देश विदेश
रूस ने दी चेतावनी, तेल के दाम 300 डॉलर तक जा सकते हैं

पूर्वांचल भारत न्यूज़
अमेरिकी क्रूड करीब 0.4 फीसदी की तेजी के साथ 119.86 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसी समय निकल सहित अन्य कमोडिटीज की कीमतों में वृद्धि हुई, क्योंकि औद्योगिक खरीदारों और व्यापारियों ने रूसी-यूक्रेन संघर्ष के बीच खरीदारी की। वाशिंगटन और यूरोपीय सहयोगी देश यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं।
ताज़ा ख़बर
भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल का सप्लायर बना सऊदी अरब देश
अब रूस को पछाड़कर सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) देश बन भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल इम्पोर्टर्स और कंज्यूमर है..

अब रूस को पछाड़कर सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) देश बन गया है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल इम्पोर्टर्स और कंज्यूमर है. साथ ही वह अपनी जरूरत का ज्यादातर तेल विदेशों से लेता आ रहा है. अब रूस को पछाड़कर सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) देश बन गया है. रूस ने 3 महीने पहले सऊदी को पछाड़ दिया था, लेकिन अब वह मामूली अंतर से नीचे आकर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
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उड़ान
गौतम अडानी बने दुनिया के दूसरे रईस आदमी

पूर्वांचल भारत न्यूज़
फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स सूची के अनुसार गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे रईस आदमी बन गए हैं। अब दुनिया के टॉप टेन अरबपतियों की लिस्ट में पहले स्थान पर एलन मस्क के बाद दूसरे स्थान पर गौतम अडानी ही हैं।
अपराध
गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर विशेष

पूर्वांचल भारत न्यूज़
जीवन परिचय
गोस्वामी तुलसीदास जी हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे,
तुलसीदासजी का जन्म संवत 1589 को उत्तर प्रदेश (वर्तमान बाँदा ज़िला) के राजापुर नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। इनका विवाह दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से हुआ था। अपनी पत्नी रत्नावली से अत्याधिक प्रेम के कारण तुलसी को रत्नावली की फटकार “लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ” सुननी पड़ी जिससे इनका जीवन ही परिवर्तित हो गया। पत्नी के उपदेश से तुलसी के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। इनके गुरु बाबा नरहरिदास थे, जिन्होंने इन्हें दीक्षा दी। इनका अधिकाँश जीवन चित्रकूट, काशी तथा अयोध्या में बीता।
तुलसीदास जी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। तुलसी भ्रमण करते रहे और इस प्रकार समाज की तत्कालीन स्थिति से इनका सीधा संपर्क हुआ। इसी दीर्घकालीन अनुभव और अध्ययन का परिणाम तुलसी की अमूल्य कृतियां हैं, जो उस समय के भारतीय समाज के लिए तो उन्नायक सिद्ध हुई ही, आज भी जीवन को मर्यादित करने के लिए उतनी ही उपयोगी हैं। तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथों की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें रामचरित मानस, कवितावली, विनयपत्रिका, दोहावली, गीतावली, जानकीमंगल, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
अयोध्या
सीएम के होम डिट्रिक्ट में सिस्टम की लापरवाही से समस्याओं का निस्तारण सिर्फ कागजों में

पूर्वांचल भारत न्यूज़ गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी जी के जिले में निचले स्तर के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता से आम लोगों की समस्याओं का निस्तारण सिर्फ कागजों में ही हो रहा है । धरातल पर समाधान हो पाना असंभव प्रतीत हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बांसगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव sumahi में आराजी संख्या 120 एवं आराजी संख्या 139 सहित सार्वजनिक नाली एवं ग्राम समाज के पोखरे पर कुछ भूमाफिया माफियाओं के द्वारा अवैध अतिक्रमण करके कब्जा किया जा रहा है। जिसके संदर्भ में यहां के कुछ ग्रामीणों द्वारा विगत 5 वर्षों से शासन प्रशासन तथा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल सहित जिले के राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियों के पास प्रार्थना पत्र देकर लगातार अवगत कराया जा रहा है। लेकिन स्थानीय स्तर पर हल्का लेखपाल राजस्व निरीक्षक सहित स्थानीय पुलिस की लापरवाही व उदासीनता से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
संबंधित कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच आख्या वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित न करने के कारण वास्तविक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा विपक्षी व भू माफियाओं के पैसे व प्रभाव मैं आकर सिर्फ कागजों में बाजीगरी दिखाते हुए मामले को फर्जी निस्तारित कर दिया जा रहा है। जिससे शासन एवं प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया की गांव की छोटी मोटी समस्याएं जैसे नाली सड़क खड़ंजा गंदगी आदि का भी जिम्मेदारी पूर्वक निस्तारण नहीं किया जा रहा है। सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहा है। पंचायत विभाग का कहना है की राजस्व और पुलिस का मामला है और पुलिस विभाग का कहना है की राजस्व विभाग में जाकर समस्या का निस्तारण कराएं और राजस्व विभाग तो सीधे अपना पल्ला झाड़ते हुए शिकायतकर्ता को न्यायालय जाने की सलाह दे रहा है। बड़े दुख की बात है कि एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सिस्टम को सुधारने की कोशिश की जा रही है वही कुछ विभागीय कर्मचारी शासन एवं प्रशासन की छवि धूमिल कर रहे रहे हैं। यहां के ग्रामीणों ने बांसगांव तहसील मैं निचले स्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराते हुए आईजी आर ए एस आदि पर आने वाली शिकायतों का गुणवत्ता पूर्वक निष्पक्ष निस्तारण समय से कराने की मांग की है जिससे आम लोगों को न्याय मिल सके।
टॉप न्यूज़
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे अपना आवास छोड़कर भाग गए

पूर्वांचल भारत न्यूज़
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे अपना आवास छोड़कर भाग गए । देश में अशान्ति का माहौल बना हुआ है। जगह जगह तोड़-फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।
गोरखपुर ग्रामीण
रौजा दरगाह ईदगाह पर लोगों ने ईद-उल-फितर की नमाज अदा की

पूर्वांचल भारत न्यूज़
गोरखपुर/धुरियापार क्षेत्र के रौजादरगांह स्थित ईदगाह पर क्षेत्र के दर्जनों गांव से आए लोगों ने ईद-उल-फितर की नमाज अदा की। इस मौके पर नायब तहसीलदार गोला वशिष्ठ वर्मा, थानाध्यक्ष उरुवा अजय कुमार मौर्य, एसएसआई रविसेन यादव, उपनिरीक्षक सुनील शर्मा, सहित मुक्ति फरीकुन हसन खां, मोहम्मद रशीक खान, हफीउल्लाह गुलाम अली, मिर्जा कदीर वेग, मिर्जा वहीद वेग, इम्तियाज उर्फ राजू खां, औरंगजेब अहमद, गौसमुम्मद खां, मु• तारिक खान सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
इतिहास के झरोखों से
आइए जानते है कब से शुरुआत हुआ था मजदूर दिवस मानने की प्रक्रिया….

पूर्वांचल भारत न्यूज़
बात उस जब की है जब पूरी दुनिया में मजदूरों को कोई अधिकार नहीं था न काम करने का कोई निश्चित समय और न ही कोई भविष्य की कोई सुरक्षा, लोग कारखानों में काम तो करते थे लेकिन उनका शोषण होता था, कंपनियों के मालिक उनसे काम नहीं लेते थे बल्कि मजदूरों का खून चूसते थे। यहां तक कि काम करते करते बहुत से मजदूरों कि मौत हो जाती थी, काम के वक्त काफी चोटे भी लगती थी, लेकिन उसका जिम्मेदार कोई नहीं होता था। तब वह समय आता है।
1 मई 1986 में अमेरिका के सभी मजदूर संघ साथ मिलकर ये निश्चय करते है कि वे 8 घंटो से ज्यादा काम नहीं करेंगें, जिसके लिए वे हड़ताल कर लेते है. इस दौरान श्रमिक वर्ग से 10-16 घंटे काम करवाया जाता था, साथ ही उनकी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जाता था. उस समय काम के दौरान मजदूर को कई चोटें भी आती थी, कई लोगों की तो मौत हो जाया करती थी. काम के दौरान बच्चे, महिलाएं व् पुरुष की मौत का अनुपात बढ़ता ही जा रहा था, जिस वजह से ये जरुरी हो गया था, कि सभी लोग अपने अधिकारों के हनन को रोकने के लिए सामने आयें और एक आवाज में विरोध प्रदर्शन करने लगे।
इस हड़ताल के दौरान 4 मई को शिकागो के हेमार्केट में अचानक किसी आदमी के द्वारा बम ब्लास्ट कर दिया जाता है, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस अंधाधुंध गोली चलाने लगती है. जिससे बहुत से मजदूर व् आम आदमी की मौत हो जाती है. इसके साथ ही 100 से ज्यादा लोग घायल हो जाते है. इस विरोध का अमेरिका में तुरंत परिणाम नहीं मिला, लेकिन कर्मचारियों व् समाजसेवियों की मदद के फलस्वरूप कुछ समय बाद भारत व अन्य देशों में 8 घंटे वाली काम की पद्धति को अपनाया जाने लगा. तब से श्रमिक दिवस को पुरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाने लगा, इस दिन मजदूर वर्ग तरह तरह की रेलियां निकालते व् प्रदर्शन करते है.
#भारत में मजदूरों की दिशा और दशा
हम बात करे मजदूरों की तो भारत मजदूरों कि हालात में काफी सुधार आया है, इसके लिए सरकार भी आगे आयी, और उन्होंने मजदूरों के लिए मजदूर कानून का गठन किया, और काम का निश्चित समय निर्धारित किया भविष्य कि सुरक्षा की गारंटी भी दी। जो भी भविष्य निधि बनाया, जिससे कोई भी कंपनी का मालिक मजदूरों का शोषण ना कर सके। लेकिन कोरोना काल में सरकारों ने मजदूरों को जिस हालत में छोड़ा वह देखने लायक नहीं था लोग हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने घर को निकाल पड़े,बाद में सरकार ने उनको मुफ्त में राशन, श्रमिक कार्ड के माध्यम से DBT के माध्यम से नगद पैसे भेजे जिससे उनके हालात में सुधार हो।
पूर्वांचल भारत न्यूज के माध्यम से देश के सभी मजदूरों को हार्दिक शुभकामनाएं और भारत निर्माण में अपना पसीना बहाते है।
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