दुनिया
अबू धाबी जाने वालों के लिए कोविड-19 टेस्ट अब अनिवार्य नहीं

मुम्बई’
अबू धाबी ने शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अन्य हिस्सों से आने वाले लोगों के लिए कोविड-19 टेस्ट कराने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अबू धाबी ने शनिवार को यह घोषणा की। इसमें कहा गया कि संयुक्त अरब अमीरात के छह अन्य अमीरात से आने वाले लोग रविवार से बिना जांच के भी राजधानी में प्रवेश कर सकते हैं।
यूएई की सरकारी न्यूज एजेंसी वाम के मुताबिक, अभी तक यूएई की राजधानी में अमीरात के अन्य हिस्सों से प्रवेश के लिए पीसीआर टेस्ट का निगेटिव होना अनिवार्य था। इस महीने की शुरुआत में अबू धाबी ने विदेशों से आने वाले ऐसे लोगों को क्वारंटीन करने की अनिवार्यता खत्म कर दी थी, जिनका कोविड-19 टीकाकरण हो चुका था।
बता दें कि 7 अमीरात को मिलाकर संयुक्त अरब अमीरात देश का गठन किया गया था। अबू धाबी की अर्थव्यवस्था काफी हद तक तेल पर टिकी है। अबू धाबी ने कोरोना महामारी के चलते महीनों तक यात्रा को बैन कर दिया था। वहीं उसके पड़ोसी दुबई ने तेजी से पर्यटकों को अपने यहां आने अनुमति दी थी। हालांकि अभी भी अबू धाबी ने कुछ सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत को अनिवार्य किया हुआ है।
अबू धाबी ने यह फैसला पॉजिटिविटी रेट के घटकर 0.2 फीसदी पर आने के बाद किया है। इसका मतलब है कि वहां अब 100 लोगों के कोरोना टेस्ट कराने पर सिर्फ 0.2 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। अबू धाबी के यात्रा बैन का सबसे ज्यादा असर काम के लिए रोजाना अबूधाबी से दुबई आने-जाने वाले लोगों पर हुआ था। अबू धाबी और दुबई में भारतीय समुदाय भी बड़ी संख्या में रहता है।
इसके अलावा अबू धाबी ने होम क्वारंटीन में रहने वाले लोगों के लिए कलाई में बांधने वाले स्मार्टबैंड को भी पहनने की जरूरत खत्म कर दी गई है। इस स्मार्टबैंड के जरिए अबू धाबी का प्रशासन यह नजर रखता है कि कोई शख्स क्वारंटीन नियमों का पालन कर रहा है या नहीं।
उड़ान
गौतम अडानी बने दुनिया के दूसरे रईस आदमी

पूर्वांचल भारत न्यूज़
फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स सूची के अनुसार गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे रईस आदमी बन गए हैं। अब दुनिया के टॉप टेन अरबपतियों की लिस्ट में पहले स्थान पर एलन मस्क के बाद दूसरे स्थान पर गौतम अडानी ही हैं।
अपराध
गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर विशेष

पूर्वांचल भारत न्यूज़
जीवन परिचय
गोस्वामी तुलसीदास जी हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे,
तुलसीदासजी का जन्म संवत 1589 को उत्तर प्रदेश (वर्तमान बाँदा ज़िला) के राजापुर नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। इनका विवाह दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से हुआ था। अपनी पत्नी रत्नावली से अत्याधिक प्रेम के कारण तुलसी को रत्नावली की फटकार “लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ” सुननी पड़ी जिससे इनका जीवन ही परिवर्तित हो गया। पत्नी के उपदेश से तुलसी के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। इनके गुरु बाबा नरहरिदास थे, जिन्होंने इन्हें दीक्षा दी। इनका अधिकाँश जीवन चित्रकूट, काशी तथा अयोध्या में बीता।
तुलसीदास जी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। तुलसी भ्रमण करते रहे और इस प्रकार समाज की तत्कालीन स्थिति से इनका सीधा संपर्क हुआ। इसी दीर्घकालीन अनुभव और अध्ययन का परिणाम तुलसी की अमूल्य कृतियां हैं, जो उस समय के भारतीय समाज के लिए तो उन्नायक सिद्ध हुई ही, आज भी जीवन को मर्यादित करने के लिए उतनी ही उपयोगी हैं। तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथों की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें रामचरित मानस, कवितावली, विनयपत्रिका, दोहावली, गीतावली, जानकीमंगल, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
एक्सक्लूसिव
अपनी दुल्हन आलिया भट्ट के लिए रणबीर कपूर ने विदेश से मंगाया करोड़ों का गिफ्ट

पूर्वांचल भारत न्यूज़
बॉलीवुड इंडस्ट्रीज से खबर है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की तैयारी और फंक्शन शुरू हो गए हैं। इस बीच यह रिपोर्ट आ रही है कि रणबीर कपूर ने आलिया भट्ट के लिए करोड़ों का तोहफा तैयार करवा रहे हैं। मिली जानकारी अनुसार रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी 14 और 15 अप्रैल को होगी। इस शादी में केवल दोनों का परिवार ही शामिल होगा। इसके बाद एक बड़े होटल में बॅालीवुड को पार्टी दिया जा सकता है।
अन्य
भारतीय संविधान के शिल्पकार, महान दलित, पिछड़े वर्ग के चिन्तक, एवं समाज सुधारक बाबा भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन

पूर्वांचल भारत न्यूज़
प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Babasaheb Bhimrao Ambedkar’s birth anniversary) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। विशेष तौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ी जाति के लोगों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है।
बाबा साहेब अम्बेडकर जी का वास्तविक नाम भीमराव रामजी आम्बेडकर है। अपनी कड़ी मेहनत और सिद्धांतों के माध्यम से एक गरीब अछुते बच्चे से भारत सरकार में कई प्रमुख पदों पर पहुंचे। बाबा साहेब पिछड़े वर्ग के अस्पृश्यता और उत्थान से लड़ने वाली प्रमुख हस्तियों में से एक थे। वह संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। बाबा साहेब ने कई पुस्तकें भी लिखी जैसे ‘जाति का विनाश’, ‘शूद्र कौन थे’, ‘बुद्ध और उनका धम्म’ उनकी कुछ महत्वपूर्ण कृतियां हैं।
आईये आज हम भारत के संविधान के जनक बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के जीवन से परिचित होते हैं।
उनके जीवन की कुछ प्रमुख घटनाएं आपको हम क्रम से बताते हैं-
1- भारत के प्रथम कानूनमंत्री डॉ. आम्बेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के ‘महू’ नगर में हुआ था।
2-इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में एक सैन्य छावनी मे दलित परिवार में हुआ था।
3- इनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश भारतीय सेना के सुबेदार थें।
4- माता भीमाबाई के 14 संतानों में ये सबसे छोटे थें।
5- उस समय बाबा साहेब अछूत वर्ग से मैट्रिक पूरा करने वाले पहले व्यक्ति थें।
6- ये कोलंबिया विश्वविद्यालय एवं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से डॉक्टरेट किए थें।
7- अपने जीवनभर इन्होंने अछूतों की समानता के लिए संघर्ष किया।
8- बाबा साहेब आम्बेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है।
9- 1990 में इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
10- मधुमेह बीमारी से पीड़ित बाबा साहेब का 6 दिसंबर 1956 को निधन हो गया।
आइये जानते हैं बाबा साहब के बारे कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें-
1- डॉ भीमराव के जन्मदिवस को अम्बेडकर जयंती के रूप मे मनाया जाता है।
2- बाबा साहेब आंबेडकर ने भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
3- बी. आर. आंबेडकर को उनके अनुयायी बाबा साहेब कहकर पुकारते थें।
4- बाबा साहेब एक कुशल अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता, सफल राजनीतिज्ञ तथा महान समाज सुधारक थें।
5- विदेश से अर्थशास्त्र मे डॉक्टरेट करने वाले बाबा साहेब प्रथम भारतीय थें।
6- डॉ आम्बेडकर कुल 64 विषयों के मास्टर तथा 9 भाषाओं अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, गुजराती, हिंदी, मराठी, संस्कृत, पाली और फारसी के जानकार थें।
7- 50000 पुस्तकों के संग्रह के साथ ‘राजगृह’ में बाबा साहेब का पुस्तकालय भारत का सबसे बड़ा नीजी पुस्तकालय है।
8- भारत मे महिला सशक्तिकरण की दिशा मे 1950 मे “हिन्दू कोड बिल” लाकर पहला प्रयास बाबा साहेब ने ही किया था।
9- 1950 में कोल्हापुर शहर मे बाबा साहेब की पहली प्रतिमा स्थापित की गई।
10- जीवन के अन्तिम समय मे बाबा साहेब हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म मे शामिल हो गए थें।
“सिम्बल ऑफ नॉलेज” कहे जाने वाले बाबा साहेब आम्बेडकर एक महान व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया और समाज में जातिगत भेदभाव के खिलाफ जीवन पर्यन्त संघर्ष करते रहें। भारत के लिए उनके द्वारा किये गये योगदान को सदैव याद रखा जायेगा।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने समाज को हमेशा प्रेरणादायक विचार दिए है, जो लोगों को उनके कर्तव्य और ऊर्जा का एहसास दिलाते हैं। यह प्रेरणादायक विचार कुछ इस प्रकार से हैं…
“शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।”
“जिंदगी लंबी होने की बजाय महान होनी चाहिए।”
“धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।”
“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
“वो लोग कभी इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास को भूल जाते हैं।”
“मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाएं।”
“उदासीनता सबसे खराब तरह की बीमारी है, जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।”
“अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं सबसे पहले इसे जलाऊंगा।”
उत्तर प्रदेश
गौतम अडानी बने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति, मुकेश अंबानी को छोडा पीछे

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गौतम अडानी एंड फैमिली (Gautam Adani & Family) की दौलत अब 90 बिलियन डॉलर हो गई है. अब अडानी एशिया के सबसे अमीर बन गए हैं. वहीं रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी अब इनसे पीछे हो गए हैं।
गौतम अडानी एंड फैमिली (Gautam Adani & Family) की दौलत अब 90 बिलियन डॉलर हो गई है. अब अडानी एशिया के सबसे अमीर बन गए हैं. वहीं रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी अब इनसे पीछे हो गए हैं।
अन्य
इस होली पर आप रंगो के साथ
अपने प्यार का रंग भी बिखेरिये।
आपको ये दुनिया ओर भी रंगीन और खूबसूरत नजर आएगी। होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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अगर आप भी अपने चाहने वाले को होली पर विश करना चाहते हैं तो पूर्वांचल भारत न्यूज के माध्यम से जरूर संपर्क करें:
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टॉप न्यूज़
मुस्लिम संगठनों ने कल कर्नाटक बंद का ऐलान किया, हिजाब विवाद पर SC होली के बाद करेगा सुनवाई

पूर्वांचल भारत न्यूज़
हिजाब विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट सुनवाई की अपील दाखिल की. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा है कि होली की छुट्टियों के बाद इस मामले से जुड़ी अपीलों पर सुनवाई करने पर विचार करेंगे।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम संगठन अमीर-ए-शरियत ने कल गुरुवार को कर्नाटक बंद का ऐलान किया है। संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक है और सभी ऊलेमाओं और मस्जिदों के ईमामों ने शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया है।
वही एक तरफ कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में हिजाब पर बैन को बरकरार रखा था। फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दो अहम बातें कहीं। पहली- हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
दूसरी- स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज की तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।