लखनऊ: बीता वर्ष 2020 भारत के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक पटल पर बहुत उथल-पथल भरा रहा है।देश-दुनिया मे कोविड-19 की महामारी के चलते आर्थिक मंदी ने सभी देशों की कमर तोड़ दिया।बेरोजगारी मंहगाई भी अपने चरम पर रही।लेकिन ज्योतिष की यदि मानें तो भारत 2021 में सारी बाधाओं को पार करते हुए वैश्विक पटल पर अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करेगा।
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वर्ष 2021 में पूरे साल शनि का संचार मकर राशि में, राहु वृष में, केतु वृश्चिक में और बृहस्पति मार्च तक मकर में और पांच पांच से कुंभ राशि में संचार करेंगे। नए साल का आगमन कन्या लग्न और कर्क राशि में होगा। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि 2021 की वर्ष प्रवेश कुंडली में लग्नेश बुध और चंद्रमा दोनों ही अच्छी एवं मजबूत स्थिति में होंगे। यह इस बात का संकेत है कि नया साल वैश्विक पटल पर सकारात्मक परिवर्तन और उन्नति लेकर आएगा। 2020 के संकटों से राहत मिलेगी। वर्ष प्रवेश कुंडली में लग्नेश बुध की स्थिति बहुत अच्छी है, ऐसे में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी घट जाएगी।
हालांकि नए साल का आगमन राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना महामारी में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा, लेकिन अभी मार्च तक देवगुरू बृहस्पति अपनी नीच राशि में ही संचार करेंगे। लेकिन पांच अप्रैल को बृहस्पति के नीच राशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते ही नया साल अपना पूर्ण प्रभाव देने लगेगा। कोरोना से बचाव और वैक्सीन की उपलब्धता तेजी से आगे बढ़ेगी। राष्ष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे बदलाव होंगे। भारत की कुंडली के हिसाब से भी पूरे साल बृहस्पति का संचार भारत की कुंडली के कर्म स्थान में रहेगा जो आने वाले साल में देश मे नए रोजगारों को बढ़ाएगा। वैश्विक पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
बावजूद इसके 2021 की प्रवेश कुंडली में मंगल आठवें भाव में स्थित है। भारतीय पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2021 से हिन्दू नववर्ष का आरंभ होगा। इस बार नए सम्वत का राजा और मंत्री दोनों पद मंगल के पास रहेंगे। ऐसे में नए साल का राजा और मंत्री मंगल होने से 2021 में प्राकृतिक घटनाएं, आंधी-तूफान, अग्नि दुर्घटनाएं सामान्य से अधिक रहेंगी। मंगल के प्रभाव के कारण समाज में आपसी विवाद, राजनैतिक विवाद, अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद बढ़ेंगे। भारत के संवेदनशील क्षेत्रों और सीमाओं पर आतंकी गतिविधियां भी हो सकती हैं। लेकिन राजा मंगल होने से सेना इन गतिविधियों को कुचलने में कामयाब रहेगी।
(ये जानकारियां धार्मिक मान्यताओं,आस्था व भारतीय पञ्चाङ्ग पर आधारित हैं।)