उत्तर प्रदेश
योगी सरकार का छांगुर बाबा पर हंटर, यूपी से मुंबई तक छापे, 3 करोड़ की आलीशान कोठी ध्वस्त

बलरामपुर, उत्तर प्रदेश
पांच जुलाई को यूपी एटीएस ने राजधानी लखनऊ के एक होटल से देश विरोधी गतिविधियों और धर्म परिवर्तन कराने के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया।
ATS ने छांगुर बाबा और नसरीन को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में किए गए खुलासे सबको हैरान कर गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद बहुत कठोर रुख अपनाया। सीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि जमालुद्दीन को ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज के लिए नजीर बनेगी क्योंकि उसके कार्य राष्ट्र और समाज के खिलाफ हैं।
तब छांगुर बाबा के खराब दिन शुरू हुए। बलरामपुर के मधपुर में छांगुर बाबा की विशाल कोठी को बुलडोजर ने तोड़ डाला। तीन करोड़ रुपये की इस आलीशान कोठी में सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान शक्तिवर्धक दवाएं और मसाज आयल भी प्राप्त किए। प्रशासन ने इस आलीशान कोठी को ध्वस्त करने में आठ लाख रुपये खर्च किए। छांगुर बाबा भी इसके लिए भुगतान करेगा। UPATS ने छांगुर बाबा के नेटवर्क को तोड़ने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में छापेमारी शुरू की।
छांगुर बाबा के भतीजे और बेटे भी गिरफ्तार किए गए। अब ED पूरे मामले में है। यह पता चला कि छांगुर बाबा और नसरीन के बैंक खातों से सौ करोड़ रुपये अवैध रूप से निकाले गए हैं। गैंग के एक सदस्य, मुंबई में रहने वाले शहजाद, के खाते से भी दो करोड़ रुपये का ट्रांजेक्श नहीं हुआ। गुरुवार सुबह पांच बजे, ED की कई टीमों ने छांगुर बाबा के चौबीस स्थानों पर एक साथ रेड की। यूपी में 12 स्थानों पर छापेमारी और मुंबई में 2 स्थानों पर छापेमारी के दौरान हड़कंप मचा रहा।
ED ने छांगुर बाबा के चौबीस बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की है। इनमें बहुत से विदेशी देशों से जमकर धन मिल गया है। छांगुर बाबा ने नेपाल और दुबई तक अपना नेटवर्क बनाया था। इस गैंग के पांच बैंक अकाउंट भी विदेशों में मिले हैं। धर्म परिवर्तन गैंग के सदस्यों का दावा है कि वे पिछले कुछ वर्षों के भीतर पच्चीस इस्लामिक देशों का दौरा कर चुके हैं। ED जांच कर रहा है कि पैसे किसने भेजे और उनका क्या उपयोग हुआ।

परीक्षण ने पाया कि धर्म परिवर्तन गैंग में शामिल लड़के हिंदू बनकर लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाते थे, उनसे शादी करने का वादा करते थे और उनसे संबंध बनाते थे। वे इस बीच अश्लील वीडियो बनाकर उनको ब्लैकमेल करते रहे। वह उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए छांगुर बाबा के पास ले जाता था। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद कई लड़कियां आईं और उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें छांगुर बाबा और उसके परिवार पर जान से मारने की धमकी भी शामिल है।
CM योगी के संज्ञान लेने के बाद, पुलिस और प्रशासन ने छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क को लगातार पीटा है।
आठ जुलाई को प्रधानमंत्री योगी ने एक्स पर एक पत्र में कहा कि उनकी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच से पता चला कि आरोपी जलालउद्दीन की क्रियाएँ न सिर्फ समाज विरोधी हैं, बल्कि देश विरोधी भी हैं। कानून व्यवस्था में उत्तर प्रदेश सरकार कोई देरी नहीं करेगी। आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है। उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी कि वह समाज के लिए एक उदाहरण बन जाए। ‘
उत्तर प्रदेश
उरुवा तालाब के जलभराव से डूब रही किसानों की फसलें, सभासद ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

नगर पंचायत उरुवा बाज़ार, गोरखपुर, 24 अगस्त 2025
🌧️ गोरखपुर में जलभराव से हर साल डूबती फसलें
गोरखपुर जिले के नगर पंचायत उरुवा बाजार क्षेत्र के किसान हर साल बरसात में भारी संकट झेलते हैं। यहां स्थित विशाल उरुवा तालाब में दूर-दराज गांवों का पानी जमा होकर खेतों में फैल जाता है। नतीजा यह होता है कि कई एकड़ धान, गेहूं और अन्य फसलें बर्बाद हो जाती हैं। उरुवा ताल की यह समस्या दशकों से बनी हुई है | इस प्रकरण में तमाम क्षेत्र के किसान, क्षेत्रीय नेताओं, विधायक, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी इत्यादि के हस्तक्षेप के बावजूद भी आज तक कोई उचित और सही समाधान नहीं हो सका।
🌾 खरीफ और रबी दोनों सीजन प्रभावित
किसानों का कहना है कि इस तालाब का पानी फरवरी तक धीरे-धीरे सूखता है, जिससे खरीफ और रबी दोनों फसलें चौपट हो जाती हैं। अगली बुवाई भी प्रभावित होती है और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। उरुवा बाज़ार के ताल से प्रभावित गाँव परसा खुर्द, टाड़ी, अमोढ़ा, मंझरिया, मठश्रीराम, कोटिया, भुइधरा, बस्तिया महमूद, बस्तिया रामचरन, लोहरा मीरा, कुशलदेईया, बेलासपुर, उरुवा बाज़ार डिहवा इत्यादि गाँव हैं।
🚜 किसान आर्थिक संकट में
लगातार नुकसान झेल रहे किसानों को साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह अब जलत्रासदी का रूप ले चुका है और यदि इसका समाधान जल्द नहीं निकला तो क्षेत्र की कृषि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।
📜 कई बार शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों और किसानों ने कई बार इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को अवगत कराया। कई प्रार्थना पत्र भी दिए गए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। किसानों और क्षेत्रीय नेताओं / प्रतिनिधिओं का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते उनकी मेहनत हर साल पानी में बह रही है।
💧 किसानों का समाधान: नाला निर्माण
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि समस्या का स्थायी हल यही है कि उरुवा तालाब से दक्षिण दिशा में बहने वाली कुआनो नदी तक एक चौड़ा और पक्का नाला बनाया जाए । इससे तालाब और आसपास के खेतों का अतिरिक्त जल सीधे नदी में चला जाएगा और खेत सुरक्षित रहेंगे।
🙏 सभासद ने उठाई आवाज
नगर पंचायत उरुवा बाजार के वार्ड संख्या 9 के सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि नाला बन गया तो हजारों किसानों की फसलें सुरक्षित हो सकेंगी और क्षेत्र की दशा बदल जाएगी। साथ ही नगर पंचायत उरुवा बाजार की विभिन्न जनसमस्याओं से अवगत कराया। नगर पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में अनियमितता, नाली जल निकासी की समस्या, सड़कों की जर्जर स्थिति और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता रखने जैसे मुद्दों को गंभीरता से रखा। मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात में सभासद ब्रिजेन्द्र पाल सिंह के साथ सभासद संदीप सिंह, भीम सिंह सहित व अन्य सभासद मौजूद रहे ।

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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में अवैध अस्पतालों पर सख्ती, केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पताल ही होंगे संचालित: डीएम का निर्देश

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
जिले में अब केवल वही अस्पताल संचालित होंगे जिन्हें सरकार से लाइसेंस प्राप्त है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ डॉ. राजेश झा) को निर्देशित किया कि जिले में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और केवल लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों को ही संचालन की अनुमति दी जाए।
डीएम ने साफ कहा कि जल्द ही लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि आम जनता को पारदर्शिता के साथ सही जानकारी मिले और अवैध अस्पतालों की पहचान हो सके। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि अवैध अस्पताल न केवल मरीजों की जान को खतरे में डालते हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हैं। इसलिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, जिला वन अधिकारी विकास यादव, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, सीएमओ डॉ. राजेश झा समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और अधिकारियों को योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
डीएम के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि लाइसेंस प्राप्त अस्पतालों की सूची जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई होगी।
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उत्तर प्रदेश
अब ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा चार्ज, जानें नया लगेज नियम 2025

नई दिल्ली
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब ट्रेन में यात्रा के दौरान तय सीमा से ज्यादा सामान ले जाने पर हवाई यात्रा की तरह अतिरिक्त चार्ज देना होगा। रेलवे ने इसे “नया लगेज नियम 2025″ नाम दिया है।
नई व्यवस्था के तहत प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, अलीगढ़ और टुंडला समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें लगाई गई हैं। यहां यात्रियों के बैग का वजन चेक किया जाएगा और तय सीमा से अधिक होने पर तुरंत शुल्क वसूला जाएगा।
रेलवे ने कोच के हिसाब से मुफ्त सामान की सीमा तय की है:
- AC-1 क्लास यात्री: 70 किलो तक मुफ्त
- AC-2 क्लास यात्री: 50 किलो तक मुफ्त
- AC-3 और स्लीपर क्लास यात्री: 40 किलो तक मुफ्त
- जनरल डिब्बे के यात्री: केवल 35 किलो तक मुफ्त
इससे अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। रेलवे का कहना है कि इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि कोचों में अत्यधिक सामान की समस्या से भी राहत मिलेगी।
यात्रियों को अब ट्रेन में चढ़ने से पहले अपने बैग का वजन कराने की सलाह दी जा रही है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
👉 यह नया नियम जल्द ही देशभर के सभी प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर में जलभराव से 10 साल की बच्ची की मौत, सपा ने ठेकेदार-जेई पर कार्रवाई की उठाई मांग

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के घोसीपुर इलाके में जलभराव के कारण हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। यहां 10 वर्षीय मासूम आफरीन की नाले में डूबकर मौत हो गई। इस हादसे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है।
घटना के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिम्मेदार ठेकेदार और जूनियर इंजीनियर (जेई) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।
सपा का हंगामा और ज्ञापन
मंगलवार को सपा महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरेशी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नगर निगम पहुंचे और आक्रोश जताते हुए ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई।
सपा नेताओं का कहना था कि नालों की नियमित सफाई न होना और जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण आए दिन शहर में जलभराव की समस्या बनी रहती है। यही लापरवाही मासूम आफरीन की जान ले गई।
शब्बीर कुरेशी का बयान
सपा अध्यक्ष ने कहा, “यदि समय पर नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था की गई होती, तो आफरीन की जान बचाई जा सकती थी। केवल आर्थिक सहायता देना समाधान नहीं है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
प्रशासन की कार्रवाई और लोगों का गुस्सा
जिला प्रशासन की ओर से मृतक बच्ची के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब तक नगर निगम अपनी लापरवाही नहीं सुधारेगा और जल निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं करेगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
जनता का सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और नगर निगम के दावों की हकीकत सामने ला दी है। शहरवासी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक मासूमों की जान लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी?
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अपराध
गोरखपुर में मुस्ताक की मौत पर सियासत गरमाई, सपा नेता जफर अमीन डक्कू पहुंचे एसएसपी कार्यालय

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के ठिठौली गांव में 15 अगस्त 2025 को सड़क किनारे 48 वर्षीय मुस्ताक का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब 16 अगस्त को सोशल मीडिया पर मुस्ताक की बेरहमी से पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ। हालांकि इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन वायरल होते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी।
मृतक की बेटी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पांच आरोपियों को हिरासत में लिया। इसके बावजूद इस घटना ने स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
सपा नेता ने परिवार संग एसएसपी कार्यालय पहुंचकर जताई नाराज़गी
19 अगस्त को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जफर अमीन डक्कू पीड़ित परिवार के साथ सिविल लाइन स्थित एसएसपी कार्यालय पहुंचे। हालांकि एसएसपी उस समय मौजूद नहीं थे, लेकिन परिवार की मुलाकात एसपी सिटी से हुई। इस दौरान परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गगहा थानाध्यक्ष की भूमिका की जांच की मांग की।
परिवार का आरोप है कि मुस्ताक की मौत में पुलिस की लापरवाही साफ झलकती है। उनका कहना है कि घटना से तीन-चार दिन पहले से ही मुस्ताक किसी मामले को लेकर गगहा थाने के चक्कर काट रहा था। उसकी गाड़ी भी थाने में खड़ी थी, बावजूद इसके पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सक्रिय हो जाती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। वहीं, वायरल वीडियो ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर संदेह और बढ़ा दिया है।
राजनीति और दबाव दोनों बढ़े
समाजवादी पार्टी के हस्तक्षेप ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। प्रशासन पर निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का दबाव बढ़ गया है। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है और जांच जारी है।
निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार दोनों ही इस मामले में पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच घटते विश्वास को भी उजागर करती है।
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उत्तर प्रदेश
एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन आज करेंगे नामांकन, PM मोदी बनेंगे प्रस्तावक

नई दिल्ली:
देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन आज यानी बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह नामांकन संसद भवन में सुबह 11 बजे होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं प्रस्तावक की भूमिका निभाएंगे।
नामांकन के समय एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और गठबंधन के करीब 160 सांसद मौजूद रहेंगे। इनमें 20 सांसद प्रस्तावक और 20 समर्थक होंगे।
बीजेपी करेगी सांसदों की वर्कशॉप
भाजपा अपने सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया समझाने के लिए 6 से 8 सितंबर तक वर्कशॉप आयोजित करेगी। इसमें सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया, बैलेट पेपर भरने के नियम और संसद से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। पिछली बार जब मॉक ड्रिल कराई गई थी तो कई सांसदों के वोट गलत तरीके से डालने के कारण इनवेलिड हो गए थे।
विपक्ष का उम्मीदवार
इधर, विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक माना जाता है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उनके नामांकन में साथ रहेंगे। रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उन्होंने 1974 में भारतीय जनसंघ से राजनीति शुरू की और लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे।
- 1998 और 1999 में वह कोयंबटूर से सांसद चुने गए।
- तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
- झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल तथा पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रहे हैं।
क्यों चुने गए उम्मीदवार?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से इस पद के लिए नए चेहरे की तलाश थी। धनखड़ के कार्यकाल के अंतिम दौर में सरकार से तल्ख रिश्तों के चलते बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को मानने वाले एक मजबूत नेता को उतारने का फैसला किया गया और सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया।
कब होगा चुनाव?
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को संसद भवन में होगा और नतीजे उसी दिन रात तक घोषित कर दिए जाएंगे।
👉 यह मुकाबला अब पूरी तरह एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक के बीच है और दोनों ही गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
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उत्तर प्रदेश
INDIA गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया

नई दिल्ली
विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए बड़ा दांव खेलते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। आंध्र प्रदेश के रहने वाले रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर विपक्ष ने दक्षिण भारत में राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
NDA बनाम INDIA की सीधी जंग
सत्ताधारी एनडीए (NDA) पहले ही तमिलनाडु से भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बना चुका है। अब यह मुकाबला सीधे तौर पर राधाकृष्णन बनाम सुदर्शन रेड्डी का हो गया है।
आंध्र प्रदेश की राजनीति पर सबकी निगाह
सुदर्शन रेड्डी का नाम आगे आने के बाद अब आंध्र प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी किसका साथ देंगे।
- TDP का रुख: नारायण लोकेश ने साफ किया है कि TDP NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन का ही समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि NDA एकजुट है और किसी तरह की अस्पष्टता नहीं है।
- YSRCP का रुख: जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने भी NDA को ही समर्थन देने के संकेत दिए हैं।
विपक्ष की रणनीति
INDIA गठबंधन का मानना है कि आंध्र प्रदेश से उम्मीदवार उतारने से न केवल दक्षिण भारत में विपक्ष की पकड़ मजबूत होगी, बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों पर भी दबाव बनेगा। विपक्ष को उम्मीद है कि सुदर्शन रेड्डी की न्यायिक साख और आंध्र प्रदेश की जड़ों से चुनावी माहौल प्रभावित होगा।
नतीजे का इंतज़ार
फिलहाल दोनों बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां-TDP और YSRCP-खुले तौर पर NDA के साथ खड़ी हैं। ऐसे में एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। फिर भी विपक्ष का यह कदम राजनीतिक हलचल जरूर पैदा कर रहा है। अब देखना यह है कि मतदान के दिन समीकरणों में कोई नया मोड़ आता है या नहीं।

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