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बिहार न्यूज़

नीतीश कुमार ने बिहार में अपनी नवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि सम्राट और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम बने

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बिहार

बिहार में नीतीश कुमार ने फिर से सीएम पद की शपथ ली है। विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी भी डिप्टी सीएम बने हैं।

बिहार में नीतीश कुमार ने नवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ पटना स्थित राजभवन में एक समारोह में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने दी। भाजपा के दो डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली है। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा इसमें शामिल हैं। पटना के राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में भी जय श्रीराम के नारे लगाए गए। रविवार को नीतीश सहित आठ अन्य नेताओं ने शपथ ली। इनमें बीजेपी और जेडीयू से 3-3 विधायक हैं, जबकि HAM से एक निर्दलीय विधायक है।

रविवार शाम पांच बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ सबसे पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर दिलाई। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने गोपनीयता और पद की शपथ ली। दोनों को नीतीश की एनडीए सरकार में डिप्टी सीएम का पद मिलेगा।

वर्तमान में श्री चौधरी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं। नीतीश के महागठबंधन में शामिल होने के बाद बीजेपी ने उन्हें राज्य का नेतृत्व सौंपा था। पिछले एक वर्ष में वे निरंतर नीतीश कुमार के खिलाफ राजनीति कर रहे थे। अब नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें डिप्टी बनाया गया है। साथ ही, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व स्पीकर विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया है। वह भी सड़क से लेकर संसद तक नीतीश का विरोध करते रहे। अब मुख्यमंत्री उनके साथ काम करेगा।

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विजय चौधरी ने चौथे स्थान पर शपथ ली

चौथे मंत्री पद की शपथ ली जेडीयू नेता विजय चौधरी ने, जो सीएम नीतीश के खास दोस्त हैं। उनके पास महागठबंधन सरकार में वित्त विभाग था। वह बिहार सरकार में जेडीयू के दूसरे नंबर के नेता हैं।

विजय चौधरी के बाद सुपौल से विधायक और जेडीयू के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पांचवीं बार शपथ ली। बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने फिर शपथ ली। वे पहले भी मंत्री रहे हैं।

जेडीयू विधायक श्रवण कुमार ने सातवें नंबर पर शपथ ली। वह नालंदा, नीतीश कुमार के जन्मस्थान से आते हैं। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने शपथ ली, जो पूर्व प्रधानमंत्री जीतनराम मांझी का बेटा है। नीतीश सरकार को मांझी की पार्टी ने समर्थन दिया है। बिहार विधानसभा में HAM से चार विधायक हैं।

सबसे आखिर में, निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने पहले भी एनडीए और महागठबंधन की सरकारों में मंत्री पद पर काम किया है। नीतीश के करीबी दोस्त भी सुमित सिंह हैं।

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नीतीश कुमार के नाम रिकॉर्ड दर्ज

बिहार का मुख्यमंत्री नौवीं बार नीतीश कुमार बन गए है। वह राज्य के पहले नेता हैं जो ऐसा करता है। अब तक बिहार में ऐसा कोई नेता नहीं हुआ जो इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा है। बिहार में पिछले दो दशक में सत्ताधारी गठबंधन बदलते रहे, लेकिन नीतीश कुमार केंद्र में रहे।

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गोरखपुर ग्रामीण

Gorakhpur News: रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध युवक के सूटकेस से 99 लाख 9 हजार रुपये बरामद, आयकर विभाग जांच में जुटा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने एक संदिग्ध व्यक्ति से 99 लाख 9 हजार रुपये बरामद किए। युवक रकम के स्रोत का खुलासा नहीं कर सका। अब आयकर विभाग जांच में जुट गया है।

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गोरखपुर रेलवे स्टेशन 99 लाख बरामद

गोरखपुर: बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने सघन चेकिंग अभियान तेज कर रखा है। इसी दौरान गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी।

जानकारी के अनुसार, स्टेशन के वीआईपी गेट नंबर-2 पर खड़े एक संदिग्ध व्यक्ति के सूटकेस से 99 लाख 9 हजार रुपये नकद बरामद किए गए। यह कार्रवाई उस समय हुई जब अधिकारी विशेष निर्देशों के तहत स्टेशन परिसर में जांच अभियान चला रहे थे।

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संदिग्ध युवक से मिली बड़ी रकम

सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि जब युवक संदिग्ध अवस्था में खड़ा नजर आया तो उसकी हरकतों पर संदेह हुआ। पूछताछ के बाद जब उसके सूटकेस की तलाशी ली गई तो अंदर काले पॉलिथीन में पैक नकदी के कई बंडल मिले।

पूछताछ में युवक ने अपना नाम मुकुंद माधव (निवासी मोकामा, बिहार) बताया। उसने दावा किया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे ये सूटकेस बगहा से मोकामा पहुंचाने को दिया था। वह गोरखपुर ट्रेन बदलने के लिए रुका था। हालांकि, वह यह स्पष्ट नहीं कर सका कि यह रकम किसकी थी, किस उद्देश्य से भेजी जा रही थी, और मोकामा में किसे दी जानी थी

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बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में 60.13% मतदान, 1314 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद

आयकर विभाग को सौंपी गई जांच

संदिग्ध जवाबों और असंगत बातों के कारण अधिकारियों ने रकम को संदिग्ध मानते हुए आयकर विभाग (Income Tax Team) को सूचना दी।

आरपीएफ जीओ विक्रम कुमार सिंह ने बताया कि “आयकर विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। नकदी की गिनती, नोटों के नंबर और युवक के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है।”

प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि यह रकम चुनावी खर्च या अवैध लेनदेन से जुड़ी हो सकती है। यदि ऐसा पाया गया, तो युवक और संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

घटना के बाद रेलवे स्टेशन और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा और निगरानी और सख्त कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि बिहार चुनाव के दौरान इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए हर ट्रेन, स्टेशन और सीमावर्ती इलाकों में लगातार चेकिंग जारी रहेगी।

यह बरामदगी न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को दर्शाती है बल्कि यह भी संकेत देती है कि चुनावी सीजन में नकदी के अवैध परिवहन को लेकर सतर्कता कितनी जरूरी है।

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ताज़ा ख़बर

बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में 60.13% मतदान, 1314 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर 60.13% मतदान हुआ। 1314 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद। तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और विजय सिन्हा समेत दिग्गज नेताओं ने डाले वोट।

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पटना, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 60.13% वोटिंग दर्ज की गई। कई मतदान केंद्रों पर शाम तक लंबी कतारें लगी रहीं और मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान समाप्त होने के बाद सभी EVM को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचा दिया गया है।

इस चरण में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 126 महिलाएं और 9 थर्ड जेंडर प्रत्याशी शामिल हैं। इन उम्मीदवारों की किस्मत अब 14 नवंबर को मतगणना के दिन तय होगी। इस चरण में मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव, उनके भाई तेज प्रताप यादव, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी जैसे कई दिग्गज नेताओं की सियासी परीक्षा हुई।

🕖 सुबह से दिखा मतदान का उत्साह

सुबह 7 बजे मतदान शुरू होते ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी लाइनें लग गईं। महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी वर्गों में मतदान को लेकर जबरदस्त जोश दिखाई दिया। पटना, गया, भागलपुर, नवादा, सीवान और समस्तीपुर जैसे जिलों में लोगों ने घंटों इंतजार के बाद भी वोट डालने का उत्साह नहीं खोया। चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार की जनता ने लोकतंत्र के इस पर्व को उत्सव की तरह मनाया और यह अब तक के सबसे शांतिपूर्ण चुनावों में से एक रहा।

🧍‍♂️ सीएम नीतीश, तेजस्वी और तेज प्रताप ने डाला वोट

राज्य की प्रमुख सियासी हस्तियों ने भी मतदान में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में वोट डालने के बाद कहा कि बिहार में विकास और स्थिरता के लिए जनता फिर से एनडीए पर भरोसा जताएगी।
वहीं, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य का चुनाव है – जनता अब महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट कर रही है और बदलाव निश्चित है।

⚖️ NDA बनाम महागठबंधन में सीधा मुकाबला

पहले चरण में NDA (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी दल) के बीच कांटे की टक्कर रही। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) भी एक नए विकल्प के रूप में मैदान में उतरी है, जिससे कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया।

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🛡️ सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद

चुनाव आयोग ने इस चरण में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ाम किए थे। सभी 18 जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। कुछ संवेदनशील इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए 56 बूथों पर शाम 5 बजे मतदान समाप्त कर दिया गया। आयोग के अनुसार, कहीं भी हिंसा या गंभीर गड़बड़ी की घटना नहीं हुई।

👩‍🦰 महिलाओं ने तोड़ा रिकॉर्ड, पुरुषों से ज्यादा वोटिंग

चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोट डाला। कई महिलाओं ने कहा कि वे इस बार महंगाई, महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर मतदान कर रही हैं। एक महिला मतदाता ने कहा – “अब हम सिर्फ जाति नहीं, बल्कि विकास के लिए वोट दे रहे हैं।”

💬 ‘बदलाव की लहर चल रही है’ – मुकेश सहनी

वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में इस बार बदलाव की लहर है। जनता सरकार बदलने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही अफवाहें सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश हैं, लेकिन इस बार वोटर पूरी तरह जागरूक है।

🔚 नतीजों का इंतजार 14 नवंबर को

पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के साथ ही अब सबकी नजरें 14 नवंबर की मतगणना पर टिकी हैं, जब 121 सीटों के नतीजे तय करेंगे कि बिहार की सत्ता की राह किस ओर जाएगी – NDA की वापसी या महागठबंधन का उदय।

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टॉप न्यूज़

मोकामा “गोलीकांड”से हिली बिहार की राजनीति, बाहुबल और सियासत आमने-सामने

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पटना, बिहार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मोकामा की राजनीति में हिंसा ने नया मोड़ ले लिया है। गुरुवार को दो राजनीतिक काफिलों की भिड़ंत के दौरान चली गोलियों में जन सुराज पार्टी के समर्थक और 75 वर्षीय बाहुबली दुलारचंद यादव की मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर बिहार की उस कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया है, जहां अपराध और राजनीति का गठजोड़ चुनावी माहौल पर भारी पड़ जाता है।

मिली जानकारी के अनुसार, मोकामा के एक चौराहे पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के काफिले आमने-सामने आ गए। नारेबाजी शुरू हुई, फिर पत्थरबाजी और आखिर में गोलियां चल पड़ीं। अफरा-तफरी में दुलारचंद यादव को गोली लगी और बाद में एक वाहन ने कुचल दिया। इस घटना में दर्जनभर लोग घायल हुए हैं।

🔥 हत्या के बाद सियासी बवंडर

वारदात के बाद मोकामा में तनाव का माहौल है। यह बिहार चुनाव 2025 की पहली बड़ी हिंसक घटना बताई जा रही है। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए बिहार के डीजीपी से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने चार FIR दर्ज की हैं – एक दुलारचंद के परिवार की ओर से अनंत सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ, जबकि दूसरी अनंत सिंह पक्ष द्वारा जन सुराज कार्यकर्ताओं के खिलाफ।

⚖️ अपराध, राजनीति और जातीय समीकरण

मोकामा सीट लंबे समय से अपराध और राजनीति के मेल का प्रतीक रही है। भूमिहार बहुल इस इलाके में ज्यादातर विधायक इसी समाज से रहे हैं, इसलिए इसे ‘भूमिहारों की राजधानी’ भी कहा जाता है। दुलारचंद यादव पर भी हत्या, अपहरण और वसूली जैसे 11 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे।

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🩸 दुलारचंद और अनंत सिंह की पुरानी दुश्मनी

दुलारचंद कभी अनंत सिंह के करीबी माने जाते थे, लेकिन जन सुराज पार्टी से जुड़ने और प्रशांत किशोर के अपराध विरोधी अभियान में शामिल होने के बाद दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ गई। यह टकराव अंततः हिंसा में बदल गया।

🔫 अनंत सिंह का आपराधिक इतिहास

‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह पर अब तक 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं – जिनमें हत्या, अपहरण, रंगदारी और हथियार तस्करी शामिल हैं। 2019 में उनके आवास पर AK-47 और ग्रेनेड बरामद हुए थे।
हालांकि, 2024 में पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें यूएपीए मामले से बरी कर दिया, जिससे उनकी राजनीतिक वापसी का रास्ता साफ हुआ।

👩‍🦰 नीलम देवी और वीणा देवी की एंट्री

अनंत सिंह के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने 2022 के उपचुनाव में राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी।
दूसरी ओर, बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी भी इस बार मैदान में हैं। सूरजभान के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है, इसलिए उन्होंने वीणा देवी को मोर्चे पर उतारा है।

🚨 चुनाव आयोग की सख्ती

मोकामा गोलीकांड के बाद चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। बिहार डीजीपी को विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है और अवैध हथियारों के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू हो गया है। आयोग ने साफ किया है कि हिंसा में शामिल किसी भी उम्मीदवार या समर्थक को बख्शा नहीं जाएगा।

📢 निष्कर्ष:

मोकामा की यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि बिहार की चुनावी राजनीति के उस पुराने चेहरे की याद दिलाती है, जहां सत्ता की राह बाहुबल और जातीय समीकरणों से होकर गुजरती है। चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद, सवाल यही है – क्या बिहार एक बार फिर ‘जंगलराज’ की वापसी देख रहा है?

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टॉप न्यूज़

मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान JSP कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, कई घायल

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पटना, बिहार

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा से बड़ी खबर आई है। जनसुराज पार्टी (JSP) के काफिले पर गुरुवार को ताबड़तोड़ फायरिंग हुई, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता और प्रत्याशी के चाचा दुलारचंद यादव की गोली लगने से मौत हो गई। कई अन्य कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, यह हमला तब हुआ जब जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी चुनाव प्रचार के लिए निकले थे। इसी दौरान कुछ अज्ञात हमलावरों ने काफिले पर अचानक हमला बोल दिया और लगातार गोलियां चलानी शुरू कर दीं।

गोलियों की बौछार में दुलारचंद यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक दुलारचंद यादव, मोकामा से जन सुराज पार्टी (JSP) प्रत्याशी के चाचा और यादव महासंघ के अध्यक्ष थे।

फायरिंग की इस घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल फैल गया है। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

प्रतीकात्मक फोटो

पुलिस के मुताबिक, हमलावर दूसरी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हो सकते हैं, जो घटना के बाद फरार हो गए। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं और इलाके की नाकेबंदी कर जांच की जा रही है।

बिहार में पहले चरण के चुनाव से पहले इस वारदात ने राज्य की कानून-व्यवस्था और शांतिपूर्ण मतदान पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच तेज कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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टॉप न्यूज़

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा: राहुल गांधी-तेजस्वी की बाइक राइड, ढाबे पर चाय और सुरक्षा में चूक

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बिहार

बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा लगातार सुर्खियों में है। यात्रा के आठवें दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में अनोखे अंदाज में एंट्री की। राहुल गांधी खुद बुलेट मोटरसाइकिल चलाते नजर आए, जबकि उनके पीछे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम बैठे थे।

दोनों नेताओं ने करीब दो किलोमीटर तक बाइक राइड की। इस दौरान भीड़ उमड़ पड़ी और स्थानीय लोग नेताओं को देखकर काफी उत्साहित नजर आए। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बीच रास्ते में एक ढाबे पर भी रुके और चाय का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत भी की।

लेकिन इसी बीच एक बड़ी सुरक्षा चूक भी देखने को मिली। अचानक एक युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर राहुल गांधी की बाइक तक पहुंच गया और उन्हें किस करने की कोशिश करने लगा। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए युवक को पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया।

इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। चुनावी मौसम में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की इस बाइक यात्रा और सुरक्षा में हुई चूक ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

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सिक्योरिटी तोड़कर राहुल गांधी को Kiss करने दौड़ा युवक, पूर्णिया में बाइक  यात्रा के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक - man breaks security kiss rahul gandhi  voter adhikar ...

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में नकली चायपत्ती का भंडाफोड़: बिहार से आई खेप पकड़ी, पिकअप मालिक पर केस दर्ज

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गोरखपुर | 30 जुलाई 2025
गोरखपुर के तिवारीपुर इलाके में पुलिस ने नकली चायपत्ती से भरी एक पिकअप गाड़ी पकड़ी है। यह खेप बिहार से लाई जा रही थी और लालडिग्गी इलाके में उतारने की तैयारी थी। मामले में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच में सामने आया कि चायपत्ती पूरी तरह नकली है और इसमें खतरनाक केमिकल की मिलावट की गई थी।

कैसे सामने आया मामला?

शनिवार रात तिवारीपुर पुलिस ने संदेह के आधार पर एक पिकअप को रोका। गाड़ी में रखे गए बोरों के बारे में ड्राइवर कोई वैध कागज नहीं दिखा सका। जब पुलिस ने जांच की, तो उसमें चायपत्ती भरी पाई गई। ड्राइवर ने बताया कि गाड़ी देवरिया के अश्वनी यादव की है और वह बिहार से यह खेप लेकर गोरखपुर आया था।

जांच में निकला नकली माल

पुलिस ने जब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) को बुलाया, तो जांच में पुष्टि हुई कि चायपत्ती नकली है। इसमें मिलावट के लिए जूते की पालिश में इस्तेमाल होने वाला पाउडर मिलाया गया था। यह चायपत्ती सामान्य पानी में भी रंग छोड़ रही थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है।

साहबगंज मंडी से जुड़ा मामला

जानकारी के अनुसार, नकली चायपत्ती को साहबगंज मंडी पहुंचाने की योजना थी। पहले भी मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों में इसी मंडी का नाम सामने आता रहा है। अब यह जांच की जा रही है कि इससे पहले कितनी नकली चायपत्ती बाजार में पहुंच चुकी है।

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कैसे पहचानें नकली चायपत्ती

  • चायपत्ती को ठंडे पानी में डालें, अगर तुरंत रंग छोड़ती है तो वह नकली हो सकती है।
  • पैक पर बनने और एक्सपायरी डेट स्पष्ट होनी चाहिए, ओवरराइटिंग या धुंधली तारीख से सतर्क रहें।
  • असली कंपनियों के रैपर की प्रिंटिंग और रंग साफ-सुथरे होते हैं, नकली में अक्सर हल्की छपाई होती है।
  • छोटे दुकानदारों को अधिक मुनाफा देकर नकली माल दिया जाता है, सतर्क रहें।
Real Chai patti Identify Tricks: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं नकली चाय  पत्ती का इस्तेमाल? इन 3 तरीकों से करें पहचान | 3 easy tricks how to  identify real
तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है।

छोटे पैकेट में बड़ा खेल

बाजार में चल रहे नकली सामान का सबसे ज्यादा इस्तेमाल छोटे पैकेटों में हो रहा है। बड़े ब्रांड्स जैसे ‘ताजा चाय’ के नाम पर नकली रैपर छपवाकर मिलावटी माल को असली बताकर बेचा जा रहा है। दिल्ली से छपे रैपर स्थानीय स्तर पर लाकर पैकिंग की जाती है और फिर छोटे दुकानों के जरिये बेचा जाता है।

निष्कर्ष

यह मामला सिर्फ एक चायपत्ती का नहीं, बल्कि आम जनता की सेहत से खिलवाड़ का है। पुलिस और खाद्य विभाग इस नेटवर्क की तह तक जाने में जुटे हैं। जरूरी है कि ग्राहक सतर्क रहें और खाने-पीने की चीजें खरीदते समय सावधानी बरतें।

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टॉप न्यूज़

बिहार की राजनीति में नया समीकरण: पप्पू यादव ने चिराग पासवान को महागठबंधन में आने का दिया न्योता, PK की भूमिका अहम

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पटना, बिहार, 27 जुलाई 2025
बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेती नजर आ रही है। जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्यक्ष पप्पू यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल होने का खुला न्योता दिया है। इस नई राजनीतिक पहल में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) की संभावित भूमिका को भी बेहद अहम माना जा रहा है।

रविवार को पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पप्पू यादव ने कहा,

“अगर प्रशांत किशोर और चिराग पासवान साथ आ चुके हैं, तो प्रशांत जी को चिराग को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर देना चाहिए। चिराग को महागठबंधन में आना चाहिए – हम उनका स्वागत करेंगे।”

चिराग-प्रशांत समीकरण पर चर्चा तेज

हाल के दिनों में चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर की सार्वजनिक मंचों पर सराहना की है। उन्होंने PK के विचारों और जनसंपर्क मॉडल को “ईमानदार राजनीतिक सोच” बताया, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों के बीच अंदरखाने कोई रणनीतिक तालमेल बन रहा है।

वहीं, पप्पू यादव का यह बयान साफ संकेत देता है कि वे बिहार में एक नया राजनीतिक विकल्प खड़ा करने की तैयारी में हैं। अगर चिराग महागठबंधन में शामिल होते हैं और प्रशांत किशोर की रणनीति जुड़ती है, तो यह गठजोड़ मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन NDA के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है।

राजनीतिक विश्लेषण:

नेतावर्तमान स्थितिसंभावित भूमिका
चिराग पासवानNDA में सीमित दायरे तक सक्रियमहागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरा
प्रशांत किशोरजनसुराज अभियान से जुड़े, रणनीतिकारगठबंधन रणनीति के मुख्य सूत्रधार
पप्पू यादवJAP प्रमुख, गठबंधन समर्थकनवगठित फ्रंट को जमीन पर मजबूती देना

क्या बनेगा तीसरा फ्रंट?

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह गठजोड़ आकार लेता है तो RJD, JDU और NDA — तीनों के लिए यह बड़ी चुनौती बन सकता है।
इसका मुख्य आधार होगा:

  • युवा नेतृत्व: चिराग पासवान जैसे युवा चेहरे की अगुवाई।
  • रणनीतिक मजबूती: PK की ब्रांडिंग और जमीनी रणनीति।
  • जातीय समीकरणों में बदलाव: पारंपरिक गठबंधनों से अलग एक नया समीकरण।

पप्पू यादव की मंशा साफ

पप्पू यादव लंबे समय से खुद को विपक्षी एकता का समर्थक बताते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सीधा प्रस्ताव देकर यह संकेत दे दिया है कि वे बिहार में नेतृत्व की नई लहर देखना चाहते हैं।

पप्पू यादव के मुताबिक,

“बिहार को अब वही नेता चाहिए, जो युवाओं की नब्ज़ को समझता हो, जो भविष्य की राजनीति करे – चिराग पासवान में वो काबिलियत है।”

संभावित परिणाम:

  • राज्य में सीएम पद को लेकर बहस तेज हो सकती है
  • सीट बंटवारे की नई रणनीति बन सकती है
  • JDU और BJP के समीकरणों में सेंध लग सकती है
  • युवाओं और नए मतदाता वर्ग में नई लहर आ सकती है

निष्कर्ष

यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक संकेत है — आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। अगर चिराग पासवान ने यह न्योता स्वीकार कर लिया और प्रशांत किशोर ने उसे रणनीति दी, तो बिहार में तीसरे फ्रंट की नींव पड़ सकती है — जो आने वाले समय में निर्णायक शक्ति बन सकती है।

🗞️ संपादकीय टिप्पणी:

“यह गठजोड़ महज चुनावी समझौता नहीं, बल्कि नई राजनीतिक सोच, ब्रांडिंग और रणनीति का संगम है। सही नेतृत्व और तालमेल के साथ यह बिहार की सियासी तस्वीर बदल सकता है।”

📝 रिपोर्ट: PURVANCHAL BHARAT NEWS टीम

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