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सीएम के होम डिट्रिक्ट में सिस्टम की लापरवाही से समस्याओं का निस्तारण सिर्फ कागजों मेंPublished
4 years agoon
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admin
दिल्ली।
टीवी पर हम जब भी “एमडीएच मसाले सच-सच,एमडीएच” की धुन सुनते हैं तो मसाले वाले बाबा की मुस्कान हमारा मन मोह लेती है।
इन बाबा को मसालों का बादशाह कहा जाता है जिनका सुबह 5:38 पर निधन हो गया ।वह 98 वर्ष के थे।
आप एमडीएच ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल जी थे।पिछले साल ही उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशिया दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल जी का निधन हो गया है। कोरोना से ठीक होने के बाद हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ। व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था।
गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए। तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे। भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया। फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके।
खुद करते थे कंपनी के ऐड
इस दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं। एमडीएच के 62 प्रॉडक्ट्स हैं। कंपनी उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है। धरमपाल गुलाटी अपने उत्पादों का ऐड खुद ही करते थे। अक्सर आपने उन्हें टीवी पर अपने मसालों के बारे में बताते देखा होगा। उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज ऐड स्टार माना जाता था।
धरमपाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक पढ़े थे। आगे की पढ़ाई के लिए वह स्कूल नहीं गए। उन्होंने भले ही किताबी शिक्षा अधिक ना ली हो, लेकिन कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते थे। यूरोमॉनिटर के मुताबिक, धरमपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे। सूत्रों ने बताया कि 2018 में 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी। गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। वह 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी चला रहे थे।
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