दिल्ली
आज के चार महानगरों का डीजल पेट्रोल का रेट
उत्तर प्रदेश
केंद्र सरकार के मुताबिक 8 साल में एनडीए की सरकार सरकारी नौकरी देने का रिपोर्ट

पूर्वांचल भारत न्यूज़
केंद्र सरकार के मुताबिक 8 साल में एनडीए की सरकार में
22 करोड़ लोगो ने नौकरी का आवेदन किया था, जिसमें सिर्फ 7 लाख लोगों को मात्र नौकरी मिली।
अयोध्या
यूपी में आज से 3 दिनों तक बारिश की चेतावनी

पूर्वांचल भारत न्यूज़
उत्तर प्रदेश के 54 जिलों में बारिश की चेतावनी।
गरज चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी।
यूपी के 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी,बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच के लिए अलर्ट जारी,लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बिजनौर के लिए अलर्ट, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत के लिए अलर्ट,लखनऊ सहित बाराबंकी,कानपुर के लिए अलर्ट,1 जून से अब तक यूपी में 55% कम हुई बारिश,प्रदेश के 33 जिलों में सामान्य से 70% बारिश कम।
उत्तर प्रदेश
मोदी कैबिनेट के फ़ैसला, BSNL और BBNL का होगा विलय

पूर्वांचल भारत न्यूज़ दिल्ली
मोदी कैबिनेट के फ़ैसले-
BSNL का उद्धार किया जायेगा,BSNL के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की जायेगी ।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा-
BBNL और BSNL का विलय होगा,BSNL की सेवाओं को अपग्रेड किया जाएगा,4जी सेवा को अपग्रेड किया जायेगा,इसकी फाइबर सेवा को बेहतर किया जायेगा ।
अपना शहर
कानपुर के पुलिस कमिश्नर के PRO के खिलाफ कार्रवाई

पूर्वांचल भारत न्यूज़ कानपुर
कानपुर के पुलिस कमिश्नर के PRO के खिलाफ कार्यवाही हुई, जिसमें पीआरओ अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई हुई।
पीआरओ अजय मिश्रा को पद से हटाया दिया गया है।
पुलिस लाइन में भेजे गए दारोगा अजय मिश्रा ।
अजय मिश्रा के अपराधियों से सम्बन्ध होने का मामला सामने आने पर कार्यवाही की गई है।
जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी करेंगे मामले की जांच।
दारोगा पर गैंगस्टर की बुलेट खरीदने का आरोप सामने आया है।
बुलेट बाइक गैंगस्टर बलराम राजपूत के नाम थी।
बलराम से जेल में अजय मिश्रा की मुलाकात हुई थी।
दारोगा का दावा है कि 90 हजार में गैंगस्टर की पत्नी से बुलेट खरीदी है।
बड़ा सवाल यह है कि अपराधी की ही बुलेट दारोगा ने क्यों खरीदी?
उड़ान
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सांसद रवि किशन ने दी बधाई

देश को नया राष्ट्रपति मिल गया है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने जीत हासिल की है। इसके साथ ही वह 15वीं राष्ट्रपति बनी हैं। उनके राष्ट्रपति बनने पर गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने उन्हें बधाई दी है।
सांसद रवि किशन ने कहा कि हम सभी के लिए गर्व का दिन है। द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन समाज की सेवा और गरीबों, दलितों के साथ-साथ हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित कर दिया है।
इतिहास के झरोखों से
आइए जानते है कब से शुरुआत हुआ था मजदूर दिवस मानने की प्रक्रिया….

पूर्वांचल भारत न्यूज़
बात उस जब की है जब पूरी दुनिया में मजदूरों को कोई अधिकार नहीं था न काम करने का कोई निश्चित समय और न ही कोई भविष्य की कोई सुरक्षा, लोग कारखानों में काम तो करते थे लेकिन उनका शोषण होता था, कंपनियों के मालिक उनसे काम नहीं लेते थे बल्कि मजदूरों का खून चूसते थे। यहां तक कि काम करते करते बहुत से मजदूरों कि मौत हो जाती थी, काम के वक्त काफी चोटे भी लगती थी, लेकिन उसका जिम्मेदार कोई नहीं होता था। तब वह समय आता है।
1 मई 1986 में अमेरिका के सभी मजदूर संघ साथ मिलकर ये निश्चय करते है कि वे 8 घंटो से ज्यादा काम नहीं करेंगें, जिसके लिए वे हड़ताल कर लेते है. इस दौरान श्रमिक वर्ग से 10-16 घंटे काम करवाया जाता था, साथ ही उनकी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जाता था. उस समय काम के दौरान मजदूर को कई चोटें भी आती थी, कई लोगों की तो मौत हो जाया करती थी. काम के दौरान बच्चे, महिलाएं व् पुरुष की मौत का अनुपात बढ़ता ही जा रहा था, जिस वजह से ये जरुरी हो गया था, कि सभी लोग अपने अधिकारों के हनन को रोकने के लिए सामने आयें और एक आवाज में विरोध प्रदर्शन करने लगे।
इस हड़ताल के दौरान 4 मई को शिकागो के हेमार्केट में अचानक किसी आदमी के द्वारा बम ब्लास्ट कर दिया जाता है, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस अंधाधुंध गोली चलाने लगती है. जिससे बहुत से मजदूर व् आम आदमी की मौत हो जाती है. इसके साथ ही 100 से ज्यादा लोग घायल हो जाते है. इस विरोध का अमेरिका में तुरंत परिणाम नहीं मिला, लेकिन कर्मचारियों व् समाजसेवियों की मदद के फलस्वरूप कुछ समय बाद भारत व अन्य देशों में 8 घंटे वाली काम की पद्धति को अपनाया जाने लगा. तब से श्रमिक दिवस को पुरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाने लगा, इस दिन मजदूर वर्ग तरह तरह की रेलियां निकालते व् प्रदर्शन करते है.
#भारत में मजदूरों की दिशा और दशा
हम बात करे मजदूरों की तो भारत मजदूरों कि हालात में काफी सुधार आया है, इसके लिए सरकार भी आगे आयी, और उन्होंने मजदूरों के लिए मजदूर कानून का गठन किया, और काम का निश्चित समय निर्धारित किया भविष्य कि सुरक्षा की गारंटी भी दी। जो भी भविष्य निधि बनाया, जिससे कोई भी कंपनी का मालिक मजदूरों का शोषण ना कर सके। लेकिन कोरोना काल में सरकारों ने मजदूरों को जिस हालत में छोड़ा वह देखने लायक नहीं था लोग हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने घर को निकाल पड़े,बाद में सरकार ने उनको मुफ्त में राशन, श्रमिक कार्ड के माध्यम से DBT के माध्यम से नगद पैसे भेजे जिससे उनके हालात में सुधार हो।
पूर्वांचल भारत न्यूज के माध्यम से देश के सभी मजदूरों को हार्दिक शुभकामनाएं और भारत निर्माण में अपना पसीना बहाते है।
#HappyLabourDay2022 #मजदूर_दिवस
#PurvanchalBharatNews #WorldLaboratoryDay #happylabourday
अन्य
भारतीय संविधान के शिल्पकार, महान दलित, पिछड़े वर्ग के चिन्तक, एवं समाज सुधारक बाबा भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन

पूर्वांचल भारत न्यूज़
प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Babasaheb Bhimrao Ambedkar’s birth anniversary) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। विशेष तौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ी जाति के लोगों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है।
बाबा साहेब अम्बेडकर जी का वास्तविक नाम भीमराव रामजी आम्बेडकर है। अपनी कड़ी मेहनत और सिद्धांतों के माध्यम से एक गरीब अछुते बच्चे से भारत सरकार में कई प्रमुख पदों पर पहुंचे। बाबा साहेब पिछड़े वर्ग के अस्पृश्यता और उत्थान से लड़ने वाली प्रमुख हस्तियों में से एक थे। वह संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। बाबा साहेब ने कई पुस्तकें भी लिखी जैसे ‘जाति का विनाश’, ‘शूद्र कौन थे’, ‘बुद्ध और उनका धम्म’ उनकी कुछ महत्वपूर्ण कृतियां हैं।
आईये आज हम भारत के संविधान के जनक बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के जीवन से परिचित होते हैं।
उनके जीवन की कुछ प्रमुख घटनाएं आपको हम क्रम से बताते हैं-
1- भारत के प्रथम कानूनमंत्री डॉ. आम्बेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के ‘महू’ नगर में हुआ था।
2-इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में एक सैन्य छावनी मे दलित परिवार में हुआ था।
3- इनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश भारतीय सेना के सुबेदार थें।
4- माता भीमाबाई के 14 संतानों में ये सबसे छोटे थें।
5- उस समय बाबा साहेब अछूत वर्ग से मैट्रिक पूरा करने वाले पहले व्यक्ति थें।
6- ये कोलंबिया विश्वविद्यालय एवं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से डॉक्टरेट किए थें।
7- अपने जीवनभर इन्होंने अछूतों की समानता के लिए संघर्ष किया।
8- बाबा साहेब आम्बेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है।
9- 1990 में इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
10- मधुमेह बीमारी से पीड़ित बाबा साहेब का 6 दिसंबर 1956 को निधन हो गया।
आइये जानते हैं बाबा साहब के बारे कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें-
1- डॉ भीमराव के जन्मदिवस को अम्बेडकर जयंती के रूप मे मनाया जाता है।
2- बाबा साहेब आंबेडकर ने भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
3- बी. आर. आंबेडकर को उनके अनुयायी बाबा साहेब कहकर पुकारते थें।
4- बाबा साहेब एक कुशल अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता, सफल राजनीतिज्ञ तथा महान समाज सुधारक थें।
5- विदेश से अर्थशास्त्र मे डॉक्टरेट करने वाले बाबा साहेब प्रथम भारतीय थें।
6- डॉ आम्बेडकर कुल 64 विषयों के मास्टर तथा 9 भाषाओं अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, गुजराती, हिंदी, मराठी, संस्कृत, पाली और फारसी के जानकार थें।
7- 50000 पुस्तकों के संग्रह के साथ ‘राजगृह’ में बाबा साहेब का पुस्तकालय भारत का सबसे बड़ा नीजी पुस्तकालय है।
8- भारत मे महिला सशक्तिकरण की दिशा मे 1950 मे “हिन्दू कोड बिल” लाकर पहला प्रयास बाबा साहेब ने ही किया था।
9- 1950 में कोल्हापुर शहर मे बाबा साहेब की पहली प्रतिमा स्थापित की गई।
10- जीवन के अन्तिम समय मे बाबा साहेब हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म मे शामिल हो गए थें।
“सिम्बल ऑफ नॉलेज” कहे जाने वाले बाबा साहेब आम्बेडकर एक महान व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया और समाज में जातिगत भेदभाव के खिलाफ जीवन पर्यन्त संघर्ष करते रहें। भारत के लिए उनके द्वारा किये गये योगदान को सदैव याद रखा जायेगा।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने समाज को हमेशा प्रेरणादायक विचार दिए है, जो लोगों को उनके कर्तव्य और ऊर्जा का एहसास दिलाते हैं। यह प्रेरणादायक विचार कुछ इस प्रकार से हैं…
“शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।”
“जिंदगी लंबी होने की बजाय महान होनी चाहिए।”
“धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।”
“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
“वो लोग कभी इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास को भूल जाते हैं।”
“मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाएं।”
“उदासीनता सबसे खराब तरह की बीमारी है, जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।”
“अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं सबसे पहले इसे जलाऊंगा।”
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