दिल्ली
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का हुआ निधन, पीएम ने शोक संवेदना प्रकट किया
दिल्लीः
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार की शाम गुवाहाटी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में निधन हो गया।वह 84 साल के थे।उनकी तबियत पहले से ही खराब चल रही थी।राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल मौके पर पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस बात की जानकारी उन्होंने अपने खुद ट्वीट कर दिया है।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “तरुण गोगोई जी एक लोकप्रिय नेता और एक वयोवृद्ध प्रशासक थे, जिन्हें असम के साथ-साथ केंद्र में भी राजनीतिक अनुभव था।उनके निधन से दुखी हूं।दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. शांति.”
टॉप न्यूज़
बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’, वोट चोरी के आरोपों से मचा सियासी धमाका
बिहार चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान से देशभर के राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। राहुल गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कई राज्यों में चुनाव के दौरान “वोट चोरी” की घटनाएं पकड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इसके ठोस सबूत पेश करेगी। पार्टी ने इसे “हाइड्रोजन बम” नाम दिया है, जो बीजेपी के खिलाफ बड़ा हमला माना जा रहा है।
🔥 कांग्रेस का “हाइड्रोजन बम” तैयार
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर माहौल गर्म कर दिया था। पार्टी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया- “हाइड्रोजन बम आ रहा है”। वहीं प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, “हाइड्रोजन बम लोडिंग…”। इसके बाद राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैसे ही आरोपों की बौछार हुई, पूरा सियासी माहौल गरम हो गया।
🗣️ राहुल गांधी का आरोप – “देशभर में वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल”
राहुल गांधी ने कहा, “हमारी टीम ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में गंभीर अनियमितताओं का पता लगाया है। यही पैटर्न महाराष्ट्र, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला है।” उन्होंने कहा कि यह कोई एक राज्य की बात नहीं है बल्कि एक सुनियोजित पैटर्न है जो लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रहा है।
📂 ‘H-Files’ से किया बड़ा खुलासा
राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस के पास “H-Files” नामक डॉसियर है, जिसमें हरियाणा चुनावों की गड़बड़ियों के सबूत दर्ज हैं। उन्होंने कहा, “हरियाणा में कई जगह डाक मत वास्तविक मतों से मेल नहीं खाते। पहली बार ऐसा हुआ कि वोटों का आंकड़ा एग्जिट पोल से पूरी तरह उल्टा निकला।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों से मिली शिकायतों की जांच के बाद इस फाइल को सार्वजनिक किया जाएगा।
😲 “223 बार वोट डालने वाली महिला” का मामला
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि “यह महिला भारत में 22 जगहों पर अलग-अलग नामों से वोट डाल चुकी है- कभी स्वीटी, कभी सीमा बनकर।”
राहुल बोले, “एक व्यक्ति 223 बार वोट कैसे डाल सकता है? यह सिर्फ धांधली नहीं, यह लोकतंत्र की नींव को हिलाने वाली साजिश है।”
🧮 “1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जी वोट डाले गए। राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास प्रमाण हैं कि करीब 1 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट वोट सूची में मौजूद हैं। कई जगह एक व्यक्ति ने 14 बार वोट डाला।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष जांच करे, तो बीजेपी की हार तय है।
⚖️ चुनाव आयोग पर उठे सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि “हरियाणा की मतदाता सूची में 1.24 लाख फर्जी मतदाता मिले हैं, फिर भी आयोग कार्रवाई नहीं कर रहा। क्यों? क्योंकि यह सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है।” उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को इस पर तत्काल जांच करनी चाहिए।
💬 “हाइड्रोजन बम के बाद मोदी चेहरा नहीं दिखा पाएंगे”
राहुल गांधी ने तीखे शब्दों में कहा, “महादेवपुरा में हमने एटम बम दिखाया था, अब हाइड्रोजन बम लाए हैं। इसके बाद मोदी जी देश में अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।”
उन्होंने बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा, “सच्चाई सामने लाने में जनता ने कांग्रेस का साथ दिया।”
🗳️ “वोट चोरी मतलब अधिकार, आरक्षण और रोज़गार की चोरी”
राहुल गांधी ने कहा कि वोट चोरी केवल चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के अधिकारों, आरक्षण, शिक्षा और रोज़गार की चोरी है।
उन्होंने कहा, “अगर ये प्रवृत्ति जारी रही, तो वे आपका राशन कार्ड और ज़मीन भी छीन लेंगे और उसे कुछ उद्योगपतियों को सौंप देंगे। यह सिर्फ वोट की नहीं, आपकी ज़िंदगी की लड़ाई है।”
📌 निष्कर्ष:
राहुल गांधी की “हाइड्रोजन बम” प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बिहार सहित पूरे देश के सियासी माहौल को झकझोर दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि कांग्रेस के पास कौन से ऐसे सबूत हैं जो चुनावी राजनीति की दिशा बदल सकते हैं।
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टॉप न्यूज़
सरकार का बड़ा फैसला: रोजमर्रा के सामान पर घटा जीएसटी, आम जनता को मिलेगी राहत
📢 नई दिल्ली से बड़ी खबर
महंगाई की मार झेल रही आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है। रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े कई सामानों पर जीएसटी घटा दिया गया है, जिससे सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की जेब हल्की होगी।
🥛 किन सामानों पर घटा जीएसटी?
- दूध, पनीर और भारतीय रोटियों पर अब शून्य जीएसटी लगेगा।
- हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट और साइकिल पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- नमकीन, नूडल्स, चॉकलेट और कॉफी पर भी अब केवल 5% जीएसटी ही लगेगा।
📉 आम जनता को मिलेगी राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का यह कदम मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग परिवारों को सीधी राहत देगा। इससे घरेलू बजट पर बोझ घटेगा और लोगों की जेब पर दबाव कम होगा।
📈 खपत और बाजार पर असर
यह फैसला न केवल आम लोगों को राहत देगा बल्कि बाजार में खपत को भी बढ़ावा देगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि टैक्स कटौती से उपभोक्ता खर्च में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
👉 यह कदम केंद्र सरकार की ओर से महंगाई कम करने और आम लोगों की जेब को राहत देने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है।
GST #महंगाई #सरकार #राहत #दैनिकसामान
उत्तर प्रदेश
अब ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा चार्ज, जानें नया लगेज नियम 2025
नई दिल्ली
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब ट्रेन में यात्रा के दौरान तय सीमा से ज्यादा सामान ले जाने पर हवाई यात्रा की तरह अतिरिक्त चार्ज देना होगा। रेलवे ने इसे “नया लगेज नियम 2025″ नाम दिया है।
नई व्यवस्था के तहत प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, अलीगढ़ और टुंडला समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें लगाई गई हैं। यहां यात्रियों के बैग का वजन चेक किया जाएगा और तय सीमा से अधिक होने पर तुरंत शुल्क वसूला जाएगा।
रेलवे ने कोच के हिसाब से मुफ्त सामान की सीमा तय की है:
- AC-1 क्लास यात्री: 70 किलो तक मुफ्त
- AC-2 क्लास यात्री: 50 किलो तक मुफ्त
- AC-3 और स्लीपर क्लास यात्री: 40 किलो तक मुफ्त
- जनरल डिब्बे के यात्री: केवल 35 किलो तक मुफ्त
इससे अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। रेलवे का कहना है कि इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि कोचों में अत्यधिक सामान की समस्या से भी राहत मिलेगी।
यात्रियों को अब ट्रेन में चढ़ने से पहले अपने बैग का वजन कराने की सलाह दी जा रही है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
👉 यह नया नियम जल्द ही देशभर के सभी प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश
एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन आज करेंगे नामांकन, PM मोदी बनेंगे प्रस्तावक
नई दिल्ली:
देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन आज यानी बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह नामांकन संसद भवन में सुबह 11 बजे होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं प्रस्तावक की भूमिका निभाएंगे।
नामांकन के समय एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और गठबंधन के करीब 160 सांसद मौजूद रहेंगे। इनमें 20 सांसद प्रस्तावक और 20 समर्थक होंगे।
बीजेपी करेगी सांसदों की वर्कशॉप
भाजपा अपने सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया समझाने के लिए 6 से 8 सितंबर तक वर्कशॉप आयोजित करेगी। इसमें सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया, बैलेट पेपर भरने के नियम और संसद से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। पिछली बार जब मॉक ड्रिल कराई गई थी तो कई सांसदों के वोट गलत तरीके से डालने के कारण इनवेलिड हो गए थे।
विपक्ष का उम्मीदवार
इधर, विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक माना जाता है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उनके नामांकन में साथ रहेंगे। रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उन्होंने 1974 में भारतीय जनसंघ से राजनीति शुरू की और लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे।
- 1998 और 1999 में वह कोयंबटूर से सांसद चुने गए।
- तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
- झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल तथा पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रहे हैं।
क्यों चुने गए उम्मीदवार?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से इस पद के लिए नए चेहरे की तलाश थी। धनखड़ के कार्यकाल के अंतिम दौर में सरकार से तल्ख रिश्तों के चलते बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को मानने वाले एक मजबूत नेता को उतारने का फैसला किया गया और सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया।
कब होगा चुनाव?
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को संसद भवन में होगा और नतीजे उसी दिन रात तक घोषित कर दिए जाएंगे।
👉 यह मुकाबला अब पूरी तरह एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक के बीच है और दोनों ही गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।

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उत्तर प्रदेश
INDIA गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया
नई दिल्ली
विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए बड़ा दांव खेलते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। आंध्र प्रदेश के रहने वाले रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर विपक्ष ने दक्षिण भारत में राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
NDA बनाम INDIA की सीधी जंग
सत्ताधारी एनडीए (NDA) पहले ही तमिलनाडु से भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बना चुका है। अब यह मुकाबला सीधे तौर पर राधाकृष्णन बनाम सुदर्शन रेड्डी का हो गया है।
आंध्र प्रदेश की राजनीति पर सबकी निगाह
सुदर्शन रेड्डी का नाम आगे आने के बाद अब आंध्र प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी किसका साथ देंगे।
- TDP का रुख: नारायण लोकेश ने साफ किया है कि TDP NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन का ही समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि NDA एकजुट है और किसी तरह की अस्पष्टता नहीं है।
- YSRCP का रुख: जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने भी NDA को ही समर्थन देने के संकेत दिए हैं।
विपक्ष की रणनीति
INDIA गठबंधन का मानना है कि आंध्र प्रदेश से उम्मीदवार उतारने से न केवल दक्षिण भारत में विपक्ष की पकड़ मजबूत होगी, बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों पर भी दबाव बनेगा। विपक्ष को उम्मीद है कि सुदर्शन रेड्डी की न्यायिक साख और आंध्र प्रदेश की जड़ों से चुनावी माहौल प्रभावित होगा।
नतीजे का इंतज़ार
फिलहाल दोनों बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां-TDP और YSRCP-खुले तौर पर NDA के साथ खड़ी हैं। ऐसे में एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। फिर भी विपक्ष का यह कदम राजनीतिक हलचल जरूर पैदा कर रहा है। अब देखना यह है कि मतदान के दिन समीकरणों में कोई नया मोड़ आता है या नहीं।

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उत्तर प्रदेश
मुख्य निर्वाचन आयुक्त बोले, ‘वोट चोरी’ जैसे शब्द गलत, झूठे आरोपों से नहीं डरता चुनाव आयोग
नई दिल्ली
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में दिए अपने बयान में चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्षी दलों और आलोचकों को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु पूरा करने वाला हर भारतीय नागरिक मतदाता बनना चाहिए और उसे मतदान भी करना चाहिए।

‘वोट चोरी’ शब्द का इस्तेमाल गलत- सीईसी
ज्ञानेश कुमार ने ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा –
“‘वोट चोरी’ जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करता है। यह न सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि संविधान का भी अपमान है।”
चुनाव आयोग के कंधे पर राजनीति न करें
सीईसी ने आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों को निशाने पर लेते हुए कहा –
“निर्वाचन आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति की जा रही है। आयोग पर लगने वाले झूठे आरोप हमें डराने वाले नहीं हैं। चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेगा।”

सभी राजनीतिक दल बराबर- कोई भेदभाव नहीं
उन्होंने साफ किया कि प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है। ऐसे में किसी भी दल के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता।
सीईसी ने कहा –
“चुनाव आयोग सभी दलों को समान मानता है। मतदाता सूची में जिसका नाम दर्ज है, वही मतदान करता है। इससे ज्यादा पारदर्शिता और क्या हो सकती है?”

BLA और BLO पर सवाल
ज्ञानेश कुमार ने राजनीतिक दलों से सीधा सवाल किया कि जब चुनाव प्रक्रिया में लाखों-करोड़ों लोग काम कर रहे हैं तो दलों को अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) पर भरोसा क्यों नहीं है?
उन्होंने कहा –
“प्रारूप मतदाता सूची पर सभी दलों के हस्ताक्षर होते हैं। BLO भी पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं, फिर भी राजनीतिक दल बेवजह संदेह जताते हैं।”
निजता और मतदाता सूची
मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के मामले पर उन्होंने चेतावनी दी। सीईसी ने कहा –
“मतदाता सूची को बिना रोक-टोक सार्वजनिक करना निजता के अधिकार का हनन है। हर नागरिक की जानकारी सुरक्षित रहनी चाहिए। यही वजह है कि मतदाता सूची की त्रुटियों को दूर करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया चलाई जा रही है।”

बिना अनुमति तस्वीरों का इस्तेमाल- संविधान का अपमान
सीईसी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मामलों में बिना अनुमति मतदाताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, जो सीधे तौर पर भारत के संविधान का अपमान है।
आयोग डटा रहेगा अपने कर्तव्यों पर
अंत में उन्होंने कहा-
“चुनाव आयोग न तो किसी दबाव में काम करता है और न ही झूठे आरोपों से डरता है। हमारा उद्देश्य केवल पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराना है। हम अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेंगे।”

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उत्तर प्रदेश
बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, “65 लाख हटाए गए वोटर्स के नाम होंगे सार्वजनिक”
नई दिल्ली
बिहार में चल रहे चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने आदेश दिया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम 19 अगस्त तक सार्वजनिक किए जाएं। इसके साथ ही 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से पूछा कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है या जो पलायन कर चुके हैं, उनके नाम सार्वजनिक करने में दिक्कत क्यों है? कोर्ट ने कहा कि इन नामों को डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर डालने से लोग 30 दिनों के भीतर सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बिहार में करीब 6.5 करोड़ लोगों को किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं पड़ी और मृत या पलायन कर चुके मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को दी गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि नागरिकों के अधिकार राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पर निर्भर नहीं होने चाहिए।
अंत में, अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि मृत, पलायन कर चुके या अन्यत्र स्थानांतरित मतदाताओं की सूची सार्वजनिक की जाए और 22 अगस्त तक कोर्ट को अनुपालन रिपोर्ट सौंपी जाए। साथ ही, SIR के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
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