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थानेदारी पर आई आंच तो सुधरने लगी पुलिस की कार्यप्रणाली - Puravanchal Bharat ..
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उत्तर प्रदेश

थानेदारी पर आई आंच तो सुधरने लगी पुलिस की कार्यप्रणाली

गोरखपुर पब्लिक रेटिंग से थानेदारी पर आंच आई तो पुलिस की कार्यप्रणाली सुधर गई।अफसरों की माथा पच्ची के बीच ही थानेदारों की जवाबदेही है ….

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गोरखपुर से आगे हैं ये जिले…

गोरखपुर; पब्लिक रेटिंग से थानेदारी पर आंच आई तो पुलिस की कार्यप्रणाली सुधर गई।अफसरों की माथा पच्ची के बीच ही थानेदारों की जवाबदेही का असर है कि छह महीने में औसतन 55 प्रतिशत से अधिक लोगों को संतुष्ट करने में गोरखपुर पुलिस सफल रही। हालांकि, गोरखपुर से आगे महराजगंज, कुशीनगर और देवरिया पुलिस है। यहां पर यह प्रतिशत 60 से ऊपर पहुंच चुका है। दूसरी ओर गोरखपुर में आईजीआरएस निपटारे में तो सुधार हुआ, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में पुलिस अब भी पीछे हैं।

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पब्लिक रेटिंग के शुरुआत के छह महीने पूरे होने के बाद मंगलवार को एडीजी अखिल कुमार ने इसकी समीक्षा की। जोन के सभी जिले में हुए सुधार पर संतोष जाहिर किया तो एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली पर नाराजगी जाहिर कर इसे सुधारने का आदेश जारी कर दिया।

दरअसल, आम लोगों के प्रति पुलिस को जवाबदेह बनाने के लिए एडीजी ने मार्च में पब्लिक रेटिंग सिस्टम लागू किया था। सोशल मीडिया, पुलिस के ऑफिसियल वेबसाइट और डायरेक्ट पोल के माध्यम से लोगों से फीडबैक लिए गए। इसमें ज्यादा सुधार न होने पर एडीजी ने बीते दिनों नया आदेश जारी कर कहा कि यदि तीन बाद लगातार कम अंक रहे तो संबंधित थानेदार को हटा दिया जाएगा। इसके बाद ग्राफ में तेजी से उछाल देखने को मिला है।

एफआईआर दर्ज होने से महज 11 प्रतिशत लोग संतुष्ट;

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गोरखपुर जिले में एफआईआर दर्ज करने से महज 11 प्रतिशत लोग ही संतुष्ट हैं। इसका असर रोजाना ही पुलिस दफ्तरों में भी देखने को मिलता है। अगस्त के सर्वे में केवल 11.4 प्रतिशत लोगों ने एफआईआर को लेकर संतोष जाहिर किया है। जबकि, मार्च में जब सर्वे स्टार्ट हुआ था तब 30.22 प्रतिशत लोगों ने संतोष जाहिर किया था। धीरे-धीरे हर महीने इसका ग्राफ गिरता गया।

एफआईआर का गिरता गया ग्राफ

महीना       फीडबैक प्रतिशत में
मार्च        30.22
अप्रैल      27.2
मई         23.0
जून        16.6
जुलाई      23.5
अगस्त     11.4

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आईजीआरएस का बढ़ा ग्राफ;

महीना  फीडबैक प्रतिशत
मार्च      25.47
अप्रैल    28.5
मई       26.4
जून      19.5
जुलाई    57.4
अगस्त   35.1
यहां सुधरा परफार्मेंस
ट्विटर पर गोरखपुर पुलिस को पब्लिक का अच्छा सपोर्ट मिला है। पुलिस को मार्च में ट्विटर पर केवल 35 प्रतिशत जनता का समर्थन मिला, जबकि अगस्त में गोरखपुर पुलिस को 53 प्रतिशत लोगों ने वोट कर अति उत्तम बताया। इसी तरह डायरेक्ट पोल में भी मार्च में पुलिस को 49.00 प्रतिशत वोट मिले। जबकि, अगस्त में इसका ग्राफ तेजी से बढ़ते हुए 71.7 प्रतिशत पहुंच गया। यहां भी पब्लिक पुलिस से संतुष्ट नजर आई।

रेटिंग में भी हुआ सुधार
छह माह तक चले इस सर्वे में गोरखपुर पुलिस के पब्लिक अप्रुवल रेटिंग में भी सुधार देखने को मिल रहा है। मार्च में पुलिस की रेटिंग 43.05 थी। जो अगस्त में बढ़कर 55.55 प्रतिशत पहुंच गई। इसी तरह पीआरवी के परफार्मेंस से पब्लिक संतुष्ट नजर आई। मार्च में 75.58 प्रतिशत लोगों ने संतुष्टि जाहिर की। वहीं अगस्त में 73.2 प्रतिशत लोगों ने पीआरवी के परफार्मेंस को अच्छा बताया।

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  पब्लिक अप्रुवल रेटिंग में गोरखपुर पीछे
गोरखपुर मंडल के चार जिलों के पब्लिक अप्रुवल रेटिंग की बात की जाए तो अगस्त में गोरखपुर की 55.55, देवरिया 66.13, कुशीनगर 65.37 और महाराजगंज 62.38 प्रतिशत है। चार जिलों में गोरखपुर की रेटिंग सबसे पीछे है।

ऐसे कर सकते हैं वोट
पुलिस के फेसबुक और ट्विटर पेज पर लिंक दिया जाता है। जिस पर सीधे जिले या फिर थाने से संबंधित वोट कर सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप ग्रुप पर भी लिंक को वायरल किया जाता है।

गोरखपुर जोन एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए पब्लिक अप्रुवल सिस्टम की शुरुआत की गई। इसके माध्यम से जनता पुलिस को वोट कर रही है। पिछले छह महीने में तुलनात्मक रूप में पुलिस की छवि सुधरी है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में गोरखपुर सहित कुछ जिले में लोग संतुष्ट नहीं है। इसे सुधार करने का आदेश दिया गया है। कोशिश यही है कि ऐसी व्यवस्था हो कि पीड़ित को थाने से न्याय मिले और उसे अफसरों के दफ्तरों का चक्कर न काटना पड़े।

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