रित होगी। इससे ईमानदार उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी।


📌 निष्कर्ष:

इन निर्देशों से साफ है कि राज्य सरकार अब बिजली सेवाओं में आम उपभोक्ता की तकलीफों को हल्के में नहीं ले रही। अब बिजली विभाग को जवाबदेह बनाकर जनता की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने सभी अधिकारियों को आज से ही निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं और कहा है कि हर कार्रवाई की सूचना मुख्यालय को भेजी जाए।


✅ यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?

  • लाखों उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली ट्रिपिंग, गलत बिलिंग और सुनवाई की कमी से जूझना पड़ता था।
  • पहली बार, ऊर्जा विभाग ने खुद इन मुद्दों को स्वीकार कर जवाबदेही तय करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
  • ये कदम सिर्फ तकनीकी नहीं, प्रशासनिक सुधार का संकेत हैं — जिसमें उपभोक्ता को केंद्र में रखा गया है।

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उत्तर प्रदेश

यूपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 39 डीएसपी के तबादले, कई जिलों को मिले नए पुलिस अधिकारी

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लखनऊ,उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। प्रदेश में 39 पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) का तबादला कर दिया गया है। यह फेरबदल लंबे समय से प्रतीक्षित था और इसे लेकर पुलिस विभाग में हलचल बनी हुई थी।

सरकार की इस ट्रांसफर लिस्ट में कई अनुभवी अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं, जिससे प्रशासनिक गति और बेहतर अनुशासन की उम्मीद की जा रही है। लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद, कानपुर, सीतापुर, बरेली, अलीगढ़, देवरिया, सोनभद्र, बाराबंकी समेत कई जिलों को नए डीएसपी मिले हैं।

तबादला सूची में शामिल कुछ प्रमुख नाम और नई तैनाती इस प्रकार है:

  • गौरव कुमार शर्मा को नागरिक उड्डयन एयरपोर्ट लखनऊ का डीएसपी बनाया गया।
  • हर्षिता गंगवार को तकनीकी सेवाएं लखनऊ में डीएसपी की जिम्मेदारी मिली।
  • शिव ठाकुर को मंडलाधिकारी आगरा बनाया गया।
  • नेहा त्रिपाठी को सीतापुर का नया डीएसपी नियुक्त किया गया।
  • धर्मेन्द्र कुमार सिंह को 10वीं वाहिनी पीएसी, बाराबंकी का सहायक सेनानायक बनाया गया।
  • विजय प्रताप यादव को दोहरी जिम्मेदारी – 48वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर और कानपुर नगर के कमिश्नरेट में सहायक पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी मिली।
  • रुद्र कुमार सिंह को कमिश्नरेट प्रयागराज में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया।
  • अनुज कुमार सिंह को गोरखपुर का डीएसपी बनाया गया।
  • शैलजा मिश्रा को मुरादाबाद पीटीसी में डीएसपी बनाया गया।
  • आभा सिंह को देवरिया की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि
  • शिव प्रताप सिंह प्रथम अब महराजगंज के डीएसपी होंगे।

इसके अलावा सत्य प्रकाश शर्मा, ऋषिकान्त शुक्ला, तेज बहादुर सिंह, सीमा यादव, प्रभात कुमार द्वितीय, गवेन्द्र पाल गौतम, अरविंद कुमार द्वितीय सहित कई अफसरों को पीएसी और जिला स्तर पर महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी गई है।

प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम बदलाव

राज्य सरकार ने यह कदम कार्यक्षमता, अनुशासन और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है। इन तबादलों से जहां एक ओर जिलों को अनुभवी अधिकारी मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर युवा और ऊर्जावान अफसरों को भी अवसर मिलेगा।

#यूपीपुलिस, #डीएसपीतबादला, #UPPoliceTransfer, #UttarPradesh, #LawAndOrder, #PoliceNews

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उत्तर प्रदेश

गृह मंत्री के बयान पर अखिलेश समर्थकों का पलटवार, गोरखपुर में पोस्टर वार शुरू

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गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 30 जुलाई 2025


देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दिए गए बयान के बाद, गोरखपुर में राजनीतिक पारा चढ़ गया है । जवाब में सपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार पोस्टर वार शुरू कर दिया है। सपा नेता और बांसगांव के पूर्व चेयरमैन अंशुमान सिंह  द्वारा, गोरखपुर में पैडलेगंज तिराहा सहित तमाम जगहों पर पोस्टर लगाए गए । इस पोस्टर में एक तीखा संदेश दिया गया है, जो तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।

पोस्टर में लिखा है –

पाकिस्तान से तो बात नहीं होती, परंतु देश में गरीबी और बेरोजगारी के हाथों विवश और निराश होकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े इंसान से बात होती है माननीय गृहमंत्री जी।

इसके साथ ही पोस्टर में एक और बड़ा संदेश दिया गया है:

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हमारी बात हिन्दू से नहीं होती, मुसलमान से नहीं होती, हम आदरणीय नेता जी के अनुयायी हैं, हमारी बात सम्पूर्ण हिन्दुस्तान से होती है।

गोरखपुर में पैडलेगंज तिराहा पर लगा पोस्टर

यह पोस्टर साफ तौर पर भाजपा के उस नैरेटिव को चुनौती देता दिख रहा है जिसमें धर्म और राष्ट्रवाद की राजनीति को बढ़ावा दिया जाता है।
पोस्टर में समाजवादी पार्टी के कई प्रतिष्ठित नेताओं की तस्वीरें भी हैं, जिनमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, और अन्य शामिल हैं।

राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पोस्टर न केवल बीजेपी के आलोचनात्मक रुख का प्रतिकार है, बल्कि यह एक नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। गोरखपुर जैसे क्षेत्र में, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और उनका गृह जनपद भी है, वहां इस प्रकार के पोस्टर का लगना सपा के आत्मविश्वास को दर्शाता है।

भाजपा की प्रतिक्रिया का इंतजार

इस पोस्टर वार पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी और तेज़ हो सकती है।

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#PosterWar #AkhileshYadav #GorakhpurPolitics #SamajwadiParty #AmitShahStatement #PoliticalDebate

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में नकली चायपत्ती का भंडाफोड़: बिहार से आई खेप पकड़ी, पिकअप मालिक पर केस दर्ज

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गोरखपुर | 30 जुलाई 2025
गोरखपुर के तिवारीपुर इलाके में पुलिस ने नकली चायपत्ती से भरी एक पिकअप गाड़ी पकड़ी है। यह खेप बिहार से लाई जा रही थी और लालडिग्गी इलाके में उतारने की तैयारी थी। मामले में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच में सामने आया कि चायपत्ती पूरी तरह नकली है और इसमें खतरनाक केमिकल की मिलावट की गई थी।

कैसे सामने आया मामला?

शनिवार रात तिवारीपुर पुलिस ने संदेह के आधार पर एक पिकअप को रोका। गाड़ी में रखे गए बोरों के बारे में ड्राइवर कोई वैध कागज नहीं दिखा सका। जब पुलिस ने जांच की, तो उसमें चायपत्ती भरी पाई गई। ड्राइवर ने बताया कि गाड़ी देवरिया के अश्वनी यादव की है और वह बिहार से यह खेप लेकर गोरखपुर आया था।

जांच में निकला नकली माल

पुलिस ने जब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) को बुलाया, तो जांच में पुष्टि हुई कि चायपत्ती नकली है। इसमें मिलावट के लिए जूते की पालिश में इस्तेमाल होने वाला पाउडर मिलाया गया था। यह चायपत्ती सामान्य पानी में भी रंग छोड़ रही थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है।

साहबगंज मंडी से जुड़ा मामला

जानकारी के अनुसार, नकली चायपत्ती को साहबगंज मंडी पहुंचाने की योजना थी। पहले भी मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों में इसी मंडी का नाम सामने आता रहा है। अब यह जांच की जा रही है कि इससे पहले कितनी नकली चायपत्ती बाजार में पहुंच चुकी है।

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कैसे पहचानें नकली चायपत्ती

  • चायपत्ती को ठंडे पानी में डालें, अगर तुरंत रंग छोड़ती है तो वह नकली हो सकती है।
  • पैक पर बनने और एक्सपायरी डेट स्पष्ट होनी चाहिए, ओवरराइटिंग या धुंधली तारीख से सतर्क रहें।
  • असली कंपनियों के रैपर की प्रिंटिंग और रंग साफ-सुथरे होते हैं, नकली में अक्सर हल्की छपाई होती है।
  • छोटे दुकानदारों को अधिक मुनाफा देकर नकली माल दिया जाता है, सतर्क रहें।
Real Chai patti Identify Tricks: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं नकली चाय  पत्ती का इस्तेमाल? इन 3 तरीकों से करें पहचान | 3 easy tricks how to  identify real
तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है।

छोटे पैकेट में बड़ा खेल

बाजार में चल रहे नकली सामान का सबसे ज्यादा इस्तेमाल छोटे पैकेटों में हो रहा है। बड़े ब्रांड्स जैसे ‘ताजा चाय’ के नाम पर नकली रैपर छपवाकर मिलावटी माल को असली बताकर बेचा जा रहा है। दिल्ली से छपे रैपर स्थानीय स्तर पर लाकर पैकिंग की जाती है और फिर छोटे दुकानों के जरिये बेचा जाता है।

निष्कर्ष

यह मामला सिर्फ एक चायपत्ती का नहीं, बल्कि आम जनता की सेहत से खिलवाड़ का है। पुलिस और खाद्य विभाग इस नेटवर्क की तह तक जाने में जुटे हैं। जरूरी है कि ग्राहक सतर्क रहें और खाने-पीने की चीजें खरीदते समय सावधानी बरतें।

#गोरखपुर #नकलीचायपत्ती #बिहारसेचाय #FIR #HindustanUnilever #साहबगंजमंडी #खाद्यसुरक्षा #मिलावटखोरी #UPNews

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उत्तर प्रदेश

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष: यूपी में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, योगी सरकार की योजनाएं रंग ला रहीं

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 29 जुलाई 2025
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर उत्तर प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र से एक बेहद उत्साहजनक खबर सामने आई है। प्रदेश में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में जहां राज्य में कुल 173 बाघ थे, वहीं 2022 तक यह संख्या बढ़कर 222 हो चुकी है।

यह बढ़ोतरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की वन्य संरक्षण नीति और निरंतर प्रयासों का परिणाम मानी जा रही है। दूधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ और हाल ही में घोषित रानीपुर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में साफ़ इजाफा देखा गया है।

बाघों के संरक्षण हेतु राज्य सरकार ने एम-स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग सिस्टम को सक्रिय रूप से लागू किया है, जिससे बाघों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। साथ ही, वन क्षेत्रों में हैबिटेट इम्प्रूवमेंट पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित किया जा सके।

बाघों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार ने 2019 में बाघ मित्रकार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम को और सशक्त बनाने के लिए वर्ष 2023 में एक समर्पित मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया, जो आम लोगों को वन्यजीवों की जानकारी और सतर्कता से जोड़ता है।

वन विभाग और स्थानीय समुदायों के सामूहिक प्रयासों से आज यूपी एक बार फिर बाघों की भूमि बनने की ओर अग्रसर है। बाघ संरक्षण उत्तर प्रदेश में पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल बन रही है।

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उत्तर प्रदेश

दीपक मीणा बने गोरखपुर के नए जिलाधिकारी, मेरठ-सिद्धार्थनगर में शानदार सेवाओं के बाद नई जिम्मेदारी

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गोरखपुर | 29 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल के तहत आईएएस अधिकारी दीपक मीणा को गोरखपुर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है। 2011 बैच के इस अधिकारी की यह लगातार पांचवीं DM पोस्टिंग है। मेरठ, सिद्धार्थनगर और गाजियाबाद जैसे जिलों में सफल कार्यकाल के बाद अब उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद की कमान सौंपी गई है।

प्रमुख सचिव नियुक्ति एम. देवराज द्वारा जारी सूची के अनुसार, कुल 23 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इनमें गोरखपुर सहित 10 जिलों में नए जिलाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

🎓 IITian से IAS तक: दीपक मीणा का सफर

राजस्थान के मूल निवासी दीपक मीणा का जन्म 15 जुलाई 1986 को हुआ। उन्होंने IIT खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया और टाटा स्टील में काम करते हुए UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2011 में सफलता प्राप्त की। वे उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं और अब तक कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं।

🧑‍💼 प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता

दीपक मीणा का प्रशासनिक करियर 2012 में आजमगढ़ में जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद वह अलीगढ़, सहारनपुर में भी इसी पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने बुलंदशहर, मैनपुरी, अलीगढ़, आगरा और सहारनपुर में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के रूप में भी कार्य किया है।

📍 जिलाधिकारी के रूप में अनुभव

  • श्रावस्ती (2017–2019): बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस
  • सिद्धार्थनगर (2019–2022): प्रधानमंत्री से विकास कार्यों के लिए पुरस्कार
  • मेरठ (2022–2025): मेरठ महोत्सव का सफल आयोजन, महायोजना 2031 की स्वीकृति
  • गाजियाबाद (जनवरी–जुलाई 2025): जनसुनवाई और शिकायत निवारण में सराहनीय पहल
  • गोरखपुर (जुलाई 2025–अब): अब नई जिम्मेदारी

🏆 उपलब्धियां जो चर्चा में रहीं

सिद्धार्थनगर में दीपक मीणा ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय कार्य करते हुए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त किया।
मेरठ में “मेरठ महोत्सव” जैसे आयोजनों, मेरठ महायोजना 2031 को मंजूरी और कलेक्ट्रेट परिसर के पुनर्विकास जैसे प्रयासों को लेकर वे चर्चित रहे।
गाजियाबाद में उन्होंने जनता दर्शन और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र को प्राथमिकता दी, जिससे आमजन में उनकी लोकप्रियता और विश्वसनीयता बढ़ी।

🏙 गोरखपुर में चुनौतियाँ और संभावनाएं

गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद है, जो प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील जिला माना जाता है। दीपक मीणा से जनसुनवाई को सशक्त करने, विकास कार्यों को गति देने और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में ठोस कदमों की उम्मीद की जा रही है। उनकी 24×7 जनता के लिए उपलब्धता और सुगठित प्रशासनिक शैली इस दिशा में सहायक साबित हो सकती है।

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⚠️ एक विवाद, जो शांतिपूर्वक सुलझाया

2024 में मेरठ में एक प्रोटोकॉल विवाद को लेकर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी से उनका मामूली टकराव चर्चा में आया था, जिसे उन्होंने बिना किसी टकराव के कुशलता से संभाल लिया

🔁 यूपी में बड़े प्रशासनिक फेरबदल

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात 23 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया, जिसमें 10 जिलों के डीएम बदले गए

  • गोरखपुर: दीपक मीणा
  • गाजियाबाद: रवींद्र कुमार मंडर
  • प्रयागराज: मनीष कुमार वर्मा
  • गौतमबुद्धनगर: मेधा रूपम
  • बहराइच: मोनिका रानी (नई जिम्मेदारी: बेसिक शिक्षा विभाग)
  • गोंडा: नेहा शर्मा (नई जिम्मेदारी: महानिरीक्षक, निबंधन)

इस फेरबदल को योगी सरकार की प्रशासनिक कुशलता को और मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।

#दीपकमीणा #गोरखपुरडीएम #UPIASTransfer #IASPosting #GorakhpurNews #यूपी_प्रशासन #DeepakMeenaIAS #DMGorakhpur

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उत्तर प्रदेश

दावे स्वच्छता के, बारिश में गोरखपुर बेहाल: नाले ओवरफ्लो, नगर निगम की खुली पोल

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गोरखपुर, 28 जुलाई 2025
गोरखपुर में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है शहर में हुई लगातार बारिश ने नगर निगम की जलनिकासी और सफाई व्यवस्था की कलई खोल दी है। रविवार रात से शुरू हुई बारिश ने राप्तीनगर फेज एक, फेज चार, चंद्रगुप्त नगर, डॉक्टर कॉलोनी, सिविल लाइन्स स्कूल रोड, विजय चौराहा और जिला अस्पताल के पास जलभराव की गंभीर स्थिति पैदा कर दी।

नाले-नालियों के ओवरफ्लो होने से गंदा पानी सड़कों पर बहता रहा, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्षों से इस समस्या के समाधान के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हर बार बारिश आते ही तस्वीर वही पुरानी हो जाती है।

प्रशासन हरकत में:
बारिश के बीच ही नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल मौके पर पहुंचे और कई जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण विभाग के अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्था तत्काल सुधारने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने कहा कि “जलभराव की समस्या को लेकर पूरी निगरानी की जा रही है, जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।”

मेयर ने दी सफाई, जनता ने किया विरोध:
नगर निगम के मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि “जहां-जहां विकास कार्य हुए हैं, वहां पानी ज्यादा देर नहीं ठहरा। संभव है कुछ क्षेत्रों में दिक्कत हुई हो, लेकिन व्यवस्था पहले से बेहतर है।” हालांकि स्थानीय निवासियों ने इस दावे को खारिज किया और कहा कि “वास्तविकता जमीन पर साफ दिख रही है, दावे कागज़ों तक सीमित हैं।”

गोरखपुर में जलभराव से जनजीवन बेहाल: बारिश ने खोली नगर निगम के दावों की पोल

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नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से नालों की सफाई और जलनिकासी को लेकर किए गए दावे इस पहली ही बड़ी बारिश में फेल साबित हुए। अगर नगर निगम समय रहते पुख्ता इंतज़ाम नहीं करता, तो आने वाले दिनों में यही जलभराव स्वास्थ्य संकट और दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

गोरखपुर #जलभराव #बारिश #नगरनिगम #राप्तीनगर #साफसफाई #सिविकइन्फ्रास्ट्रक्चर #गोरखपुरसमाचार #नगरआयुक्त #मेयरगोरखपुर

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में बिजली संकट से हाहाकार: ट्रांसफार्मर जले, लाइनमैन झुलसे, अस्पताल और गांव अंधेरे में

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📍 गोरखपुर, संवाददाता रिपोर्ट
भीषण उमस और गर्मी के बीच गोरखपुर में बिजली संकट ने शहर से लेकर गांव तक लोगों को बेहाल कर दिया है। बिछिया, बड़हलगंज, उरुवा, शाहपुर और मोहद्दीपुर जैसे इलाकों में घंटों बिजली आपूर्ति ठप है। लाइनमैन करंट से झुलस गए, कई ट्रांसफार्मर फुंक गए और उपभोक्ता बिजली विभाग के खिलाफ विरोध पर उतर आए हैं।

🔌 बिछिया में हादसा, लाइनमैन झुलसा

बिछिया में एक निविदा लाइनमैन मुन्ना उर्फ अब्बास अली फ्यूज जोड़ते वक्त करंट की चपेट में आकर झुलस गया। उसने फोन पर शटडाउन की मांग की थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया। अब वह निजी अस्पताल में भर्ती है। इसी क्षेत्र में रात में ट्रांसफारर जल गया लेकिन नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया, सिर्फ रिपेयरिंग होती रही।

💡 बड़हलगंज और उरुवा में 12 घंटे तक बिजली गायब

बड़हलगंज क्षेत्र में 21 जुलाई से लगातार बिजली संकट जारी है। कई क्षेत्रों में 12 घंटे तक बिजली नहीं है। उरुवा, सिकरीगंज, गुलरिहा, हरसेवकपुर, मोगलहा, सेमरा, बड़हलगंज जैसे इलाकों में भी घंटों बिजली गुल रहती है।

🏥 अस्पताल में बिजली गुल, वैक्सीन खराब होने की आशंका

बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वज्रपात से ट्रांसफार्मर जल गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। कई पंखे, फ्रीजर, और उपकरण जल गएरेफ्रिजरेटर में रखी वैक्सीन खराब होने की आशंका है। अधीक्षक ने बताया कि सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और निगम को पत्र लिखा गया है।

ग्रामीण इलाकों में हफ्तों से जला ट्रांसफार्मर नहीं बदला

सहजनवां, पीपीगंज, सरदारनगर सहित कई ग्रामीण इलाकों में महीनों से जले ट्रांसफार्मर को नहीं बदला गयासेमरी ट्यूबवेल का ट्रांसफार्मर एक महीने से जला है, जिससे किसानों को सिंचाई में दिक्कत हो रही है।

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🧯 ट्रक ने पोल में मारी टक्कर, 11 हजार वोल्ट की लाइन बाधित

पीपीगंज के जसवल-फरदहनी मार्ग पर ट्रक ने 11 केवी लाइन के पोल को टक्कर मार दी, जिससे दर्जनों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। देर शाम जाकर आपूर्ति बहाल हो सकी।

🏙️ शहरी क्षेत्र में ओवरलोडिंग, उपभोक्ता परेशान

मोहद्दीपुर, हाइडिल, रामनगर, सैनिक विहार, श्रीरामपुरम, शिवाला नगर, अयोध्यापुरम और हनुमंत नगर जैसे शहरी इलाकों में लो-वोल्टेज, घंटों कटौती, और ट्रांसफार्मर ओवरलोडिंग से उपभोक्ता बुरी तरह परेशान हैं।

👏 अभियंताओं ने खुद की बिजली काटकर उपभोक्ताओं को दी राहत

जब मोहद्दीपुर उपकेंद्र पर ओवरलोडिंग बढ़ गई तो अधिकारियों ने अपनी कॉलोनी की बिजली आपूर्ति काटकर उपभोक्ताओं को बिजली दी। हाइडिल कॉलोनी में चार घंटे तक अंधेरा रहा, पर इससे मोहद्दीपुर, बिछिया जैसे क्षेत्रों को कुछ राहत मिल सकी।

🔧 पादरी बाजार की ओवरलोड समस्या जल्द होगी खत्म

जंगल धूसड़ क्षेत्र को नइयापार उपकेंद्र से बिजली देने की योजना के बाद पादरी बाजार उपकेंद्र पर लोड कम होने की उम्मीद है। जेई विजय सिंह ने कहा कि इससे निर्बाध आपूर्ति संभव होगी।

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