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लखनऊ

योगी मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों को बांटे गए विभाग, जानिए किसे कौन विभाग मिला

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लखनऊ:

योगी मंत्रिमंडल में रविवार को शामिल सभी सात विधायकों को सोमवार को विभागों की जिम्मेदारी दे दी गई। इसकी जानकारी खुद सीएम योगी ने ट्वीट से दी। उन्होंने विभागों का बंटवारा करने के साथ ही उम्मीद जगाई कि सभी के कुशल, अनुभवी एवं कर्मठ नेतृत्व में संबंधित विभाग विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेंगे।

रविवार को जिन सात विधायकों को मंत्री बनाया गया था उनमें केवल जितिन प्रसाद को कैबिनेट और अन्य लोगों को राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। जितिन प्रसाद को प्राविधिक शिक्षा  विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्य मंत्री पल्टू राम को सैनिक कल्‍याण, होमगार्ड, प्रान्‍तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग दिया गया है। राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग और धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग दिया गया है।

राज्यमंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार को राजस्‍व विभाग और राज्यमंत्री संजीव कुमार को समाज कल्‍याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्‍याण विभाग का जिम्मा मिला है। राज्य मंत्री दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी मिली है।

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल के विस्तार में मनोनीत विधान परिषद सदस्य जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। इनके साथ ही एक विधान परिषद सदस्य और पांच विधायकों को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। रविवार शाम राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री तथा छत्रपाल सिंह गंगवार, पल्टू राम, डा.संगीता बलवंत, संजीव कुमार, दिनेश खटीक और धर्मवीर प्रजापति को राज्य मंत्री के तौर पर पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन सात नए मंत्रियों को मिलाकर टीम योगी आदित्यनाथ में अब कुल 60 सदस्य हो गए हैं जो मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या है। इनमें 24 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 27 राज्य मंत्री हैं। इनमें चार महिला मंत्री शामिल हैं।

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जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाकर भाजपा ने उनसे अपना वादा निभाया है। राज्य मंत्री की शपथ लेने वालों में आगरा के धर्मवीर प्रजापति भाजपा के विधान परिषद सदस्य व उत्तर प्रदेश राज्य माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। छत्रपाल सिंह गंगवार बरेली के बहेड़ी, पल्टू राम बलरामपुर, डा.संगीता बलवंत गाजीपुर सदर, संजीव कुमार सोनभद्र के ओबरा और दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।

25 माह बाद हुआ विस्तार

योगी आदित्यनाथ सरकार का गठन 19 मार्च 2017 को हुआ था। पहला मंत्रिमंडल विस्तार 21 अगस्त 2019 को हुआ था। पहले विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या 56 थी। मंत्रिमंडल के पहले विस्तार के बाद कोरोना संक्रमण से बीते वर्ष कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण व चेतन चौहान तथा इस वर्ष राज्य मंत्री विजय कश्यप का निधन हुआ था। तीन मंत्रियों के निधन के बाद मंत्रिमंडल में 53 सदस्य रह गए थे।

जातीय व क्षेत्रीय समीकरण का ख्याल

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये जातीय व क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की गई है। योगी सरकार में शामिल नए चेहरों में तीन अन्य पिछड़ा वर्ग, दो अनुसूचित जाति व एक अनुसूचित जनजाति से हैं जबकि एक ब्राह्मण हैं। इन सात नए मंत्रियों में से तीन पूर्वांचल, दो पश्चिमी उप्र तथा एक-एक तराई क्षेत्र व रूहेलखंड के हैं।

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में थप्पड़ कांड से मचा बवाल, यूट्यूबर-संगीतकार और आयोजकों के बीच विवाद

गोरखपुर के खजनी में सामूहिक विवाह समारोह के दौरान यूट्यूबर और लोकगायक संजय यादव को मंच पर थप्पड़ मारने के बाद विवाद भड़क गया। सोशल मीडिया से शुरू हुआ झगड़ा सड़क पर पहुंचा, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक पक्ष के युवक को गिरफ्तार किया और दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया।

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samuhik viwah

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सामूहिक विवाह समारोह के दौरान शुरू हुआ मामूली झगड़ा अब सोशल मीडिया और सड़क दोनों जगहों पर गरम चर्चा का विषय बन गया है। खजनी क्षेत्र में 2 नवंबर को हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम इस कार्यक्रम में लोकगायक और यूट्यूबर संजय यादव को आयोजक दुर्गेश मदन यादव द्वारा मंच पर थप्पड़ मारने की घटना ने विवाद को तूल दे दिया।

सोशल मीडिया पर भड़का विवाद

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, समारोह के दौरान मंच पर किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई, जिसके बाद आयोजक ने संजय यादव को थप्पड़ मार दिया और मंच से नीचे उतार दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही समर्थकों में नाराज़गी फैल गई। दोनों पक्षों के लोगों ने सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को धमकियां और खुली चुनौतियां देना शुरू कर दिया।

सड़क पर पहुंचा मामला

सोमवार शाम को यह विवाद तब और भड़क गया जब यशपाल यादव और उनके समर्थक बुलेट, बाइक और चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ खजनी थाना क्षेत्र के डोहरिया गांव अंडरपास के पास पहुंचे। वहां युवकों ने ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे और हाकी लेकर शक्ति प्रदर्शन किया। स्थिति बिगड़ने से पहले ही स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही खजनी थाना प्रभारी अनूप सिंह, उपनिरीक्षक रामदयाल यादव और बांसगांव पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखकर भीड़ में भगदड़ मच गई और कई युवक वाहन लेकर फरार हो गए। हालांकि, पुलिस ने मौके से यशपाल यादव को गिरफ्तार कर लिया, जबकि प्रियांशु यादव सफारी गाड़ी सहित मौके से भागने में सफल रहा।

पुरानी रंजिश भी बनी वजह

गांववालों के अनुसार, यह विवाद सिर्फ थप्पड़ की घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों पक्षों के बीच पुरानी जमीन और वर्चस्व की रंजिश से जुड़ा हुआ मामला है।

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कौशांबी में पुलिस एक्शन: बिना हेलमेट पुलिसकर्मी का भी चालान, DM-SP बोले – “कानून सबके लिए बराबर”

गोरखपुर: नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर दोषी को 20 साल की कठोर सजा, अदालत ने लगाया ₹39,000 जुर्माना

गोरखपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में थप्पड़ कांड से मचा बवाल, यूट्यूबर-संगीतकार और आयोजकों के बीच विवाद

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर संख्या 0435/2025 दर्ज कर ली है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 191(2), 351(3), 352 और दंडविधि संशोधन अधिनियम 2013 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है।

थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया, “कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। किसी को भी माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

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यह खबर “गोरखपुर सामूहिक विवाह विवाद” की पूरी घटना को कवर करती है — जिसमें यूट्यूबर को थप्पड़ मारने से शुरू हुआ मामला सोशल मीडिया होते हुए सड़क तक पहुंच गया। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया और दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर दिया।

#GorakhpurNews #SamuhikVivah #UPPolice #YoutuberControversy #Khajni #UttarPradeshNews #ViralNews

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अपराध

गोरखपुर: नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर दोषी को 20 साल की कठोर सजा, अदालत ने लगाया ₹39,000 जुर्माना

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Gorakhpur News

गोरखपुर: नाबालिगों के प्रति होने वाले अपराधों में त्वरित और कठोर न्याय की दिशा में गोरखपुर कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म के एक जघन्य मामले में अभियुक्त को 20 साल के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है। इस ऐतिहासिक फैसले के वक्त कोर्टरूम में सन्नाटा छा गया और सज़ा की घोषणा होते ही आरोपी जज के सामने फूट-फूटकर रोने लगा।

अदालत का यह सख्त रुख यह स्पष्ट करता है कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह महत्वपूर्ण फैसला पुलिस महानिदेशक (DGP) के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान की प्रभावी सफलता को भी दर्शाता है।

2022 की घटना: सहजनवां क्षेत्र में जघन्य अपराध

यह मामला साल 2022 का है। गोरखपुर के सहजनवां थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। पीड़िता के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया।

सहजनवां पुलिस ने अभियुक्त आकाश चौरसिया पुत्र राजकुमार चौरसिया (निवासी मटियारी) के खिलाफ तत्काल मुकदमा संख्या 311/2022 दर्ज किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस टीम ने फौरन जांच शुरू कर दी।

इन धाराओं में हुई थी कार्रवाई: इस गंभीर मामले में अभियुक्त के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363, 366, 377, 504, 506 के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की धारा 5/6 के तहत कड़ी कार्रवाई की गई थी।

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कौशांबी में पुलिस एक्शन: बिना हेलमेट पुलिसकर्मी का भी चालान, DM-SP बोले – “कानून सबके लिए बराबर”

गोरखपुर: नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर दोषी को 20 साल की कठोर सजा, अदालत ने लगाया ₹39,000 जुर्माना

गोरखपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में थप्पड़ कांड से मचा बवाल, यूट्यूबर-संगीतकार और आयोजकों के बीच विवाद

विशेष कोर्ट का त्वरित फैसला

मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय SPL/ASJ/POCSO-2, गोरखपुर में हुई। अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य और गवाह पेश किए, जिसे अदालत ने पूरी तरह से स्वीकार किया।

कोर्ट ने आकाश चौरसिया को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 20 वर्ष की कठोर जेल की सज़ा और ₹39,000 का आर्थिक दंड (जुर्माना) लगाया। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में साफ कहा कि ऐसे अपराध समाज और कानून के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध हैं, और दोषी किसी भी तरह की रियायत का हकदार नहीं है।

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न्यायिक प्रक्रिया में दिखाई गई यह तेज़ी ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ की रणनीति का परिणाम है, जिसके तहत पुलिस जांच और कोर्ट में पैरवी को मजबूत किया जाता है, ताकि गंभीर अपराधों में पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। यह फैसला उन सभी अपराधियों के लिए एक सख्त चेतावनी है, जो मासूमों की इज़्ज़त से खिलवाड़ करते हैं।

#POCSOVerdict #GorakhpurJustice #20YearsJail #न्यायकीजीत

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उत्तर प्रदेश

कौशांबी में पुलिस एक्शन: बिना हेलमेट पुलिसकर्मी का भी चालान, DM-SP बोले – “कानून सबके लिए बराबर”

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कौशांबी में पुलिस एक्शन

कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में नवंबर महीने की शुरुआत के साथ ही सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक जागरूकता माह की औपचारिक शुरुआत हो गई है। जिले में पहले ही दिन पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में नजर आया। सड़कों पर बिना हेलमेट और यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई।

मंझनपुर चौराहे पर चेकिंग अभियान के दौरान एक पुलिसकर्मी का भी बिना हेलमेट बाइक चलाते हुए चालान काटा गया। पुलिसकर्मी को 500 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। इस कार्रवाई के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि “कानून और नियम सबके लिए समान हैं। यदि पुलिसकर्मी नियम तोड़ेंगे, तो उन पर भी वैसी ही कार्रवाई होगी जैसी आम नागरिकों पर होती है।”

जिले के डीएम अमित पाल शर्मा और एसपी राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से ट्रैफिक माह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों, आम नागरिकों और अधिकारियों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया गया और सभी को यातायात नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई गई।

डीएम ने कहा कि “वाहन चलाते समय सावधानी और नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। थोड़ी सी लापरवाही न केवल चालक के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बन सकती है। सड़क हादसे कम करने के लिए हमें जिम्मेदार नागरिक बनना होगा।”

एसपी राजेश कुमार ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ चालान काटना नहीं, बल्कि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने अपील की कि दोपहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें, चारपहिया चलाते समय सीट बेल्ट लगाएं और नशे की हालत में वाहन न चलाएं।

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पुलिस विभाग ने पूरे नवंबर माह को ट्रैफिक जागरूकता माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान जिलेभर में जगह-जगह जागरूकता अभियान, परेड, सड़क सुरक्षा रैली, और स्कूल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों पर पूरे महीने सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

इस अभियान से एक साफ संदेश गया है — कि सड़क सुरक्षा किसी विकल्प नहीं बल्कि जिम्मेदारी है, और कानून सबके लिए समान है, चाहे आम नागरिक हों या वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी।

#Kaushambi #TrafficMonth #UttarPradesh #RoadSafety #TrafficRules #DM_SP #PoliceAction

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ डी.एल.एड. परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार | UP STF News

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डीईएलएड परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का खुलासा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार को डीईएलएड सेमेस्टर परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने चंदौली जिले के आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज, चकिया से अभिषेक यादव नाम के आरोपी को दबोचा है।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन और परीक्षा से जुड़ा प्रश्नपत्र भी जब्त किया है।

गिरफ्तार युवक की पहचान अभिषेक यादव पुत्र नन्दलाल यादव, निवासी दिवाकरपुर पौरा, थाना सकलडीहा, जनपद चंदौली के रूप में हुई।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि डीईएलएड सेमेस्टर-3 परीक्षा के दौरान कुछ लोग नकल कराने में जुटे हैं।
इस पर एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी की टीम, जो पुलिस उपाधीक्षक शैलेश प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में और निरीक्षक अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्य कर रही थी, ने तुरंत छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

कैसे लीक होता था पेपर

पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। अभिषेक यादव खुद डीईएलएड का छात्र है और उसकी पहचान एक व्यक्ति अरुण से हुई थी।
अरुण हर परीक्षा से करीब आधे घंटे पहले ही व्हाट्सएप के जरिए पेपर भेज देता था।
अभिषेक ने 22 परीक्षार्थियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें वह पेपर शेयर करता था।
प्रत्येक छात्र से वह ₹2000 वसूलता था, जिसमें से ₹10,000 अरुण को भेज देता था और बाकी रकम खुद रख लेता था।
इस तरह वह छात्रों को परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र मुहैया कराकर नकल कराने का काम करता था।

मामला दर्ज, मुख्य आरोपी की तलाश जारी

एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ थाना चकिया, जनपद चंदौली में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
अब पुलिस फरार मुख्य आरोपी अरुण और अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी है।
एसटीएफ अधिकारियों ने कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता और नकलमुक्त माहौल बनाए रखने के लिए इस तरह के नेटवर्क पर लगातार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

📌 निष्कर्ष:
एसटीएफ की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकार परीक्षा प्रणाली में सुधार और नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। चंदौली की यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में परीक्षा सुरक्षा के लिए एक मजबूत संदेश है।

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उत्तर प्रदेश

आयुष्मान कार्ड का महा-घोटाला! NHA और UIDAI पोर्टल में ‘सेंधमारी’ का पर्दाफाश, 5000 रुपये में बन रहे फर्जी कार्ड!

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आयुष्मान कार्ड का महा-घोटाला

लखनऊ: सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर मंडराया संकट! नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) और आधार (UIDAI) के महत्वपूर्ण पोर्टलों में सेंधमारी करके फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। इस गंभीर आशंका के बाद, स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रेहेंसिव हेल्थ ऐंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (SACHIS) ने तुरंत विभागीय जाँच शुरू कर दी है।

जाँच के रेडार पर कौन?

  • अस्पताल: यूपी के उन अस्पतालों की सूचियां तैयार हो रही हैं जहाँ पिछले कुछ महीनों में आयुष्मान कार्ड के जरिए भर्ती मरीजों की संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है।
  • क्षेत्र: सूत्रों के अनुसार, बरेली समेत वेस्ट यूपी और पूर्वांचल के कई अस्पताल जाँच के दायरे में हैं।
  • संदिग्ध लोग: इस फर्जीवाड़े में NHA और आधार के काम-काज की बारीकियां जानने वाले लोगों की मिलीभगत की आशंका है, यहाँ तक कि उनके कार्यालयों से जुड़े कुछ लोग भी सवालों के घेरे में हैं।

ऐसे चल रहा है ‘खेल’ – 1000 से 5000 रुपये में डील!

  • शुरुआती जाँच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ समेत कई जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों में यह फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है।
  • आम लोगों को एक हजार से पाँच हजार रुपये का लालच देकर फर्जी आधार कार्ड बनवाने का झांसा दिया जाता है।
  • इसके बाद, NHA और आधार के पोर्टल में सेंधमारी करके फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी करवाए जाते हैं।
  • मुख्य कार्यपालक अधिकारी (SACHIS) अर्चना वर्मा के अनुसार, फर्जी कार्ड के जरिए इलाज करवाने वाले और इलाज करने वाले अस्पताल दोनों ही अब जाँच के दायरे में हैं।

रैकेट का तरीका:

  1. टारगेट फिक्सिंग: रैकेट का एक गुट ऐसे मरीजों को चिह्नित करता है जिनका फर्जी कार्ड बनाकर ‘वसूली’ की जा सके।
  2. कार्ड जनरेशन: दूसरा गुट NHA के पोर्टल में लॉगिन कर फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी करवाता है।
  3. भुगतान वसूली: अंत में, फर्जी कार्ड के आधार पर मरीज दिखाकर अस्पतालों के लिए सरकारी फंड से भुगतान करवा लिया जाता है।

जून में हुआ था 10 करोड़ का फर्जी भुगतान!

यह पहली घटना नहीं है! इसी साल जून में, यूपी के 39 अस्पतालों में 6,239 मरीजों के इलाज के नाम पर 9.94 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान हुआ था। उस समय, फर्जीवाड़े में उच्च अधिकारियों की यूजर आईडी (जैसे CEO, लेखाधिकारी) का इस्तेमाल किया गया था। इस नए खुलासे की शुरुआत तब हुई जब आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP नहीं आने की शिकायत सामने आई।

‘तार’ कई राज्यों में फैले!

SACHIS सूत्रों की मानें तो, इस फर्जीवाड़े के तार अंतरराज्यीय हैं! चाहे जून का करोड़ों का घोटाला हो या अब NHA/आधार में सेंधमारी, दोनों मामलों में इस्तेमाल किए गए IP अड्रेस की जाँच से पता चला है कि ज्यादातर कनेक्शन राजस्थान, कर्नाटक और दक्षिण भारत के राज्यों से जुड़े थे।

SACHIS ने उठाया बड़ा कदम:

  • फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद SACHIS ने NHA, साइबर सेल और लखनऊ स्थित आधार (UIDAI) के क्षेत्रीय कार्यालय को तुरंत सूचना भेजी है।
  • एक तत्काल और निर्णायक कदम उठाते हुए, आयुष्मान कार्ड बनाने व भुगतान के लिए कहीं से भी (बाहर से) लॉगिन करने की सुविधा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
  • अब केवल SACHIS के अधिकृत दफ्तर से ही लॉगिन किया जा सकेगा।

दर्शकों से अपील: इस गंभीर धोखाधड़ी से बचने के लिए, आम जनता को किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को आधार या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं देनी चाहिए और आयुष्मान कार्ड केवल सरकारी या अधिकृत केंद्रों से ही बनवाना चाहिए।

हम इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। क्या आप इस फर्जीवाड़े के कानूनी पहलुओं या NHA द्वारा उठाए जा रहे आगे के कदमों के बारे में जानना चाहेंगे?

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर: फर्जी दस्तावेजों से जमीन हड़पने वाला 10 हजार का इनामी बदमाश नीरज चौरसिया गिरफ्तार, SSP के अभियान को मिली बड़ी सफलता

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गोरखपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर के निर्देश पर चलाए जा रहे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के खिलाफ विशेष अभियान के तहत रामगढ़ताल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन की हेराफेरी करने वाले 10 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त नीरज चौरसिया को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारी की इस कार्रवाई का नेतृत्व थानाध्यक्ष नितिन रघुनाथ श्रीवास्तव ने किया। उनके निर्देशन में उपनिरीक्षक चंदन सिंह, सचिन सिंह, महिला उपनिरीक्षक गीता, हेड कांस्टेबल आशुतोष पांडेय और कांस्टेबल अनिल पांडेय की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर अभियुक्त को पकड़ा।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त नीरज चौरसिया, निवासी ग्राम छोटकी कटईया, थाना कैम्पियरंगज, जनपद गोरखपुर ने कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति की जमीन अपने नाम बैनामा करा ली थी। इसके बाद वह उसी जमीन को असली मालिक यानी वादी को बेचने का प्रयास कर रहा था। इस मामले में थाना रामगढ़ताल में मुकदमा संख्या 12/2023 दर्ज है, जिसमें धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406, 506, 120बी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की गई थी। अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई दिनों से लगातार प्रयासरत थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने इस सफल गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को प्रशंसा पत्र देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधों और फर्जीवाड़े में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। “गोरखपुर पुलिस की शून्य सहनशीलता नीति के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा,” उन्होंने कहा।

पुलिस ने बताया कि नीरज चौरसिया से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूरे नेटवर्क को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रामगढ़ताल पुलिस की यह कार्रवाई गोरखपुर में बढ़ते भूमि विवाद और फर्जीवाड़े के मामलों पर एक बड़ा प्रहार साबित हुई है। SSP राज करन नय्यर के नेतृत्व में चल रहे अभियान से न सिर्फ अपराधियों में खौफ बढ़ा है, बल्कि आम जनता में पुलिस के प्रति भरोसा भी मजबूत हुआ है।

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#GorakhpurNews #CrimeInUP #RamgarhtalPolice #LandFraud #FakeDocuments #NeerajChaurasia #RajKaranNayyar #UPPolice

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की समीक्षा बैठक, अस्पतालों में सुधार के दिए सख्त निर्देश

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गोरखपुर।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक बृहस्पतिवार को गोरखपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सर्किट हाउस में चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डिप्टी सीएम ने अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं, दवा आपूर्ति, उपकरणों की स्थिति, चिकित्सकों की उपस्थिति, भर्ती व्यवस्था तथा जनस्वास्थ्य योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मरीजों को दवा, जांच और आपात सेवाओं में किसी भी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता है, और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बृजेश पाठक ने कहा कि गोरखपुर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। यहां का बीआरडी मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुका है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पढ़ाई और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाए ताकि यहां से निकलने वाले चिकित्सक समाज सेवा में उत्कृष्ट भूमिका निभा सकें।

पत्रकारों से बातचीत में डिप्टी सीएम ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को भारत की संस्कृति और परंपरा की समझ नहीं है। छठ जैसे आस्था के पर्व पर उनका बयान निंदनीय है और बिहार की जनता इसका जवाब वोट से देगी। बृजेश पाठक ने दावा किया कि बिहार चुनावों में एनडीए गठबंधन भारी बहुमत से सरकार बनाएगा, जबकि महागठबंधन जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।

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उत्तर प्रदेश की राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विकास, निवेश, शिक्षा और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2027 में भाजपा एक बार फिर प्रचंड बहुमत से सत्ता में लौटेगी।

अंत में डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं गोरखपुर की प्रगति को लेकर संवेदनशील हैं, इसलिए किसी भी योजना में ढिलाई या देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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