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सीएम के होम डिट्रिक्ट में सिस्टम की लापरवाही से समस्याओं का निस्तारण सिर्फ कागजों मेंPublished
4 years agoon
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admin
गोरखपुर।
गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को आयोजित महिला नसबंदी ऑपरेशन शिविर में 18 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन कराए गए। लेकिन नसबंदी ऑपरेशन के बाद वार्ड में पहुंची महिलाओं ने चिकित्सक पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। तो चिकित्सक के दुर्व्यहार से माहौल गरम हो गया।और परिजन हंगामा करने लगे। किसी तरह लोगों ने समझा बुझाकर परिजनों को शांत कराया। लेकिन परिजन आरोपी डाक्टर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सीएचसी पर महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। सुबह से ही अस्पताल परिसर में नसबंदी ऑपरेशन कराने पहुंची महिलाओं ने परिजनों व छोटे बच्चों के साथ डेरा डाल दिया था। शिविर में 23 महिलाओं का नसंबदी के लिए पंजीकरण हुआ था। महिलाओं के ऑपरेशन से पूर्व कोविड, एचआईवी, यूरिन, रक्त आदि की जांच की गई। और फिर चिकित्सकीय टीम ने ओटी में ऑपरेशन शुरू किया। और नसबंदी ऑपरेशन के बाद वार्ड में पहुंची हबरूस की ज्योति चंद, बेलपार पाठक की आशा देवी तथा पाली की खशबू समेत कई महिलाओं ने चिकित्सक पर थप्पड़ मारने के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। महिलाओं के गाल पर थप्पड़ का निशान देख परिजन भड़क उठे। और हंगामा करने लगे। हंगामा बढता देख चिकित्सक ने 18 महिलाओं के नसबंदी के बाद ही ऑपरेशन बंद कर दिया। और अन्य को वापस कर दिया। इस दौरान चिकित्सक की बड़ी लापरवाही सामने आई। उन्होने जांच में प्रिगनेंसी रिपोर्ट पाजिटिव पाए जाने वाली बेलपार पाठक की आशा देवी का नसबंदी तो कर दिया था। लेकिन डीएनसी छोड़ दिया। जिसको लेकर महिला काफी परेशान रही पर आपरेशन करने वाले चिकित्सक ने एक ना सुनी। हबरूस की ज्योति चंद के गाल पर उभरे पांच उंगलियों के निशान देखने के बाद, उनके परिजन आरोपी चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। तीन बजे नसबंदी शिविर के समापन के बाद महिलाओं को 1400 रुपए प्रोत्साहन राशि सहित आवाश्यक नि:शुल्क दवाएं देकर डिस्चार्ज किया गया। महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन में सर्जन डा विरेंद्र कुमार, स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों समेत आशा कार्यकर्ता मौजूद रही।
इस संबंध में महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक डा विरेंद्र कुमार ने महिलाओं के आरोप को निराधार बताया। तथा कहा कि आपरेशन के दौरान चिरा लगाने के बाद जो महिला काफी हो हल्ला व चिल्ला रही थी। दाई उनके गाल को सहला रही थी। वही निशान उन लोगों के गाल पर उभरा होगा।
डा योगेंद्र नाथ सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी-गोला का कहना है कि-
महिलाओं से दुर्व्यवहार की शिकायत मिली है। ऐसा नही करना चाहिए। लेकिन ओटी के अंदर की शिकायत की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मामले की जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर उच्चाधिकारियों के पास रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी।
जानकारी के अनुसार
गोला सीएचसी पर तैनात डाॅ विरेन्द्र कुमार जिले के उन पांच सर्जनो में से एक हैं जिन्हें नसबंदी की सर्जरी करने के लिये विशेष ट्रेनिंग दी गयी है। इन्हें गोला सहित गगहा ,कौड़ीराम, बांसगांव, बडहलगंज सीएचसी पर नसबंदी करने की जिम्मेदारी दी गयी है। इनकी मूल तैनाती गोला है। अलग अलग सीएचसी के दिनों को छोड़कर अन्य सभी दिन इनको गोला सीएचसी पर ही रहना है लेकिन शिविर के दिनों को छोड़कर यह कभी अस्पताल पर आने की जरूरत नहीं समझते।
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