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पीएम मोदी में कोई दम नहीं, मीडिया ने सिर्फ गुब्बारा बनाया हुआ हैं: राहुल गांधी

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025:
राहुल गांधी मोदी पर हमला करते हुए एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की छवि सिर्फ मीडिया द्वारा गढ़ा गया एक गुब्बारा है, जिसमें कोई असल ताकत नहीं है। राहुल गांधी ने यह बयान दिल्ली में आयोजित “ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन” के दौरान दिया।
राहुल गांधी मोदी पर हमला करते हुए एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। राहुल गांधी ने कहा, “पहले मैं प्रधानमंत्री मोदी से कभी नहीं मिला था, लेकिन अब मैं उनसे दो-तीन बार मिल चुका हूं। अब मुझे समझ आ गया है कि उनके पास असल में कुछ नहीं है। वे सिर्फ एक शो हैं — दिखावा हैं। दम नहीं है।”
उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी को लेकर जो डर या प्रभाव लोगों के मन में है, वह मीडिया की देन है। उन्होंने कहा, “आप लोग उनसे नहीं मिले हैं, लेकिन मैं मिला हूं। मुझे अब पूरी तरह समझ आ गया है कि असल में वे क्या हैं। मीडिया ने उन्हें जितना बड़ा दिखाया है, हकीकत उससे बिल्कुल अलग है।”
ओबीसी युवाओं को राहुल गांधी की अपील: “अपनी ताकत पहचानो”
यह राहुल गांधी का अब तक का सबसे तीखा हमला है मोदी पर राहुल गांधी ने अपने भाषण में ओबीसी समुदाय के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। उन्होंने कहा, “ओबीसी युवाओं से मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वे खुद को कम आंकते हैं। जिस दिन उन्होंने अपनी असली ताकत को पहचान लिया, भारत की राजनीतिक तस्वीर बदल जाएगी।”
राहुल गांधी मोदी पर हमला कर के लगातार विपक्ष को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि जातिगत जनगणना केवल पहला कदम है। उनका उद्देश्य है कि ओबीसी समाज को न केवल सम्मान मिले, बल्कि देश की व्यवस्था में उनकी बराबरी की भागीदारी भी सुनिश्चित हो।
राहुल ने आगे कहा, “अगर मैं किसी चीज का फैसला कर लूं, तो उसे पूरा करके ही छोड़ता हूं। आप मेरी बहन प्रियंका से पूछिए — मैं कभी पीछे नहीं हटता।”
अंग्रेजी भाषा को लेकर बीजेपी पर निशाना
राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बीजेपी नेता दावा करते हैं कि वे अंग्रेजी भाषा को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन जब उनके बच्चों की पढ़ाई की बात आती है, तो वे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में ही पढ़ते हैं। कुछ तो लंदन और अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। क्या वहां वे हिंदी में पढ़ते हैं? नहीं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदी, तमिल, कन्नड़, पंजाबी जैसी क्षेत्रीय भाषाएं जितनी जरूरी हैं, उतनी ही अहमियत अंग्रेजी की भी है। उनका मानना है कि देश में सभी भाषाओं को बराबर सम्मान मिलना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय:
राहुल गांधी के इस बयान से राजनीति में हलचल मच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें राहुल गांधी मोदी की लोकप्रियता को सीधे चुनौती दे रहे हैं। ओबीसी सम्मेलन जैसे मंच पर दिया गया यह बयान आने वाले चुनावों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
भविष्य की रणनीति:
राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जातिगत जनगणना, सामाजिक न्याय और भाषा के मुद्दों को लेकर देशभर में अभियान चलाएंगे। इससे साफ है कि कांग्रेस अब सामाजिक आधार पर भाजपा को घेरने की तैयारी में है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जहां एक तरफ उन्होंने पीएम मोदी की छवि को सीधे तौर पर चुनौती दी, वहीं दूसरी ओर उन्होंने ओबीसी समाज को सशक्त बनाने का संदेश भी दिया। आने वाले चुनावी माहौल में उनके ये तेवर किस दिशा में जाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बड़ा एक्शन: बिजली अधिकारी की बदसलूकी का ऑडियो वायरल, SE सस्पेंड

लखनऊ / बस्ती:
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एक बार फिर अपने विभाग के अधिकारियों पर जमकर बरसे हैं। इस बार वजह बनी है एक बिजली उपभोक्ता से विभागीय अधिकारी की असंवेदनशील बातचीत, जिसकी ऑडियो क्लिप खुद मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। मंत्री ने इस पूरे मामले में तुरंत सख्त एक्शन लेते हुए बस्ती जिले के SE प्रशांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह ऑडियो उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने भेजा, जिसमें एक पढ़े-लिखे उपभोक्ता और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के बीच हुई बातचीत है। मंत्री के अनुसार, अधिकारी का व्यवहार बेहद असंवेदनशील और अमर्यादित था। उन्होंने लिखा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि कई बार अधिकारियों को चेताया जा चुका है कि जनता की शिकायतों को गंभीरता से लें।
शर्मा ने आगे लिखा, “यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, एमडी और अन्य अधिकारियों से भी कही थी। 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्थाएं सिर्फ पूरक हो सकती हैं, विकल्प नहीं।”
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि अधिकारी फोन उठाना तक बंद कर चुके हैं, और इससे जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा —
“तितलौकी तो थी ही, अब नीम पर चढ़ गई।”
उन्होंने बताया कि कई बार मौखिक और लिखित रूप से गलत फैसलों का विरोध किया गया, लेकिन इसके बावजूद अव्यवहारिक और असमय निर्देश दिए जाते रहे हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बैठक में उन्हें गुमराह करने की कोशिश भी की और गलत जानकारी दी।
मंत्री ने X पोस्ट में लिखा, “अब आप खुद वह ऑडियो सुनिए और सच्चाई को समझिए।”
इसके साथ ही उन्होंने उस वरिष्ठ नेता का वॉट्सऐप मैसेज भी साझा किया, जिसमें लिखा गया था कि बस्ती शहर के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं थी और रात 8 बजे तक कोई भी अधिकारी कॉल रिसीव नहीं कर रहा था। जब अधीक्षण अभियंता को फोन किया गया तो उनका व्यवहार बेहद असंवेदनशील था।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी:
“बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें, समस्याओं का त्वरित समाधान करें और शालीन भाषा में बात करें — अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।”
रविवार सुबह मंत्री ने जानकारी दी कि उपभोक्ता की शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सभी विद्युत कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्रभावी और त्वरित ढंग से सुलझाया जाए।
निष्कर्ष:
ऊर्जा मंत्री का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि अब लापरवाही और संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता की सेवा में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के लिए अब जवाबदेही अनिवार्य है। मंत्री का संदेश साफ है —
“उपभोक्ता देवो भवः” — और अब शासन का रवैया भी उसी अनुरूप सख्त।
उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में बिजली संकट से हाहाकार: ट्रांसफार्मर जले, लाइनमैन झुलसे, अस्पताल और गांव अंधेरे में

📍 गोरखपुर, संवाददाता रिपोर्ट
भीषण उमस और गर्मी के बीच गोरखपुर में बिजली संकट ने शहर से लेकर गांव तक लोगों को बेहाल कर दिया है। बिछिया, बड़हलगंज, उरुवा, शाहपुर और मोहद्दीपुर जैसे इलाकों में घंटों बिजली आपूर्ति ठप है। लाइनमैन करंट से झुलस गए, कई ट्रांसफार्मर फुंक गए और उपभोक्ता बिजली विभाग के खिलाफ विरोध पर उतर आए हैं।
🔌 बिछिया में हादसा, लाइनमैन झुलसा
बिछिया में एक निविदा लाइनमैन मुन्ना उर्फ अब्बास अली फ्यूज जोड़ते वक्त करंट की चपेट में आकर झुलस गया। उसने फोन पर शटडाउन की मांग की थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया। अब वह निजी अस्पताल में भर्ती है। इसी क्षेत्र में रात में ट्रांसफारर जल गया लेकिन नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया, सिर्फ रिपेयरिंग होती रही।
💡 बड़हलगंज और उरुवा में 12 घंटे तक बिजली गायब
बड़हलगंज क्षेत्र में 21 जुलाई से लगातार बिजली संकट जारी है। कई क्षेत्रों में 12 घंटे तक बिजली नहीं है। उरुवा, सिकरीगंज, गुलरिहा, हरसेवकपुर, मोगलहा, सेमरा, बड़हलगंज जैसे इलाकों में भी घंटों बिजली गुल रहती है।
🏥 अस्पताल में बिजली गुल, वैक्सीन खराब होने की आशंका
बड़हलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वज्रपात से ट्रांसफार्मर जल गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। कई पंखे, फ्रीजर, और उपकरण जल गए। रेफ्रिजरेटर में रखी वैक्सीन खराब होने की आशंका है। अधीक्षक ने बताया कि सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और निगम को पत्र लिखा गया है।
⚡ ग्रामीण इलाकों में हफ्तों से जला ट्रांसफार्मर नहीं बदला
सहजनवां, पीपीगंज, सरदारनगर सहित कई ग्रामीण इलाकों में महीनों से जले ट्रांसफार्मर को नहीं बदला गया। सेमरी ट्यूबवेल का ट्रांसफार्मर एक महीने से जला है, जिससे किसानों को सिंचाई में दिक्कत हो रही है।
🧯 ट्रक ने पोल में मारी टक्कर, 11 हजार वोल्ट की लाइन बाधित
पीपीगंज के जसवल-फरदहनी मार्ग पर ट्रक ने 11 केवी लाइन के पोल को टक्कर मार दी, जिससे दर्जनों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। देर शाम जाकर आपूर्ति बहाल हो सकी।
🏙️ शहरी क्षेत्र में ओवरलोडिंग, उपभोक्ता परेशान
मोहद्दीपुर, हाइडिल, रामनगर, सैनिक विहार, श्रीरामपुरम, शिवाला नगर, अयोध्यापुरम और हनुमंत नगर जैसे शहरी इलाकों में लो-वोल्टेज, घंटों कटौती, और ट्रांसफार्मर ओवरलोडिंग से उपभोक्ता बुरी तरह परेशान हैं।
👏 अभियंताओं ने खुद की बिजली काटकर उपभोक्ताओं को दी राहत
जब मोहद्दीपुर उपकेंद्र पर ओवरलोडिंग बढ़ गई तो अधिकारियों ने अपनी कॉलोनी की बिजली आपूर्ति काटकर उपभोक्ताओं को बिजली दी। हाइडिल कॉलोनी में चार घंटे तक अंधेरा रहा, पर इससे मोहद्दीपुर, बिछिया जैसे क्षेत्रों को कुछ राहत मिल सकी।
🔧 पादरी बाजार की ओवरलोड समस्या जल्द होगी खत्म
जंगल धूसड़ क्षेत्र को नइयापार उपकेंद्र से बिजली देने की योजना के बाद पादरी बाजार उपकेंद्र पर लोड कम होने की उम्मीद है। जेई विजय सिंह ने कहा कि इससे निर्बाध आपूर्ति संभव होगी।
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उत्तर प्रदेश
गोरखपुर में स्पा सेंटर पर प्रशासन का बड़ा एक्शन: अनैतिक गतिविधियों की सूचना पर छापा, सेंटर सीज, पांच युवतियां मिलीं, संचालक फरार

📍 बड़हलगंज, गोरखपुर/ 26 जुलाई 2025
गोरखपुर के बड़हलगंज कस्बे में संचालित एक स्पा सेंटर पर शनिवार को तहसील प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर दी। अनैतिक गतिविधियों की गोपनीय सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। स्पा सेंटर ग्रीन डायमंड ब्यूटी एंड स्पा, जो कि पीटर इंग्लैंड शो रूम के ऊपर तीसरी मंजिल पर संचालित हो रहा था, को प्रशासन ने मौके पर सीज कर दिया।
छापेमारी के समय पांच बालिग युवतियां और एक अधेड़ व्यक्ति मौके पर पाए गए, जिनमें दो युवतियां कानपुर से थीं। संचालक पुलिस को देखकर मोबाइल छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है।
👮♂️ प्रशासनिक टीम में शामिल अधिकारी:
- उपजिलाधिकारी गोला: अमित कुमार जायसवाल
- नायब तहसीलदार: जयप्रकाश कुमार
- थानाध्यक्ष: चंद्रभान सिंह
- पुलिस बल: बड़हलगंज थाना
📢 प्रशासन का बयान:
उपजिलाधिकारी अमित जायसवाल ने बताया कि कुछ समय से यहां स्पा की आड़ में संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें मिल रही थीं। मौके पर प्रामाणिक दस्तावेज न मिलने के कारण सेंटर को सीज किया गया है। युवतियों ने पूछताछ में बताया कि वे बालिग हैं और स्वेच्छा से कार्य कर रही थीं।
🔍 मुख्य बिंदु:
- कॉलेज तिराहे के पास स्थित स्पा पर छापा
- संचालक फरार, मोबाइल जब्त
- पांच युवतियां मिलीं, दो कानपुर से
- कागजात न मिलने पर स्पा सेंटर सीज
- क्षेत्र में प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर चर्चाओं का दौर
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अपराध
गोरखपुर में सेवानिवृत्त वायुसेना कर्मी का फिल्मी अंदाज में अपहरण, 15 घंटे में पुलिस ने सकुशल कराया रिहा

गोरखपुर संवाददाता, 25 जुलाई 2025
शहर में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब रेलवे स्टेडियम जा रहे 65 वर्षीय सेवानिवृत्त एयरफोर्सकर्मी अशोक जायसवाल को कौवाबाग अंडरपास पर हथियारबंद बदमाशों ने अगवा कर लिया। अपहरणकर्ताओं ने अशोक की पत्नी डॉ. सुषमा जायसवाल से व्हाट्सएप कॉल पर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।
अशोक, जो बस्ती जिले में तैनात चिकित्सक की पत्नी के रूप में जाने जाते हैं, रोज़ की तरह सुबह 5:30 बजे साइकिल से रोज़ की तरह रेलवे स्टेडियम में स्विमिंग करने के लिए निकले थे। जैसे ही वह कौवाबाग अंडरपास पहुँचे, एक कार आकर रुकी। उसमें से दो युवक उतरे और तमंचा सटाकर उन्हें जबरन गाड़ी में बैठा लिया। उनका मोबाइल छीन लिया गया और उसी के बाद फिरौती की कॉल की गई।

पुलिस की तत्परता और हाईटेक ट्रैकिंग
एसएसपी राज करन नय्यर के निर्देश पर सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और शाहपुर पुलिस की 6 टीमें गठित की गईं। पुलिस ने टोल प्लाजा डेटा, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की मदद से अपहरणकर्ताओं का पीछा किया जो बड़हलगंज, संतकबीरनगर और आज़मगढ़ होते हुए गाड़ियों से इधर-उधर घूम रहे थे।
शाम 8:30 बजे नौसढ़ के पास पुलिस ने घेराबंदी कर अपहरणकर्ताओं की कार को रोककर अशोक जायसवाल को सकुशल बरामद कर लिया।
अपहरणकर्ता कौन थे?
पुलिस ने मौके से तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
- करुणेश दूबे – शंकरपुर, बेलघाट
- श्याम सुंदर उर्फ गुड्डू यादव – ढेबरा, सिकरीगंज
- जनार्दन गौड़ – बलुआ निवासी
पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्हें अशोक जायसवाल के पास बड़ी रकम होने की जानकारी थी, इसलिए फिरौती के लिए अपहरण की योजना बनाई। वे लगातार मोबाइल से अशोक से फोन कराकर मामले को निजी विवाद जैसा दिखाने की कोशिश करते रहे ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।
पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, घटना में प्रयुक्त वाहन को कब्जे में लिया गया है और तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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एक्सक्लूसिव
झालावाड़ में बड़ा हादसा: सरकारी स्कूल की छत गिरी, 7 बच्चों की मौत, 29 घायल

झालावाड़, राजस्थान, 26 जुलाई 2025
13 मासूमों की हालत गंभीर, समय पर नहीं पहुँची एम्बुलेंस, 5 शिक्षक सस्पेंड
राजस्थान के झालावाड़ ज़िले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। पिपलिया गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिसमें 7 बच्चों की मौत हो गई, और 29 घायल हो गए। 13 बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्कूल भवन की हालत पहले से जर्जर थी, लेकिन प्रशासन ने कोई मरम्मत कार्य नहीं करवाया। हादसे के वक्त स्कूल के 5 शिक्षक ड्यूटी पर नहीं थे, जिन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया है।
हादसे की प्रमुख बातें एक नजर में:
- हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ, जब बच्चे प्रार्थना के बाद क्लास में पहुँचे थे।
- स्कूल की एक पूरी छत अचानक गिर गई, जिससे करीब 36 बच्चे मलबे में दब गए।
- 7 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, 29 घायल हैं।
- 13 बच्चों की हालत गंभीर, कुछ को कोटा और जयपुर रेफर किया गया है।
- 5 शिक्षक सस्पेंड – नाम: कमल, कुंदन, दुर्गेश, अनुज, विशाल।
- स्थानीय लोगों और परिजनों ने खुद राहत और बचाव कार्य किया, प्रशासन और एम्बुलेंस देर से पहुँची।
- बाल अधिकार आयोग और मुख्यमंत्री कार्यालय ने जाँच के आदेश दिए।
ग्रामीणों और परिजनों का दर्द:
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की दीवारों और छतों में पहले से दरारें थीं, जिनकी जानकारी बार-बार अधिकारियों को दी गई, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई।
“हमारे बच्चों को यूँ मलबे में दबकर मरना पड़ा क्योंकि अधिकारियों ने अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाई। यह हादसा नहीं, हत्या है।” – एक अभिभावक का बयान
मदद नहीं पहुँची समय पर:
- घटना के करीब एक घंटे तक कोई एम्बुलेंस या अधिकारी नहीं पहुँचा।
- घायल बच्चों को परिजनों और ग्रामीणों ने खुद अपनी गाड़ियों से अस्पताल पहुँचाया।
- यदि राहत और बचाव समय पर होता, तो शायद कुछ बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
स्कूल की हालत पहले से थी खराब:
- स्कूल भवन में मरम्मत की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही थी।
- बारिश के कारण छत और कमजोर हो चुकी थी।
- जिस ब्लॉक में हादसा हुआ, वह 20 साल से अधिक पुराना था।
- भवन को कभी “जर्जर” घोषित नहीं किया गया, न ही रिपोर्ट में इसका ज़िक्र था।
शिक्षक सस्पेंड, प्रशासन पर सवाल
शिक्षा विभाग ने घटना के बाद कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया।
उन्हीं पर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, लेकिन घटना के समय सभी शिक्षक स्कूल से बाहर थे।
विधायक और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
घटना स्थल का दौरा करने पहुंचे स्थानीय विधायक ने इसे “प्रशासनिक हत्या” बताया और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
राज्य सरकार ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतक बच्चों के परिवारों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
निष्कर्ष:
यह हादसा सिर्फ दीवार या छत गिरने का नहीं, बल्कि सिस्टम के गिरने का प्रतीक है। जब तक प्रशासनिक लापरवाही और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाएगी, ऐसे हादसे होते रहेंगे। यह घटना एक सतर्क करने वाली चेतावनी है कि शिक्षा और संरचना दोनों की गंभीर उपेक्षा कितनी भारी पड़ सकती है।
अपराध
नाबालिग के साथ दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार, निशातगंज पुल से पकड़ा गया अरमान अंसारी

📍 लखनऊ, उत्तर प्रदेश | संवाददाता विशेष
चिनहट पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए नाबालिग के साथ दुष्कर्म के नामजद आरोपी अरमान अंसारी को महानगर क्षेत्र के निशातगंज पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद फरार चल रहा था और लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था।
🔍 क्या है पूरा मामला?
चिनहट क्षेत्र की निवासी एक महिला ने 24 जुलाई 2025 को थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री को मोहम्मद अरमान अंसारी (पुत्र शरफुद्दीन, निवासी 536/108 खदरा, मदेयगंज थाना क्षेत्र) बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
महिला की तहरीर पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने हर पहलू को गंभीरता से खंगाला।
🚨 गुप्त सूचना और गिरफ्तारी की कार्रवाई
शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिली कि अरमान अंसारी निशातगंज पुल के पास मौजूद है और वहां से फरार होने की फिराक में है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मिश्रा अपनी टीम — वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनोज कुमार सिंह, उपनिरीक्षक संजय सिंह यादव और कांस्टेबल अभिषेक के साथ मौके पर पहुंचे और घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
🗣️ पुलिस का बयान
इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि, “पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की गंभीरता को देखते हुए हमने विशेष टीम बनाकर जांच की। आरोपी फरार चल रहा था और वह जल्द ही शहर छोड़ने वाला था। समय रहते उसे पकड़ लिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।”
⚖️ कानूनी कार्रवाई जारी
गिरफ्तार आरोपी को मेडिकल जांच के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य:
- आरोपी का नाम: मोहम्मद अरमान अंसारी
- पीड़िता: नाबालिग (परिवार की गोपनीयता हेतु नाम उजागर नहीं)
- धाराएं: दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, अपहरण
- गिरफ्तारी स्थल: निशातगंज पुल, लखनऊ
- कार्यवाही में शामिल अधिकारी: इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा व टीम
📢 PURVANCHAL BHARAT NEWS अपील करता है कि ऐसे मामलों में पीड़िता की पहचान उजागर न करें और कानून को सहयोग दें।
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उत्तर प्रदेश
सीएम योगी का बड़ा ऐक्शन मोड: बिजली व्यवस्था में लापरवाही पर कड़ी चेतावनी, सुधार नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई

लखनऊ, 26 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था से जुड़ी किसी भी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती पर तुरंत रोक लगाई जाए, और यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई तय है।
मुख्यमंत्री योगी की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब प्रदेश के कई हिस्सों से लगातार बिजली की समस्याओं की शिकायतें मिल रही थीं। गर्मी के मौसम में ट्रिपिंग, अनियमित कटौती और गलत बिलिंग जैसे मुद्दों ने उपभोक्ताओं को परेशानी में डाल दिया था। ऐसे में योगी सरकार की यह समीक्षा बैठक जनहित में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।
“न बिजली की कमी, न पैसे की—फिर भी शिकायतें क्यों?”
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के अफसरों से सीधा सवाल किया कि जब प्रदेश में बिजली उत्पादन की कोई कमी नहीं है, बजट की भरपूर उपलब्धता है और तकनीकी संसाधनों में लगातार निवेश हो रहा है, तब भी उपभोक्ताओं को शिकायत क्यों है?
मुख्यमंत्री ने कहा:
“बिजली अब कोई साधारण सेवा नहीं है, यह जनता की बुनियादी ज़रूरत है। इसे जनसेवा नहीं, जनअधिकार की तरह देखा जाना चाहिए।“
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनता को सही समय पर बिजली बिल मिलना चाहिए और किसी भी हालत में ओवरबिलिंग न हो। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक उपभोक्ता को समय पर और सही बिल मिले ताकि उपभोक्ता और विभाग दोनों के बीच पारदर्शिता बनी रहे।
फील्ड रियलिटी का लेखा-जोखा मांगा गया
सीएम योगी ने बिजली विभाग के सभी डिस्कॉम (DISCOM) अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड रियलिटी यानी ज़मीनी हकीकत की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कौन-से इलाके में कितनी बार बिजली कटती है? कहां ट्रांसफॉर्मर बार-बार फेल हो रहे हैं? किस क्षेत्र में कितनी उपभोक्ता शिकायतें आ रही हैं? इन सभी का स्पष्ट डेटा 7 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
हर मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो – सीएम
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया कि चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या मानसून—हर मौसम में 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती की शिकायत अब सरकार की साख से जुड़ चुकी है और इस पर लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तकनीकी सुधारों पर ज़ोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीकी सुधारों और बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि:
- लाइन लॉस (Line Loss) को हर हाल में कम किया जाए।
- ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जाए और पुराने उपकरणों को बदला जाए।
- स्मार्ट मीटरिंग को केवल शहरों तक सीमित न रखा जाए, इसे ब्लॉक स्तर तक फैलाया जाए।
- हर उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाए ताकि बिलिंग और खपत में पारदर्शिता बनी रहे।
ऊर्जा उत्पादन क्षमता में इजाफा
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार घाटमपुर, खुर्जा, पनकी और मेजा जैसी परियोजनाओं में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। ये परियोजनाएं प्रदेश की कुल ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा पूरा करेंगी। साथ ही, इससे आने वाले वर्षों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
किसानों को मिलेगा सौर ऊर्जा का लाभ
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया गया—राज्य के सभी ट्यूबवेलों को चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे जहां किसानों का बिजली बिल घटेगा, वहीं राज्य को भी बिजली खर्च में राहत मिलेगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जवाबदेही तय होगी, लापरवाही पर होगी कार्रवाई
सीएम योगी ने अंत में यह दोहराया कि अब से हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी। यदि किसी भी क्षेत्र में बिजली से जुड़ी समस्या को समय रहते हल नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
🔍 निष्कर्ष (Conclusion):
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह समीक्षा बैठक केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक स्पष्ट चेतावनी है कि सरकार अब जनता की बुनियादी ज़रूरतों पर कोई समझौता नहीं करेगी। बिजली व्यवस्था की पारदर्शिता, गुणवत्ता और सततता सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी ताकत से मैदान में उतर चुकी है।
अगर इन निर्देशों को जमीनी स्तर पर गंभीरता से लागू किया गया तो उत्तर प्रदेश न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि “24×7 पावर सप्लाई” वाला देश का अग्रणी राज्य भी बन सकता है।
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