गोरखपुर ग्रामीण
कोरोना महामारी की जंग में अहम भूमिका निभाने वाले चिकित्सकों को लाइफ केयर सोसाइटी ने किया सम्मानित
गोरखपुर
गुरुवार को लाइफ केयर सोसायटी चौरी चौरा के अध्यक्ष पंकज लाट की अध्यक्षता में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौरी चौरा में डॉक्टर्स डे का आयोजन किया गया। इस दौरान कोरोना महामारी की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चिकित्सक डॉ. सर्वजीत प्रसाद, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. आर पी सिंह, डॉ. राकेश सिंह, डॉ. पूर्णिमा यादव, डॉ. श्वेता, चीफ फार्मासिस्ट वी के सिंह, फार्मासिस्ट एके तिवारी सहित हॉस्पिटल के सभी कर्मचारियों को अंग वस्त्र एवं उपहार भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान लाइफ केयर सोसायटी के अध्यक्ष पंकज लाठ ने कहा कि कोरोना रूपी इस महामारी के दौरान जनता की जान बचाने के लिए यहां के सभी डॉक्टर्स एवम उनके पूरे स्टॉप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्होंने अपनी सुरक्षा का परवाह ना करते हुए देश और समाज के लिए अपनी सेवा दिया है। ये किसी भगवान से कम नहीं हैं। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद लाठ, अध्यक्ष संजय जायसवाल, व्यापारी अजय लाठ उर्फ पल्ली, पंकज खेतान, राकेश जायसवाल तथा स्थानीय नागरिको सहित अनेक युवा समाजसेवी मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में ऑपरेशन के बाद महिला सफाईकर्मी की संदिग्ध मौत, डॉक्टर पर हत्या का आरोप, हॉस्पिटल के सामने हंगामा और सड़क जाम
माल्हनपार, गोरखपुर।
गोरखपुर के बांसगांव थाना क्षेत्र के माल्हनपार इलाके में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक महिला सफाईकर्मी की ऑपरेशन के बाद संदिग्ध मौत हो गई। मृतका की पहचान गीता देवी, निवासी उरुवा ब्लॉक में तैनात सफाईकर्मी के रूप में हुई है।
जानकारी के मुताबिक, गीता देवी का ऑपरेशन शहर के चन्द सेवा आश्रम अस्पताल में डॉक्टर मदनेश्वर चन्द द्वारा किया गया था। डॉक्टर ने परिजनों को बताया था कि गीता देवी की बच्चेदानी में ट्यूमर है और तुरंत ऑपरेशन जरूरी है। इसके लिए एक लाख रुपये का खर्च बताया गया, जिसमें से 30 हजार रुपये एडवांस के रूप में जमा भी कराए गए।
ऑपरेशन के बाद गीता देवी को चार दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा गया, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती रही। जब परिजनों ने मरीज को घर ले जाने की बात कही, तो डॉक्टर ने इजाजत नहीं दी। इसके बाद 25 अक्टूबर की रात बिना बताए मरीज को शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां परिजनों ने 75 हजार रुपये और जमा किए।
हालात सुधारने के बजाय और भी खराब होते गए। डॉक्टर ने मरीज को लखनऊ रेफर कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 26 अक्टूबर की सुबह करीब 8:30 बजे गीता देवी की मौत हो गई।
शव लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन, सड़क जाम, डॉक्टर पर हत्या का आरोप
मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम फैल गया। दोपहर करीब 3:30 बजे, परिजन शव को लेकर चंद्र सेवा अस्पताल के बाहर पहुंचे और सड़क पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने डॉक्टर मदनेश्वर चंद पर हत्या का आरोप लगाया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
देखते ही देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी शुरू हो गई। गुस्साए लोगों ने डॉक्टर को घेर लिया, जिसके बाद बांसगांव थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टर को हिरासत में ले लिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया और सड़क जाम हटाया।
ग्रामीणों का आरोप है कि रात होते ही पुलिस ने शव को जबरन पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रशासन ने जांच के आदेश दिए
मौके पर पहुंचे खजनी एसडीएम राजेश प्रताप सिंह ने परिजनों से बातचीत की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। वहीं सीओ बांसगांव अनुज कुमार सिंह ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर जांच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि सीएमओ को अस्पताल और डॉक्टर की डिग्री की जांच के लिए पत्र लिखा गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
बड़ा सवाल- लापरवाही या हत्या?
फिलहाल गीता देवी के शव का पोस्टमार्टम कर प्रशासन ने जांच बैठा दी है। लेकिन स्थानीय लोगों के मन में सवाल उठ रहा है-
क्या यह सिर्फ मेडिकल लापरवाही थी या फिर जानबूझकर की गई लापरवाही से हुई मौत?
इसका जवाब तो जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।
पूर्वांचल भारत न्यूज़ इस पूरे मामले की लगातार निगरानी कर रहा है। जैसे ही कोई नई जानकारी सामने आती है, हम आपको तुरंत अपडेट करेंगे।
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गोरखपुर ग्रामीण
उरुवा थाना नाबालिग अपहरण मामला: तीन आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग भी शामिल
गोरखपुर के उरुवा थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है — जहां पुलिस ने मानव तस्करी, अपहरण और बाल श्रम के गंभीर मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है।
पूरा मामला उरुवा थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम को शिकायतकर्ता ने डायल 112 पर सूचना दी कि उनके घर में रहने वाली महिला की नाबालिग बेटी सुबह 9 बजे पढ़ने के लिए निकली थी, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटी।
पुलिस की जांच में सामने आया कि बच्ची पिछले एक सप्ताह से स्कूल नहीं जा रही थी। जैसे ही ये बात सामने आई, उरुवा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। सीओ और थाना प्रभारी श्यामदेव चौधरी अपनी टीम के साथ गांव में लगातार खोजबीन करते रहे।
बुधवार को बच्ची के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। स्क्वाड डॉग टीम को भी तलाश में लगाया गया, लेकिन लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।
हालांकि, बुधवार शाम को पुलिस को राहत मिली जब बच्ची घर की छत से ही बरामद हो गई। बच्ची को सुरक्षित थाने लाकर पूछताछ की गई।
इसके बाद पुलिस ने तेजी दिखाते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की। शुक्रवार को उरुवा पुलिस ने गोपलापुर क्षेत्र से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान गोपलापुर निवासी हर्ष चंद पुत्र सत्यवान चंद और ज्ञानेंद्र अंगद चंद पुत्र अंगद चंद के रूप में हुई है।
उरुवा थानाध्यक्ष श्यामदेव चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी नाबालिग से मानव तस्करी, अपहरण और बाल श्रम जैसे कार्य करवा रहे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 137(2) बीएनएस, धारा 143(4) बीएनएस, धारा 16 बंधुआ मजदूरी अधिनियम और धारा 14 बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
फिलहाल तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं और पुलिस मामले की आगे की जांच में जुटी हुई है।
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उत्तर प्रदेश
उरुवा तालाब के जलभराव से डूब रही किसानों की फसलें, सभासद ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
नगर पंचायत उरुवा बाज़ार, गोरखपुर, 24 अगस्त 2025
🌧️ गोरखपुर में जलभराव से हर साल डूबती फसलें
गोरखपुर जिले के नगर पंचायत उरुवा बाजार क्षेत्र के किसान हर साल बरसात में भारी संकट झेलते हैं। यहां स्थित विशाल उरुवा तालाब में दूर-दराज गांवों का पानी जमा होकर खेतों में फैल जाता है। नतीजा यह होता है कि कई एकड़ धान, गेहूं और अन्य फसलें बर्बाद हो जाती हैं। उरुवा ताल की यह समस्या दशकों से बनी हुई है | इस प्रकरण में तमाम क्षेत्र के किसान, क्षेत्रीय नेताओं, विधायक, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी इत्यादि के हस्तक्षेप के बावजूद भी आज तक कोई उचित और सही समाधान नहीं हो सका।
🌾 खरीफ और रबी दोनों सीजन प्रभावित
किसानों का कहना है कि इस तालाब का पानी फरवरी तक धीरे-धीरे सूखता है, जिससे खरीफ और रबी दोनों फसलें चौपट हो जाती हैं। अगली बुवाई भी प्रभावित होती है और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। उरुवा बाज़ार के ताल से प्रभावित गाँव परसा खुर्द, टाड़ी, अमोढ़ा, मंझरिया, मठश्रीराम, कोटिया, भुइधरा, बस्तिया महमूद, बस्तिया रामचरन, लोहरा मीरा, कुशलदेईया, बेलासपुर, उरुवा बाज़ार डिहवा इत्यादि गाँव हैं।
🚜 किसान आर्थिक संकट में
लगातार नुकसान झेल रहे किसानों को साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह अब जलत्रासदी का रूप ले चुका है और यदि इसका समाधान जल्द नहीं निकला तो क्षेत्र की कृषि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।
📜 कई बार शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों और किसानों ने कई बार इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को अवगत कराया। कई प्रार्थना पत्र भी दिए गए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। किसानों और क्षेत्रीय नेताओं / प्रतिनिधिओं का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते उनकी मेहनत हर साल पानी में बह रही है।
💧 किसानों का समाधान: नाला निर्माण
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि समस्या का स्थायी हल यही है कि उरुवा तालाब से दक्षिण दिशा में बहने वाली कुआनो नदी तक एक चौड़ा और पक्का नाला बनाया जाए । इससे तालाब और आसपास के खेतों का अतिरिक्त जल सीधे नदी में चला जाएगा और खेत सुरक्षित रहेंगे।
🙏 सभासद ने उठाई आवाज
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि नाला बन गया तो हजारों किसानों की फसलें सुरक्षित हो सकेंगी और क्षेत्र की दशा बदल जाएगी। साथ ही नगर पंचायत उरुवा बाजार की विभिन्न जनसमस्याओं से अवगत कराया। नगर पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में अनियमितता, नाली जल निकासी की समस्या, सड़कों की जर्जर स्थिति और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता रखने जैसे मुद्दों को गंभीरता से रखा। मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात में सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह के साथ सभासद संदीप सिंह, भीम सिंह सहित व अन्य सभासद मौजूद रहे ।

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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर: बाइक पर खुलेआम रोमांस करता दिखा कपल, वीडियो वायरल होते ही पुलिस हुई अलर्ट
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक कपल बाइक पर खुलेआम रोमांस करता नजर आ रहा है। मामला रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के नौका विहार रोड का है।
राहगीरों ने बताया कि युवक बाइक चला रहा था और लड़की उसकी तरफ मुंह करके बैठी हुई थी। दोनों एक-दूसरे से लिपटे हुए थे और हंसते-खिलखिलाते जा रहे थे। उनकी इस हरकत को देख आसपास गुजरने वाले लोग हैरान रह गए, वहीं कई महिलाएं शर्म से नजरें झुका लीं।
इस नजारे का वीडियो कुछ राहगीरों ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो X (Twitter) पर वायरल होते ही यूपी पुलिस ने संज्ञान लिया और गोरखपुर पुलिस को दोनों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
👉 नौका विहार बन रहा अड्डा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नौका विहार एरिया अब धीरे-धीरे अराजक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। कभी कपल्स के बीच झगड़े, तो कभी युवाओं की मारपीट, तेज रफ्तार कारें और बाइक स्टंट आम होते जा रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि पास ही अस्थाई पुलिस चौकी होने के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार क्यों हो रही हैं।
👉 लोगों की प्रतिक्रियाएँ
- एक महिला ने कहा – “बेहूदा और बेशर्म हरकत है। ऐसे लोगों को परिवार और समाज की कोई परवाह नहीं। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
- एक यूजर ने लिखा – “कभी यह नजारे मुंबई और दिल्ली में देखने को मिलते थे, अब गोरखपुर भी पीछे नहीं।”
👉 पुलिस की कार्रवाई
रामगढ़ ताल पुलिस ने बताया कि वीडियो की जांच की जा रही है और कपल की तलाश शुरू हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में अवैध अस्पतालों पर सख्ती, केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पताल ही होंगे संचालित: डीएम का निर्देश
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
जिले में अब केवल वही अस्पताल संचालित होंगे जिन्हें सरकार से लाइसेंस प्राप्त है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ डॉ. राजेश झा) को निर्देशित किया कि जिले में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों को ही संचालन की अनुमति दी जाए।
डीएम ने साफ कहा कि जल्द ही लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि आम जनता को पारदर्शिता के साथ सही जानकारी मिले और अवैध अस्पतालों की पहचान हो सके। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि अवैध अस्पताल न केवल मरीजों की जान को खतरे में डालते हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हैं। इसलिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, जिला वन अधिकारी विकास यादव, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, सीएमओ डॉ. राजेश झा समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और अधिकारियों को योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
डीएम के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई होगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर में जलभराव से 10 साल की बच्ची की मौत, सपा ने ठेकेदार-जेई पर कार्रवाई की उठाई मांग
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर इलाके में जलभराव के कारण हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। यहां 10 वर्षीय मासूम आफरीन की नाले में डूबकर मौत हो गई। इस हादसे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है।
घटना के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिम्मेदार ठेकेदार और जूनियर इंजीनियर (जेई) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।
सपा का हंगामा और ज्ञापन
मंगलवार को सपा महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरेशी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नगर निगम पहुंचे और आक्रोश जताते हुए ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई।
सपा नेताओं का कहना था कि नालों की नियमित सफाई न होना और जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण आए दिन शहर में जलभराव की समस्या बनी रहती है। यही लापरवाही मासूम आफरीन की जान ले गई।
शब्बीर कुरेशी का बयान
सपा अध्यक्ष ने कहा, “यदि समय पर नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था की गई होती, तो आफरीन की जान बचाई जा सकती थी। केवल आर्थिक सहायता देना समाधान नहीं है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
प्रशासन की कार्रवाई और लोगों का गुस्सा
जिला प्रशासन की ओर से मृतक बच्ची के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब तक नगर निगम अपनी लापरवाही नहीं सुधारेगा और जल निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं करेगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
जनता का सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और नगर निगम के दावों की हकीकत सामने ला दी है। शहरवासी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक मासूमों की जान लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी?

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अपराध
गोरखपुर में मुस्ताक की मौत पर सियासत गरमाई, सपा नेता जफर अमीन डक्कू पहुंचे एसएसपी कार्यालय
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के ठिठौली गांव में 15 अगस्त 2025 को सड़क किनारे 48 वर्षीय मुस्ताक का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब 16 अगस्त को सोशल मीडिया पर मुस्ताक की बेरहमी से पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ। हालांकि इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन वायरल होते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी।
मृतक की बेटी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पांच आरोपियों को हिरासत में लिया। इसके बावजूद इस घटना ने स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
सपा नेता ने परिवार संग एसएसपी कार्यालय पहुंचकर जताई नाराज़गी
19 अगस्त को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जफर अमीन डक्कू पीड़ित परिवार के साथ सिविल लाइन स्थित एसएसपी कार्यालय पहुंचे। हालांकि एसएसपी उस समय मौजूद नहीं थे, लेकिन परिवार की मुलाकात एसपी सिटी से हुई। इस दौरान परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गगहा थानाध्यक्ष की भूमिका की जांच की मांग की।
परिवार का आरोप है कि मुस्ताक की मौत में पुलिस की लापरवाही साफ झलकती है। उनका कहना है कि घटना से तीन-चार दिन पहले से ही मुस्ताक किसी मामले को लेकर गगहा थाने के चक्कर काट रहा था। उसकी गाड़ी भी थाने में खड़ी थी, बावजूद इसके पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सक्रिय हो जाती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। वहीं, वायरल वीडियो ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर संदेह और बढ़ा दिया है।
राजनीति और दबाव दोनों बढ़े
समाजवादी पार्टी के हस्तक्षेप ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। प्रशासन पर निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का दबाव बढ़ गया है। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है और जांच जारी है।
निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार दोनों ही इस मामले में पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच घटते विश्वास को भी उजागर करती है।
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