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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बड़ा एक्शन: बिजली अधिकारी की बदसलूकी का ऑडियो वायरल, SE सस्पेंड
लखनऊ / बस्ती:
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एक बार फिर अपने विभाग के अधिकारियों पर जमकर बरसे हैं। इस बार वजह बनी है एक बिजली उपभोक्ता से विभागीय अधिकारी की असंवेदनशील बातचीत, जिसकी ऑडियो क्लिप खुद मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। मंत्री ने इस पूरे मामले में तुरंत सख्त एक्शन लेते हुए बस्ती जिले के SE प्रशांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह ऑडियो उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने भेजा, जिसमें एक पढ़े-लिखे उपभोक्ता और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के बीच हुई बातचीत है। मंत्री के अनुसार, अधिकारी का व्यवहार बेहद असंवेदनशील और अमर्यादित था। उन्होंने लिखा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि कई बार अधिकारियों को चेताया जा चुका है कि जनता की शिकायतों को गंभीरता से लें।
शर्मा ने आगे लिखा, “यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, एमडी और अन्य अधिकारियों से भी कही थी। 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्थाएं सिर्फ पूरक हो सकती हैं, विकल्प नहीं।”
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि अधिकारी फोन उठाना तक बंद कर चुके हैं, और इससे जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा —
“तितलौकी तो थी ही, अब नीम पर चढ़ गई।”
उन्होंने बताया कि कई बार मौखिक और लिखित रूप से गलत फैसलों का विरोध किया गया, लेकिन इसके बावजूद अव्यवहारिक और असमय निर्देश दिए जाते रहे हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बैठक में उन्हें गुमराह करने की कोशिश भी की और गलत जानकारी दी।
मंत्री ने X पोस्ट में लिखा, “अब आप खुद वह ऑडियो सुनिए और सच्चाई को समझिए।”
इसके साथ ही उन्होंने उस वरिष्ठ नेता का वॉट्सऐप मैसेज भी साझा किया, जिसमें लिखा गया था कि बस्ती शहर के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं थी और रात 8 बजे तक कोई भी अधिकारी कॉल रिसीव नहीं कर रहा था। जब अधीक्षण अभियंता को फोन किया गया तो उनका व्यवहार बेहद असंवेदनशील था।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी:
“बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें, समस्याओं का त्वरित समाधान करें और शालीन भाषा में बात करें — अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।”
रविवार सुबह मंत्री ने जानकारी दी कि उपभोक्ता की शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सभी विद्युत कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्रभावी और त्वरित ढंग से सुलझाया जाए।
निष्कर्ष:
ऊर्जा मंत्री का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि अब लापरवाही और संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता की सेवा में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के लिए अब जवाबदेही अनिवार्य है। मंत्री का संदेश साफ है —
“उपभोक्ता देवो भवः” — और अब शासन का रवैया भी उसी अनुरूप सख्त।
गोरखपुर ग्रामीण
दीवार गिराने से शुरू हुआ विवाद, हाथापाई में घायल हुआ व्यक्ति – गोरखपुर में पड़ोसियों के बीच झगड़ा
उरुवा थाना क्षेत्र में संपत्ति विवाद को लेकर पड़ोसियों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति के साथ मारपीट की गई। पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि विरोध करने पर उसके साथ हाथापाई की गई और जातिगत टिप्पणी की गई। पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
गोरखपुर जनपद के उरुवा थाना क्षेत्र में एक संपत्ति विवाद गंभीर रूप ले गया, जिसमें एक व्यक्ति के साथ मारपीट और अपमानजनक व्यवहार किया गया। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर चार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
संपत्ति विवाद से शुरू हुआ मामला
सूती टोला करवनियां, उरुवा बाजार निवासी गोपाल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 13 दिसंबर की शाम लगभग 8 बजे उनके पड़ोसियों राजीव यादव, राकेश यादव, सुरेंद्र यादव और रामपति यादव ने उनकी जमीन पर बनी करीब चार फुट ऊंची दीवार को तोड़ दिया।
विरोध करने पर हुई हाथापाई
शिकायतकर्ता गोपाल ने जब अपनी दीवार गिराए जाने का विरोध किया, तो आरोपित व्यक्तियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। पीड़ित के अनुसार, उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और जातिगत आधार पर अपमानजनक शब्द कहे गए।
स्थानीय लोगों के आने पर भागे आरोपी
घटनास्थल पर जब आसपास के लोग पहुंचे, तो आरोपित लोगों ने गोपाल को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से फरार हो गए। पीड़ित का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि आरोपियों ने पहले भी उनकी दीवार गिराई थी।
पुलिस ने दर्ज किया गंभीर मामला
उरुवा थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर चारों आरोपियों के विरुद्ध मारपीट, धमकी और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है।
थाना प्रभारी ने कहा कि किसी भी प्रकार के जातिगत भेदभाव और हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस पीड़ित को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अपराध
गोरखपुर के दीपगढ़ में खाली घर से लाखों की चोरी, परिवार के मायके जाते ही बदमाशों ने किया वारदात
गोरखपुर: गोला थाना इलाके के दीपगढ़ गांव में एक खाली पड़े घर में चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया। 21 नवंबर की रात को बदमाशों ने एक ऐसे मकान को अपना शिकार बनाया, जिसके मालिक परिवार सहित अपने ससुराल गए हुए थे। चोरों ने दरवाजे का ताला तोड़कर घर के अंदर घुसते हुए तिजोरी को खोलकर उसमें रखे कीमती आभूषणों और नकदी को लेकर फरार हो गए।
22 नवंबर को हुआ खुलासा
घटना की जानकारी तब मिली जब घर की मालकिन रीना सिंह अपने पति दुर्गविजय सिंह और बच्चों के साथ 22 नवंबर को शाम के समय अपने घर वापस आईं। घर पहुंचते ही उन्हें मुख्य दरवाजे का ताला टूटा हुआ नजर आया। अंदर जाने पर पूरा घर बिखरा हुआ था और तिजोरी का ताला भी खुला पड़ा था। जांच करने पर पता चला कि तिजोरी में रखे सभी कीमती सामान गायब हो चुके थे।
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क्या-क्या हुआ चोरी?
पीड़ित महिला ने बताया कि तिजोरी से पांच सोने की अंगूठियां, दो सोने की चेन, चार जोड़ी पायल, बीस बिछिया, झुमके, झाला, चांदी का करधनी समेत कई अन्य जेवरात गायब हो गए हैं। इसके अलावा तीन हजार रुपये की नकदी भी चोरी हो गई है। सभी आभूषणों की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
घबराई हुई रीना सिंह ने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन करके सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घर का मुआयना किया और आसपास के इलाके में छानबीन शुरू कर दी। पीड़िता की तहरीर के आधार पर गोला पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 305 और 331/4 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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गांव में दहशत का माहौल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों से इस इलाके में चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही हैं, जिससे ग्रामवासियों में डर का माहौल बन गया है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से रात के समय गश्त बढ़ाने और संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखने की मांग की है।
पुलिस जल्द पकड़ने का दावा
गोला थाने के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले को संजीदगी से लिया जा रहा है और जांच पूरे जोर-शोर से चल रही है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों के फुटेज, मुखबिरों की सूचना और तकनीकी साधनों की मदद से अपराधियों का पता लगाने में जुटी है। पुलिस ने जल्द ही चोरों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि आम लोग अपने घरों में सुरक्षित रह सकें।
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बस्ती SDM शत्रुघ्न पाठक का वीडियो वायरल: SIR फॉर्म में लापरवाही पर कड़ा एक्शन
बस्ती SDM शत्रुघ्न पाठक का वीडियो वायरल हो गया है। SIR फॉर्म में शून्य प्रगति पर उन्होंने बीएलओ को फटकार लगाई और मौके पर तहरीर लिखवा दी। पूरी खबर पढ़ें।
बस्ती, उत्तर प्रदेश: बस्ती सदर के एसडीएम शत्रुघ्न पाठक का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जोरदार चर्चा में है। वीडियो में वे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की धीमी प्रगति पर एक बीएलओ को कड़ी फटकार लगाते नज़र आ रहे हैं। जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि बीएलओ ने अब तक एक भी SIR फॉर्म नहीं भरा, उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने मौके पर ही सख्त रुख अपना लिया।
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कड़क अधिकारी के तौर पर मशहूर—कौन हैं SDM शत्रुघ्न पाठक?
शत्रुघ्न पाठक फिलहाल बस्ती सदर के एसडीएम के रूप में कार्यरत हैं। वे पीसीएस कैडर के अधिकारी हैं और कई जिलों में प्रशासनिक अनुभव रखते हैं।
अपने सख्त, अनुशासित और बिना समझौते वाले रवैये के कारण वे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।
बहराइच जिले से आने वाले पाठक पहले भी कई महत्वपूर्ण मामलों में कठोर कार्रवाई कर चुके हैं। पिछले महीने उन्होंने खीरीघाट में घटतौली की शिकायत पर प्रधान पति भूपेंद्र सिंह की बहन मनोरमा सिंह की कोटे की दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था—जिसकी काफी चर्चा हुई।
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कैमरे में कैद हुआ गुस्सा—SDM का एक्शन मोड
वायरल वीडियो में एसडीएम पाठक बीएलओ से सवाल करते हुए दिखाई देते हैं।
जब बीएलओ ने प्रगति ‘शून्य’ बताई, तो एसडीएम ने सख्त लहजे में कहा—
“सरकारी नौकरी कर रहे हो… तो काम क्यों नहीं करते? जिम्मेदारी निभाना नहीं आता क्या?”
स्थिति को गंभीर मानते हुए उन्होंने मौके पर ही मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर लिखवा दी। यह देखकर प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई। घटना के समय एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान भी मौजूद थे, जिन्होंने भी लापरवाही पर नाराजगी जताई।
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जमीनी जांच में खुली गड़बड़ियां
जिला प्रशासन की टीम मतदाता सूची में SIR फॉर्म की प्रगति की वास्तविक स्थिति जानने निकली थी।
चेकिंग के दौरान कई बीएलओ के रिकॉर्ड या तो अधूरे मिले या बिल्कुल खाली।
एडीएम के अनुसार, जिले में अभी तक सिर्फ 5.5% SIR फॉर्म ही भरे गए हैं, जो तय लक्ष्य की तुलना में बेहद कम है।
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के संकेत
एसडीएम पाठक ने साफ कर दिया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वह किसी भी स्तर का कर्मचारी क्यों न हो।
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बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’, वोट चोरी के आरोपों से मचा सियासी धमाका
बिहार चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान से देशभर के राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। राहुल गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कई राज्यों में चुनाव के दौरान “वोट चोरी” की घटनाएं पकड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इसके ठोस सबूत पेश करेगी। पार्टी ने इसे “हाइड्रोजन बम” नाम दिया है, जो बीजेपी के खिलाफ बड़ा हमला माना जा रहा है।
🔥 कांग्रेस का “हाइड्रोजन बम” तैयार
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर माहौल गर्म कर दिया था। पार्टी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया- “हाइड्रोजन बम आ रहा है”। वहीं प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, “हाइड्रोजन बम लोडिंग…”। इसके बाद राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैसे ही आरोपों की बौछार हुई, पूरा सियासी माहौल गरम हो गया।
🗣️ राहुल गांधी का आरोप – “देशभर में वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल”
राहुल गांधी ने कहा, “हमारी टीम ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में गंभीर अनियमितताओं का पता लगाया है। यही पैटर्न महाराष्ट्र, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला है।” उन्होंने कहा कि यह कोई एक राज्य की बात नहीं है बल्कि एक सुनियोजित पैटर्न है जो लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रहा है।
📂 ‘H-Files’ से किया बड़ा खुलासा
राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस के पास “H-Files” नामक डॉसियर है, जिसमें हरियाणा चुनावों की गड़बड़ियों के सबूत दर्ज हैं। उन्होंने कहा, “हरियाणा में कई जगह डाक मत वास्तविक मतों से मेल नहीं खाते। पहली बार ऐसा हुआ कि वोटों का आंकड़ा एग्जिट पोल से पूरी तरह उल्टा निकला।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों से मिली शिकायतों की जांच के बाद इस फाइल को सार्वजनिक किया जाएगा।
😲 “223 बार वोट डालने वाली महिला” का मामला
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि “यह महिला भारत में 22 जगहों पर अलग-अलग नामों से वोट डाल चुकी है- कभी स्वीटी, कभी सीमा बनकर।”
राहुल बोले, “एक व्यक्ति 223 बार वोट कैसे डाल सकता है? यह सिर्फ धांधली नहीं, यह लोकतंत्र की नींव को हिलाने वाली साजिश है।”
🧮 “1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जी वोट डाले गए। राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास प्रमाण हैं कि करीब 1 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट वोट सूची में मौजूद हैं। कई जगह एक व्यक्ति ने 14 बार वोट डाला।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष जांच करे, तो बीजेपी की हार तय है।
⚖️ चुनाव आयोग पर उठे सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि “हरियाणा की मतदाता सूची में 1.24 लाख फर्जी मतदाता मिले हैं, फिर भी आयोग कार्रवाई नहीं कर रहा। क्यों? क्योंकि यह सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है।” उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को इस पर तत्काल जांच करनी चाहिए।
💬 “हाइड्रोजन बम के बाद मोदी चेहरा नहीं दिखा पाएंगे”
राहुल गांधी ने तीखे शब्दों में कहा, “महादेवपुरा में हमने एटम बम दिखाया था, अब हाइड्रोजन बम लाए हैं। इसके बाद मोदी जी देश में अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।”
उन्होंने बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा, “सच्चाई सामने लाने में जनता ने कांग्रेस का साथ दिया।”
🗳️ “वोट चोरी मतलब अधिकार, आरक्षण और रोज़गार की चोरी”
राहुल गांधी ने कहा कि वोट चोरी केवल चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के अधिकारों, आरक्षण, शिक्षा और रोज़गार की चोरी है।
उन्होंने कहा, “अगर ये प्रवृत्ति जारी रही, तो वे आपका राशन कार्ड और ज़मीन भी छीन लेंगे और उसे कुछ उद्योगपतियों को सौंप देंगे। यह सिर्फ वोट की नहीं, आपकी ज़िंदगी की लड़ाई है।”
📌 निष्कर्ष:
राहुल गांधी की “हाइड्रोजन बम” प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बिहार सहित पूरे देश के सियासी माहौल को झकझोर दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि कांग्रेस के पास कौन से ऐसे सबूत हैं जो चुनावी राजनीति की दिशा बदल सकते हैं।
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गोरखपुर ग्रामीण
गोरखपुर में पुलिस की बड़ी कार्रवाई: जमीन विवाद में मारपीट करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार
गोरखपुर पुलिस ने भूमि विवाद में हुई मारपीट और जानलेवा हमले के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी राज करन नय्यर के निर्देश पर गगहा पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
गोरखपुर: जिले में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और अपराध नियंत्रण के उद्देश्य से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत गगहा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने जमीन विवाद में मारपीट और जान से मारने का प्रयास करने के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या था मामला?
गगहा थाना क्षेत्र के सहुआकोल गांव में दो पक्षों के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। यह विवाद तब हिंसक रूप ले लिया जब एक पक्ष ने वादी और उसके परिजनों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ।
पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए धारा 191(2)/191(3)/190/115(2)/352/125/109/118(1)/76 बीएनएस और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम जयप्रकाश यादव, संजीत यादव, रणविजय यादव, और रवि विश्वकर्मा हैं — जो सभी सहुआकोल गांव के निवासी बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से दबिश डालकर चारों को गांव से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि विवाद जमीन हिस्सेदारी को लेकर था और गुस्से में उन्होंने यह हमला कर दिया।
कानूनी कार्रवाई जारी
गिरफ्तार अभियुक्तों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें एससी/एसटी एक्ट भी शामिल है, जिससे यह मामला संवेदनशील हो गया है। पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर आगे की विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
कौशांबी में पुलिस एक्शन: बिना हेलमेट पुलिसकर्मी का भी चालान, DM-SP बोले – “कानून सबके लिए बराबर”
गोरखपुर: नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर दोषी को 20 साल की कठोर सजा, अदालत ने लगाया ₹39,000 जुर्माना
पुलिस टीम की भूमिका
गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक अंजुल कुमार चतुर्वेदी, उप निरीक्षक दयाशंकर यादव, उप निरीक्षक राहुल कुमार सिंह, और कॉन्स्टेबल एकांश सिंह शामिल थे।
टीम ने समन्वित प्रयासों से त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार कर एसएसपी के अभियान को सफल बनाया।
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गोरखपुर ग्रामीण
गोरखपुर में फरार महिला अभियुक्ता के घर ढोल-नगाड़ों के साथ मुनादी, कुर्की की चेतावनी से मचा हड़कंप
गोरखपुर। धोखाधड़ी के संगीन मामले में फरार चल रही महिला अभियुक्ता मनीषा वर्मा के खिलाफ गोरखपुर पुलिस ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की। न्यायालय के आदेश पर ढोल-नगाड़ों के साथ मुनादी कराई गई और अभियुक्ता के घर पर उद्घोषणा नोटिस चस्पा किया गया। यह कार्रवाई गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित रुस्तमपुर इलाके में की गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों का मामला
मामला मु.अ.सं. 650/2022 के तहत थाना रामगढ़ताल में दर्ज है। अभियुक्ता मनीषा वर्मा पत्नी राजकुमार उर्फ राजन वर्मा पर धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी भादवि के तहत आरोप लगे हैं। पुलिस के अनुसार, अभियुक्ता ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से धोखाधड़ी कर आर्थिक लाभ उठाया।
जांच के दौरान कई बार नोटिस मिलने के बावजूद अभियुक्ता न्यायालय में पेश नहीं हुईं और गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करती रहीं, जिसके बाद न्यायालय ने धारा 82 CrPC के तहत उद्घोषणा आदेश जारी किया।
ढोल-नगाड़ों के साथ मुनादी और चेतावनी
सोमवार को पुलिस टीम ने रुस्तमपुर स्थित आवास संख्या 401 पर पहुंचकर ढोल-ताशे और लाउडस्पीकर से मुनादी की। पुलिस ने ऐलान किया कि यदि मनीषा वर्मा निर्धारित तिथि तक अदालत में उपस्थित नहीं होतीं, तो उनकी संपत्ति धारा 83 CrPC के तहत कुर्क की जाएगी।
मुनादी के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जुट गए। पूरा इलाका पुलिस की इस कार्रवाई को देखने के लिए उमड़ पड़ा।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कार्रवाई
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राज करन नय्यर के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन में की गई। क्षेत्राधिकारी कैन्ट के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष रामगढ़ताल की देखरेख में उपनिरीक्षक आशुतोष कुमार राय के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यह कार्रवाई अंजाम दी।
टीम में उपनिरीक्षक संतोष कुमार पासवान, महिला उपनिरीक्षक आयशा बानो, और कांस्टेबल राजेश शाह व बृजेश चौहान शामिल रहे।
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अगला कदम: संपत्ति कुर्की
पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि अभियुक्ता न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं करतीं, तो उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। यह कार्रवाई धारा 83 CrPC के तहत की जाएगी।
SSP का सख्त संदेश
एसएसपी राज करन नय्यर ने कहा, “गोरखपुर पुलिस अब किसी भी फरार अपराधी को नहीं छोड़ेगी। न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। धारा 82 और 83 के तहत की जा रही मुनादी और कुर्की का मकसद यही है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस की यह सख्त नीति फरार अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के उद्देश्य से जारी रहेगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर: फर्जी दस्तावेजों से जमीन हड़पने वाला 10 हजार का इनामी बदमाश नीरज चौरसिया गिरफ्तार, SSP के अभियान को मिली बड़ी सफलता
गोरखपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर के निर्देश पर चलाए जा रहे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के खिलाफ विशेष अभियान के तहत रामगढ़ताल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन की हेराफेरी करने वाले 10 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त नीरज चौरसिया को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारी की इस कार्रवाई का नेतृत्व थानाध्यक्ष नितिन रघुनाथ श्रीवास्तव ने किया। उनके निर्देशन में उपनिरीक्षक चंदन सिंह, सचिन सिंह, महिला उपनिरीक्षक गीता, हेड कांस्टेबल आशुतोष पांडेय और कांस्टेबल अनिल पांडेय की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर अभियुक्त को पकड़ा।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त नीरज चौरसिया, निवासी ग्राम छोटकी कटईया, थाना कैम्पियरंगज, जनपद गोरखपुर ने कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति की जमीन अपने नाम बैनामा करा ली थी। इसके बाद वह उसी जमीन को असली मालिक यानी वादी को बेचने का प्रयास कर रहा था। इस मामले में थाना रामगढ़ताल में मुकदमा संख्या 12/2023 दर्ज है, जिसमें धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406, 506, 120बी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की गई थी। अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई दिनों से लगातार प्रयासरत थी।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने इस सफल गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को प्रशंसा पत्र देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधों और फर्जीवाड़े में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। “गोरखपुर पुलिस की शून्य सहनशीलता नीति के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा,” उन्होंने कहा।
पुलिस ने बताया कि नीरज चौरसिया से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूरे नेटवर्क को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रामगढ़ताल पुलिस की यह कार्रवाई गोरखपुर में बढ़ते भूमि विवाद और फर्जीवाड़े के मामलों पर एक बड़ा प्रहार साबित हुई है। SSP राज करन नय्यर के नेतृत्व में चल रहे अभियान से न सिर्फ अपराधियों में खौफ बढ़ा है, बल्कि आम जनता में पुलिस के प्रति भरोसा भी मजबूत हुआ है।
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