उत्तर प्रदेश
करोना के कारण गोरखपुर महोत्सव का कार्यक्रम टला
गोरखपुर:
गोरखपुर में रंगों की छठा बिखेरने वाले गोरखपुर महोत्सव इस बार करोना के कारण टाल दिया गया है।या कहिये की इस महोत्सव पर कोरोना का ‘ग्रहण’ लग गया है। हर वर्ष 11 से 13 जनवरी को होने वाला गोरखपुर महोत्सव फिलहाल अपने तय समय पर नहीं हो पाएगा। कब होगा, होगा भी या नहीं इसपर पर कोई निर्णय नहीं हो सका है।
वर्ष 2016 से हर साल 11 जनवरी से 13 जनवरी तक महोत्सव का आयोजन होता है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बनने के बाद महोत्सव को और भव्य रुप मिला। स्थानीय लोक कलाकारों को जहां महोत्सव के बहाने बड़ा मंच मिला वहीं बॉलीवुड और भोजपुरी के बड़े-बड़े कलाकार महोत्सव में शिरकत कर चुके हैं।
राज्यपाल इस महोत्सव का शुभारंभ करते हैं जबकि मुख्यमंत्री, समापन समारोह के मौके पर मौजूद रहते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण का प्रभाव अभी भी बने रहने की वजह से प्रशासन ने तय समय पर महोत्सव नहीं कराने का निर्णय किया है। महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। ऐसे में उनके संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा जिसकी वजह से प्रशासन ने इसे टालने का निर्णय किया।
कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। अच्छी खासी भीड़ जुटती है। ऐसे में 11, 12 और 13 जनवरी को फिलहाल महोत्सव का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। महोत्सव इस साल होगा या नहीं अभी इसका निर्णय नहीं किया गया है।
उत्तर प्रदेश
आयुष्मान कार्ड का महा-घोटाला! NHA और UIDAI पोर्टल में ‘सेंधमारी’ का पर्दाफाश, 5000 रुपये में बन रहे फर्जी कार्ड!
लखनऊ: सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर मंडराया संकट! नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) और आधार (UIDAI) के महत्वपूर्ण पोर्टलों में सेंधमारी करके फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। इस गंभीर आशंका के बाद, स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रेहेंसिव हेल्थ ऐंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (SACHIS) ने तुरंत विभागीय जाँच शुरू कर दी है।
जाँच के रेडार पर कौन?
- अस्पताल: यूपी के उन अस्पतालों की सूचियां तैयार हो रही हैं जहाँ पिछले कुछ महीनों में आयुष्मान कार्ड के जरिए भर्ती मरीजों की संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है।
- क्षेत्र: सूत्रों के अनुसार, बरेली समेत वेस्ट यूपी और पूर्वांचल के कई अस्पताल जाँच के दायरे में हैं।
- संदिग्ध लोग: इस फर्जीवाड़े में NHA और आधार के काम-काज की बारीकियां जानने वाले लोगों की मिलीभगत की आशंका है, यहाँ तक कि उनके कार्यालयों से जुड़े कुछ लोग भी सवालों के घेरे में हैं।
ऐसे चल रहा है ‘खेल’ – 1000 से 5000 रुपये में डील!
- शुरुआती जाँच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ समेत कई जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों में यह फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है।
- आम लोगों को एक हजार से पाँच हजार रुपये का लालच देकर फर्जी आधार कार्ड बनवाने का झांसा दिया जाता है।
- इसके बाद, NHA और आधार के पोर्टल में सेंधमारी करके फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी करवाए जाते हैं।
- मुख्य कार्यपालक अधिकारी (SACHIS) अर्चना वर्मा के अनुसार, फर्जी कार्ड के जरिए इलाज करवाने वाले और इलाज करने वाले अस्पताल दोनों ही अब जाँच के दायरे में हैं।
रैकेट का तरीका:
- टारगेट फिक्सिंग: रैकेट का एक गुट ऐसे मरीजों को चिह्नित करता है जिनका फर्जी कार्ड बनाकर ‘वसूली’ की जा सके।
- कार्ड जनरेशन: दूसरा गुट NHA के पोर्टल में लॉगिन कर फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी करवाता है।
- भुगतान वसूली: अंत में, फर्जी कार्ड के आधार पर मरीज दिखाकर अस्पतालों के लिए सरकारी फंड से भुगतान करवा लिया जाता है।
जून में हुआ था 10 करोड़ का फर्जी भुगतान!
यह पहली घटना नहीं है! इसी साल जून में, यूपी के 39 अस्पतालों में 6,239 मरीजों के इलाज के नाम पर 9.94 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान हुआ था। उस समय, फर्जीवाड़े में उच्च अधिकारियों की यूजर आईडी (जैसे CEO, लेखाधिकारी) का इस्तेमाल किया गया था। इस नए खुलासे की शुरुआत तब हुई जब आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP नहीं आने की शिकायत सामने आई।
‘तार’ कई राज्यों में फैले!
SACHIS सूत्रों की मानें तो, इस फर्जीवाड़े के तार अंतरराज्यीय हैं! चाहे जून का करोड़ों का घोटाला हो या अब NHA/आधार में सेंधमारी, दोनों मामलों में इस्तेमाल किए गए IP अड्रेस की जाँच से पता चला है कि ज्यादातर कनेक्शन राजस्थान, कर्नाटक और दक्षिण भारत के राज्यों से जुड़े थे।
SACHIS ने उठाया बड़ा कदम:
- फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद SACHIS ने NHA, साइबर सेल और लखनऊ स्थित आधार (UIDAI) के क्षेत्रीय कार्यालय को तुरंत सूचना भेजी है।
- एक तत्काल और निर्णायक कदम उठाते हुए, आयुष्मान कार्ड बनाने व भुगतान के लिए कहीं से भी (बाहर से) लॉगिन करने की सुविधा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
- अब केवल SACHIS के अधिकृत दफ्तर से ही लॉगिन किया जा सकेगा।
दर्शकों से अपील: इस गंभीर धोखाधड़ी से बचने के लिए, आम जनता को किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को आधार या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं देनी चाहिए और आयुष्मान कार्ड केवल सरकारी या अधिकृत केंद्रों से ही बनवाना चाहिए।
हम इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। क्या आप इस फर्जीवाड़े के कानूनी पहलुओं या NHA द्वारा उठाए जा रहे आगे के कदमों के बारे में जानना चाहेंगे?
उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में छात्रवृत्ति को लेकर बड़ा फैसला, 28 नवंबर को आएगी राशि
गोरखपुर
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की समीक्षा बैठक में बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रमुख सचिव (पिछड़ा वर्ग कल्याण) सुभाष चंद्र शर्मा ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि 31 अक्टूबर 2025 तक सभी पात्र छात्रों के आवेदन हर हाल में पूरे कर लिए जाएं। सही आवेदन करने वाले छात्रों के बैंक खाते में 28 नवंबर 2025 को छात्रवृत्ति की राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
गुरुवार को एनेक्सी सभागार में हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव ने जिले के अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी विद्यालय या कॉलेज की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा- “हर पात्र छात्र को उसका अधिकार मिलना चाहिए, यह सरकार की प्राथमिकता है।”
किसी भी छात्र को न रहे योजना से वंचित
प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करें कि छात्र समय पर अपना आवेदन जमा करें।
सही और सत्यापित आवेदन वाले छात्रों के लिए 28 नवंबर 2025 को राशि सीधे बैंक खातों में भेज दी जाएगी।
डेटा फीडिंग और वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पर कार्रवाई
अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि यदि किसी संस्थान में डेटा फीडिंग या वेरिफिकेशन के दौरान लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, “शिक्षा हर छात्र का अधिकार है, और किसी की लापरवाही से कोई भी पात्र छात्र वंचित नहीं रहेगा।”
जिले की प्रगति रिपोर्ट गोरखपुर जिले के 514 माध्यमिक विद्यालयों में से 385 ने अब तक छात्रवृत्ति का डेटा अपलोड कर दिया है। करीब 29 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है, जिनमें अधिकांश का वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है। शेष विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अंतिम तिथि से पहले आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की भागीदारी
इस योजना का लाभ मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय और इनके अधीन कुल 159 कॉलेजों के छात्रों को भी मिलेगा।
पारदर्शी और पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी है। छात्रों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं, जहां उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने कहा कि विकास खंड स्तर पर मॉनिटरिंग सेल बनाए गए हैं, जो आवेदन की प्रगति की नियमित रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज रहे हैं।
विद्यालयों की गुणवत्ता पर सख्त नजर
बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा ताकि छात्रवृत्ति प्रक्रिया के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नियंत्रण रखा जा सके।
अंतिम संदेश
बैठक के अंत में प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा-
“सरकार की मंशा स्पष्ट है – हर पात्र छात्र को उसका अधिकार मिले और कोई भी संस्था इस कार्य में कोताही न बरते।”
📢 निष्कर्ष:
अगर आप छात्रवृत्ति योजना के पात्र हैं, तो 31 अक्टूबर से पहले अपना आवेदन ऑनलाइन पूरा करें। सही आवेदन करने वालों के बैंक खाते में 28 नवंबर 2025 को राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर: बाइक पर खुलेआम रोमांस करता दिखा कपल, वीडियो वायरल होते ही पुलिस हुई अलर्ट
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक कपल बाइक पर खुलेआम रोमांस करता नजर आ रहा है। मामला रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के नौका विहार रोड का है।
राहगीरों ने बताया कि युवक बाइक चला रहा था और लड़की उसकी तरफ मुंह करके बैठी हुई थी। दोनों एक-दूसरे से लिपटे हुए थे और हंसते-खिलखिलाते जा रहे थे। उनकी इस हरकत को देख आसपास गुजरने वाले लोग हैरान रह गए, वहीं कई महिलाएं शर्म से नजरें झुका लीं।
इस नजारे का वीडियो कुछ राहगीरों ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो X (Twitter) पर वायरल होते ही यूपी पुलिस ने संज्ञान लिया और गोरखपुर पुलिस को दोनों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
👉 नौका विहार बन रहा अड्डा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नौका विहार एरिया अब धीरे-धीरे अराजक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। कभी कपल्स के बीच झगड़े, तो कभी युवाओं की मारपीट, तेज रफ्तार कारें और बाइक स्टंट आम होते जा रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि पास ही अस्थाई पुलिस चौकी होने के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार क्यों हो रही हैं।
👉 लोगों की प्रतिक्रियाएँ
- एक महिला ने कहा – “बेहूदा और बेशर्म हरकत है। ऐसे लोगों को परिवार और समाज की कोई परवाह नहीं। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
- एक यूजर ने लिखा – “कभी यह नजारे मुंबई और दिल्ली में देखने को मिलते थे, अब गोरखपुर भी पीछे नहीं।”
👉 पुलिस की कार्रवाई
रामगढ़ ताल पुलिस ने बताया कि वीडियो की जांच की जा रही है और कपल की तलाश शुरू हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर पुलिस ने डाकघर के फर्जी एजेंट बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 2 गिरफ्तार
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर पुलिस ने संगठित अपराधों पर नकेल कसते हुए एक बड़ी ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने डाकघर के फर्जी एजेंट बनकर लोगों से ठगी करने वाले गैंग के लीडर सुमन देवी और उसके साथी शैलेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
ठगी का तरीका:
पुलिस के अनुसार, सुमन देवी और शैलेंद्र कुमार ने एक संगठित गिरोह बनाया था, जो खुद को डाकघर का एजेंट बताकर भोले-भाले लोगों से पैसे लेता था। इन लोग आरोपियों ने पैसों को डाकघर में जमा करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया। जब पीड़ित अपने पैसे वापस मांगते, तो उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी। इस गिरोह के आतंक से आम लोग डर के साए में जी रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर पुलिस द्वारा यह विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी कैंट के मार्गदर्शन में थाना एम्स पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (मु0अ0सं0 292/25) के तहत कार्रवाई की।

गैंग का आपराधिक इतिहास:
- सुमन देवी के खिलाफ गोरखपुर के शाहपुर और एम्स थानों में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और धमकी देने के मामले शामिल हैं।
- शैलेंद्र कुमार के खिलाफ भी गोरखपुर में पांच मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें ठगी, धमकी और जालसाजी जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।
पुलिस का संदेश:
गोरखपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति को डाकघर या अन्य योजनाओं के नाम पर पैसे न दें। ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
गोरखपुर पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से संगठित अपराधों के खिलाफ एक ठोस कदम उठाया गया है, और इससे जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
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उत्तर प्रदेश
ब्रेकिंग न्यूज़: शशि प्रकाश गोयल बनाए गए उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव
लखनऊ, 31 जुलाई 2025 —
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और लंबे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सलाहकार और करीबी अफसर के रूप में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के रहे सबसे विश्वसनीय अधिकारी
एसपी गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विश्वासपात्र अधिकारी माना जाता है। उनके पहले कार्यकाल से लेकर अब तक, गोयल ही लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख रहे हैं। उन्हें “मुख्यमंत्री का दायाँ हाथ” भी कहा जाता है। इससे पहले वे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टू सीएम पद पर कार्यरत थे।
प्रशासनिक अनुभव और छवि
शशि प्रकाश गोयल की गिनती एक गंभीर, अनुशासित और निपुण प्रशासक के रूप में होती है। वे कम बोलने वाले लेकिन तेज़ निर्णय लेने वाले अधिकारी माने जाते हैं। अपने काम को लेकर उनकी निष्ठा और गोपनीयता की नीति, शासन में स्थायित्व और दक्षता का प्रतीक बन चुकी है।
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2. युवक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, परिजन बोले– पुलिस कर रही थी मानसिक उत्पीड़न
वे बिना चर्चा में आए, शांति से लेकिन प्रभावी ढंग से काम करने में विश्वास रखते हैं।
क्या है नई जिम्मेदारी का महत्व?
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में मुख्य सचिव की भूमिका बेहद संवेदनशील और निर्णायक होती है। शासन और प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी अब एसपी गोयल के कंधों पर होगी।
योगी सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह नियुक्ति प्रशासनिक स्थायित्व और प्रभावी नीति क्रियान्वयन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
अपराध
युवक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, परिजन बोले– पुलिस कर रही थी मानसिक उत्पीड़न
झंगहा, गोरखपुर, 30 जुलाई 2025
गोरखपुर जिले के झंगहा थाना क्षेत्र में एक युवक ने कथित तौर पर पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 22 वर्षीय आकाश के रूप में हुई है, जो डीहघाट गांव का निवासी था।
परिवार वालों का आरोप है कि आकाश पर दहेज उत्पीड़न का झूठा मुकदमा दर्ज होने के बाद, बरही पुलिस चौकी के अधिकारियों ने परिवार से लगातार पैसे की मांग की। पुलिस ने जेल भेजने की धमकी देकर कई बार चौकी बुलाया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
आकाश की चाची रीता देवी ने मंगलवार को जनसुनवाई पोर्टल पर पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि उसी दिन आकाश के पिता को चौकी में बैठाकर शाम को घर भेजा गया और अगले दिन फिर बुलाया गया था। बुधवार की सुबह आकाश ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी।
दहेज उत्पीड़न का मामला था दर्ज
जानकारी के मुताबिक, आकाश की शादी 9 अप्रैल 2024 को कविता नाम की युवती से हुई थी। कविता ने 11 जुलाई को आकाश और उसके परिजनों के खिलाफ एक लाख रुपये नकद और बुलेट बाइक की मांग, गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने आरोपों से किया इनकार, जांच जारी
बरही चौकी प्रभारी दीपक गुप्ता ने कहा कि पैसे मांगने और प्रताड़ना के आरोप निराधार हैं। केस से जुड़े लोगों से सामान्य पूछताछ की गई थी। वहीं, एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि युवक की पत्नी द्वारा दर्ज मुकदमे की जांच की जा रही है और पुलिस पर लगे आरोपों की भी निष्पक्ष जांच होगी।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांव में घटना के बाद से मातम पसरा है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
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अपराध
लखनऊ: इंस्टाग्राम बना असलहा तस्करों का नेटवर्क, कृष्णानगर से दो आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
राजधानी लखनऊ में असलहा तस्करी का चौंकाने वाला तरीका सामने आया है। पुलिस ने कृष्णानगर के गंगाखेड़ा अंडरपास से दो असलहा तस्करों — आयुष सिंह और निशांत पांडे को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी इंस्टाग्राम के जरिए आपस में और ग्राहकों से संपर्क करते थे।
पुलिस के अनुसार, तस्कर हुसड़िया चौराहे पर असलहों की डिलीवरी किया करते थे। सोशल मीडिया के माध्यम से अवैध हथियारों की बिक्री और नेटवर्किंग का यह नया तरीका पुलिस के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनके नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है।
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