आज उन्होंने अपने जीवन की अंतिम साँस ली । मैं जीवन में पहली बार किसी राजनेता के निधन पर इतना भावुक हुआ हूँ। दलितों, वंचितों, शोषितों की आवाज को अपने जीवन का मकसद समझने वाले नेता जी ने अपना सर्वस्व जीवन सामाजिक न्याय की उस अवधारणा के लिए व्यतीत किया , जिसकी भरपाई हो ही नहीं सकती । 3 बार उत्तर – प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे , भारत सरकार में रक्षा मंत्री रहे , नेता जी ने एक शिक्षक के रूप में सर्वप्रथम अपने कैरियर की शुरुआत की थी। जन नेता, किसान नेता, शिक्षक, कर्मचारी सभी के लिए समुन्नति का द्वार उन्हने खोल रखा था। अभी बहुत कम लोग जानते होंगे कि वे हिंदी भाषा के सजग प्रहरी भी थे। उत्तर -प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा में पत्राचार का नियम उन्होंने बनाया था। रक्षा मंत्री रहते हुए , उन्होंने सर्वप्रथम यह व्यवस्था बनाई की सैनिकों के शहीद होने पर उनके शव को यदा – कदा उनके परिजनों को घर पहुचायी जाय। आप 2 बार भारत वर्ष के प्रधानमंत्री बनते -बनते रह गए । आपके भीतर 17 अति पिछड़ी जातियों को लेकर विशेष संवेदना थी , और इनके हित को लेकर 2 बार इनके हक और अधिकार को देने के प्रयास में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा। दस्यु सुंदरी फूलन देवी को 2 या 3 बार संसद में भेजने का कार्य किया। यह दर्शाता है कि आप सामाजिक मूल्यों एवं दलित , वंचित समाज के सच्चे पुरोधा थे। निरन्तर संघर्ष इनके जीवन का एक अंग रहा। इमरजेंसी में आप जेल भी गए थे। जिस दौरान आपने जेल में कई सामाजिक नेताओ , चिंतकों के सानिध्य में आकर अपने व्यक्तित्त्व और सामाजिक विचारधारा को और मुखर किया । लोहिया , जयप्रकाश नारायण, जनेश्वर मिश्र, चौधरी चरण सिंह आपके पथ के साथी रहे। आप भीतर से जितने मुलायम थे तो व्यक्तिव से उतने ही क्रन्तिकारी । देश ने आज एक अनमोल हीरा खोया है , जिसकी भरपाई अब सम्भव नहीं है । आप हमारे ह्रदय में सदैव जिंन्दा रहेंगे । और आपके सपनो के समाजवाद को हम सभी और आगे ले जाएंगे और पूरी दुनियां में आपके विचारों को प्रकाशित करने का कार्य करेंगे।
नेताजी मुलायम सिंह यादव का निधन
उत्तर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित
CM योगी ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया
अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा-CM।